‘हिन्दूविरोधी शक्तियों का प्रतिकार’ इस विषयपर ‘वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में मान्यवरों ने किया उद्बोधन

बाएं से सतीश कुमार, श्री. कपिल मिश्रा, पू. श्री.ष.ब्र.प्र.१०८ (डॉ.) विरुपाक्ष शिवाचार्य महास्वामीजी, अधिवक्ता (श्रीमती) रचना नायडू और सूत्रसंचालन में श्री. कार्तिक साळुंखे

वीरशैव लिंगायत हिन्दू ही हैं ! – पू. श्री.ष.ब्र.प्र.१०८ (डॉ.) विरुपाक्ष शिवाचार्य महास्वामीजी, मठाधिपति, गणाचार्य मठ संस्थान, मुखेड, नांदेड, महाराष्ट्र

पू. श्री.ष.ब्र.प्र.१०८ (डॉ.) विरुपाक्ष शिवाचार्य महास्वामीजी, मठाधिपति, गणाचार्य मठ संस्थान, मुखेड, नांदेड, महाराष्ट्र

रामनाथ देवस्थान – लिंगायत एक बोलीभाषा है । इस कारण ‘वीरशैव लिंगायत’ ही कहना चाहिए । वे हिन्दू धर्म के अनुसार उपासना करते हैं एवं सभी हिन्दू ही हैं । वीरशैव लिंगायत हिन्दू धर्म से भिन्न नहीं, अपितु अभिन्न है । हमारा हिन्दू राष्ट्र के इस कार्य में सदैव सहयोग रहेगा । साथ ही दक्षिण के राज्यों में कहीं भी यदि हिन्दू धर्म पर प्रहार होगा, तो वहां भी हम सभी आपके साथ हैं, ऐसा मत पू. श्री.ष.ब्र.प्र.१०८ (डॉ.) विरुपाक्ष शिवाचार्य महास्वामीजी ने व्यक्त किया है ।

स्वामीजी ने आगे कहा,

‘‘अखंड हिन्दुस्थान यह हिन्दू राष्ट्र ही है; परंतु उसे ‘सेक्युलर’ ठहराने का प्रयत्न किया जा रहा है । भारत में भले ही विविध संप्रदाय हों, तब भी सभी लोग हिन्दू धर्म की भांति आचरण करते हैं । इसलिए सभी लोग हिन्दू ही है । विगत १० वर्षों से लिंगायत एवं वीरशैव को अलग ठहराने का प्रयत्न हो रहा है । इतना ही नहीं, अपितु ‘फूट डालो और राज करो’, का नीति अवलंब कर उन्हें हिन्दू धर्म से अलग करने का प्रयास किया जा रहा है । शिवजी की उपासना करनेवाले लिंगायत हैं । गले में लिंग धारण करने से उनको ‘लिंगायत’ कहा जाता है । लिंग शिवजी का प्रतीक है । इसलिए वह वीरशैव है । शिव एवं जीव की एकरूपता करने की विद्या सिखनेवाला वीरशैव है ।’’

‘हलाल’ के माध्यम से हिन्दुओं का पैसा आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए पहुंच रहा है ! – श्री. कपिल मिश्रा, संस्थापक, हिन्दू ईकोसिस्टम

श्री. कपिल मिश्रा, संस्थापक, हिन्दू ईकोसिस्टम

विद्याधिराज सभागृह – वर्ष २०२२ में श्रीरामनवमी के दिन नई देहली स्थित जहांगीरपुरी में हिन्दओं पर मुसलमानों ने बम एवं गोलियों से आक्रमण कर पथराव किया । यह आक्रमण करनेवाले रद्दीवाले बांग्लादेशी घुसपैठिए थे । इस प्रकरण में पुलिस ने अन्सार नामक मुसलमान को बंदी बनाया । अन्सार का अभियोग लडने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के ५ बडे अधिवक्ता खडे हुए । ‘जो अधिवक्ता एक अभियोग की सुनवाई के लिए लाखों रुपए शुल्क लेते हैं, ऐसे अधिवक्ता एक रद्दीवाले मुसलमान का अभियोग लडने हेतु कैसे तैयार हो गए ?, इसकी जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि ‘जमियत उलेमा-ए-हिन्द’ इस संस्था की ओर से इन अधिवक्ताओं को पैसा दिया गया था । प्रयागराज में हुए आतंकवादी आक्रमण में ५६ लोग मारे गए । इस प्रकरण में ३० मुसलमानों को दंड मिला । इन सबका अभियोग भी ‘जमियत उलेमा-ए-हिन्द’ द्वारा लडा गया था । इस संस्था के पास यह पैसा हलाल उत्पादनों की खरीद से आ रहा है । ‘केश काटना’, ‘सब्जी खरीदना’ आदि के लिए हिन्दू अन्य धर्मियों को पैसे दे रहे हैं, वह पैसा ‘जमियत उलेमा-ए-हिन्द’ तक पहुंचता है और इसी पैसे का उपयोग आतंकवादियों के अभियोग लडने के लिए किया जाता है । लव जिहाद के आरोपियों को छुडवाने के लिए इन पैसों से अधिवक्ताओं की फौज खडी की जाती है । इस प्रकार हिन्दुओंके विरोध में ‘अर्थव्यवस्था’ निर्माण हो गई है तथा राष्ट्र एवं हिन्दू विरोधी शक्तियों का जाल संपूर्ण देश में फैल गया है । इस संकट के विरुद्ध लडने के लिए हिन्दुओं ने जाति भेद भुलाकर एकत्रित आना चाहिए, ऐसा वक्तव्य हिन्दू ईकोसिस्टम के संस्थापक श्री. कपिल मिश्रा ने वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के पांचवे दिन के सत्र में किया ।

