कोझीकोड (केरल) : मंदिर के निकट की भूमि को हडपने के मुसलमान अनाथालय के प्रयासों को संघटित हिन्दुओं ने किया विफल !

‘हिन्दुसंगठन’ की विजय !

  • ‘क्षेत्र भूमि संरक्षण वेदी’ नामक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ने किया नेतृत्व !

  • हिन्दुओं, इस सफलता के लिए भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करें !

  • इरूवंजिपुझा नदी के प्रवाह में स्थित 'त्रिक्कुडमन्ना' नामक शिव का ऐतिहासिक मंदिर
    इरूवंजिपुझा नदी के प्रवाह में स्थित ‘त्रिक्कुडमन्ना’ नामक शिव का ऐतिहासिक मंदिर

तिरुवनंतपुरम : ‘ईश्‍वर का देश’ (गॉड्स ओन कंट्री) इस नाम से, स्वयं की पहचान रहनेवाला राज्य ‘केरल’ ! परंतु आज यहां की महिलाएं तथा बच्चों की होनेवाली तस्करी जैसे अप्रिय घटनाओं के कारण यह राज्य विशेष चर्चा में है ! विशेषरुप से, मल्लपुरम जनपद में इस प्रकार की घटनाएं अब बडी मात्रा में हो रही हैं !

यहां प्रशासन की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के साथ पक्षपात किया जाता है। न्याय्य मांगो के लिए आवाज उठानेवाले हिन्दूओं पर आक्रमण हो रहे हैं ! यहां के मलबार क्षेत्र में तो हिन्दुओं को अलग ही प्रकार के आघातों का सामना करना पड रहा है। यहां के हिन्दु मंदिरोंपर समाज के विभिन्न वर्गोंद्वारा आक्रमण हो रहे हैं। साथ ही श्रद्धालु हिन्दुओंके उपासना के अधिकारोंपर भी आक्रमण किया जा रहा है !

इसी प्रकार की ही एक घटना राज्य के कोझीकोड जनपद के मुक्कम गांव की है। इस गांव में इरूवंजिपुझा नामक एक नदी बहती है। इस नदी के प्रवाह में त्रिक्कुडमन्ना नामक एक शिव का ऐतिहासिक मंदिर है। मंदिर के निकट ही एक मुसलमान अनाथालय भी है।

केरल विधानसभा चुनाव की पार्श्वभूमि पर जनता का पूरा ध्यान चुनाव तथा उस से संबंधित घटनाक्रम की ओर होने का अनुचित लाभ उठाकर धर्मांधों ने अनाथालय के निकट नदी के प्रवाह पर अतिक्रमण कर वहां घेरा (compound wall) बनाना आरंभ किया। इस का संभावित परिणाम यह हो सकता है कि, इस से नदी के प्रवाह में परिवर्तन होकर वर्षाऋतु में पूरा मंदिर बह जायेगा !

‘क्षेत्र भूमि संरक्षण वेदी’ नामक स्थानीय हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन के कार्यकर्ताओं ने धर्मांधोंके इस षड्यंत्र को समयपर ही पहचानकर वहां जाकर पूरे परिस्थिति का अध्ययन किया। संगठन के उपाध्यक्ष श्री. रत्नाकरन ने अतिरिक्त जिलाधिकारी, पुलिस उपायुक्त एवं मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर इस पूरे प्रकरण की याचिका तत्परता से प्रविष्ट की। चुनाव निकट होने से ऐसे कृत्यों के माध्यम से कानून-व्यवस्था को बाधा पहुंचाने के प्रयास हो रहे हैं, इससे श्री. रत्नाकरन ने प्रशासकीय अधिकारियों को अवगत कराया।

हिन्दु समय पर ही सतर्क हो गए। उन्होंने स्थानीय प्रशासन की ओर धर्मांधों के इस षड्यंत्र के संदर्भ में जानकारी देकर इस निर्माण कार्य को तोडने की जोर-शोर से मांग की !

हिन्दु संगठन के कारण, प्रशासनपर दबाव आया और उन्होंने धर्मांधों ने किए हुए निर्माण कार्य को तोडने की कार्रवाई आरंभ की !

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने तत्परता के साथ गांव के अधिकारी के माध्यम से मुसलमान अनाथालय को नदी के प्रवाह में भूमि हडपकर चालू किए हुए निर्माण कार्य को त्वरित रुकवाने का आदेश दिया। यह होनेपर भी नदी का प्रवाह हडपने की अनुमति अनाथालय को दी जाए, ऐसी मांग करते हुए धर्मांध स्थानीय प्रशासकीय अधिकारियोंपर दबाव ला रहे हैं ! (धर्मांधों की चालबाजी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

दूसरी ओर ‘क्षेत्र संरक्षण वेदी’ के हिन्दुत्वनिष्ठों ने स्थानीय हिन्दु एवं हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को त्रिकुडमन्ना शिव मंदिर की रक्षा हेतु संगठित होने का आवाहन किया है। (धर्मरक्षा हेतु हिन्दुओंपर इस प्रकार से आवाहन करने की नौबत आना, हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद है ! इस तरह का आवाहन, अन्य धर्मियों को कभी उनके लोगों को संघटित होने के लिए करना पडता है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

उत्तर केरल के हिन्दुसंगठन की यह छोटी सी विजय होगी; परंतु गत माह में ही जिहादी संगठनोंद्वारा दी गई धमकी के कारण इरिंगावूर भगवती मंदिर में आयोजित की गई पूजा हिन्दुओं को स्थगित करनी पडी थी ! (बहुसंख्यक होनेवाले समाज को बार-बार ऐसे अत्याचारों का सामना करना पड़े, ऐसा विश्‍व का एकमात्र देश, भारत ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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