नक्सलवादी एवं ईसाई धर्मप्रचारकों की देशविरोधी युति ! – अधिवक्ता (श्रीमती) रचना नायडू, छत्तीसगढ

अधिवक्ता (श्रीमती) रचना नायडू, छत्तीसगढ

रामनाथ देवस्थान – छत्तीसगढ में वनवासी भी हिन्दू ही हैं । उन पर ईसाई धर्मप्रचारक एवं नक्लवादियों द्वारा प्रचंड अत्याचार हो रहे हैं; परंतु उन सभी घटनाओं का प्रसारमाध्यम उल्लेख नहीं करते । आज वनवासी हिन्दू अपनी लडाई अकेले लड रहे हैं । इसलिए उन्हें देशव्यापी समर्थन मिलना आवश्यक है ।

नक्सलवादी एवं ईसाई धर्मप्रचारकों की युति है । जहां विपुल खनिज संपत्ति एवं वनवासी हैं, उसी स्थान पर ईसाई धर्मप्रचारक एवं नक्सलवादियों ने अपना डेरा डाला है । ईसाई धर्मप्रचारक षडयंत्र रचकर हिन्दू वनवासियों का भारी मात्रा में धर्मपरिवर्तन कर रहे हैं । एशिया खंड में सबसे बडे चर्च छत्तीसगढ में हैं । वे वनवासियों को प्रलोभन देकर उनका सर्वस्व हथिया रहे हैं । उनके शिकंजे से भले ही छुडवा लिया जाए, तब भी उनके द्वारा हथियाई गई संपत्ति हम पुन: प्राप्त नहीं कर सकते, इतनी बडी उनकी यंत्रणा है ।

नक्सलवादियों ने प्रतिदिन विस्फोट कर छत्तीसगढ में बस्तर की भूमि रक्तरंजित की है । नक्सलवादियों द्वारा वनवासी बच्चों के हाथों में बलपूर्वक बंदूकें पकडाई जाती हैं । नक्सलवादी संगठनों में सम्मिलित होने से नकार देनेवालों की क्रूरता से हत्या कर दी जाती है । आज नक्सलवादियों के समर्थन में बडे-बडे अधिवक्ता खडे होते हैं, लेखकों द्वारा पुस्तकें लिखी जाती हैं और पत्रकारों द्वारा समाचार दिए जाते हैं । नक्सलवादियों के जिहादी आतंकवादी संगठन ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’की सांठगांठ है । इसके साथ ही किसान आंदोलन, शाहीन बाग जैसे सर्व राष्ट्रविरोधी कार्रवाइयों को समर्थन दिया जाता है । वनवासियों पर हो रहे अत्याचारों की उपेक्षा मानवाधिकार संगठन एवं सरकार भी कर रही है ।

नासिक के श्री विघ्नेश्वर मंदिर के न्यासी रवींद्र पाटिल ने हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं के प्रति व्यक्त किए गौरवोद्गार !

नासिक के श्री विघ्नेश्वर मंदिर के न्यासी श्री. रवींद्र पाटील ने वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के आयोजन में कार्यरत हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं के प्रति गौरवोद्गार व्यक्त किए । महोत्सव के व्यासपीठ से अपना मनोगत व्यक्त करते हुए श्री. रवींद्र पाटील ने कहा, ‘‘यहां हिन्दुत्व के अधिवेशन में होने के स्थान पर मैं संतों एवं महापुरुषों के मध्य हूं’, ऐसा मुझे लग रहा है । यहां सेवा कर रहे सभी के मुख पर कितना तेज है ! सभी के आचरण में कितनी विनम्रता है । यहां कार्यरत सभी के मुख सात्त्विक हैं तथा किसी के भी मुख पर अहंकार नहीं है । यहां का वातावरण बहुत ही अच्छा है । यहां उपस्थित सनातन की साधिकाओं के साथ बात करते समय श्री भगवतीदेवी ही हमारे साथ बात कर रही हैं, ऐसा लगता है ।’’

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