उत्साहित वातावरण में सोलापुर में प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आरंभ !

सोलापुर, लातूर, धाराशिव एवं बीड के हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित !

सामने लक्ष्य रखकर प्रयास करने चाहिए और उसे साध्य करने के लिए प्रयास करने चाहिए ! – पू. शिवचरणानंद सरस्वती महाराज

दीपप्रज्वलन करती हुईं बाईं ओर से पू. दीपाली मतकरजी, सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी, पू. शिवचरणानंद सरस्वती महाराज और हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य समन्वयक श्री. मनोज खाडये

सोलापुर : दैनिक सनातन प्रभात समाज के उद्बोधन का बडा कार्य कर रहा है । व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की प्रगति हमें दिखनी चाहिए; परंतु वर्तमान समय में वैसा होते हुए दिखाई नहीं दे रहा है । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्र के पुनर्निर्माण और प्रेरणादायक कार्य का मैं अभिनंदन करता हूं ! इसके आगे हमें ध्येय रखकर प्रयास करने चाहिए और उसकी आपूर्ति करने के लिए भी प्रयास करने चाहिए, ऐसा मार्गदर्शन पू. शिवचरणानंद सरस्वती महाराज ने किया । १ मई को सोलापुर के किल्लेदार सभागार में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन के अवसर पर वे ऐसा बोल रहे थे ।

इस अवसर पर व्यासपीठ पर सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी, सनातन संस्था की संत पू. दीपाली मतकरजी, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य समन्वयक श्री. मनोज खाडये उपस्थित थे । इस अधिवेशन में सनातन संस्था की संत पू. श्रीमती मंदाकिनी डगवारजी की भी वंदनीय उपस्थिति थे । इस अधिवेशन में सोलापुर, लातूर, धाराशिव एवं बीड जनपदों से आए १०० हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित हैं । आरंभ में शंखनाद के उपरांत पू. शिवचरणानंद सरस्वती महाराज के करकमलों से दीपप्रज्वलन किया गया । पू. दीपाली मतकरजी ने परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के संदेश का वाचन किया ।

अधिवेशन में उपस्थित धर्मप्रेमी

सत्र १

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए क्षात्रतेज के साथ ब्राह्मतेज भी आवश्यक ! – सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

सत्र में मार्गदर्शन करते हुए पू. शिवचरणानंद सरस्वती महाराज, श्री. मनोज खाडये, सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी एवं पू. दीपाली मतकरजी

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए क्षात्रतेज के साथ ब्राह्मतेज की आवश्यकता है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना केवल शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक स्तर पर नहीं हो सकती, अपितु उसके लिए ब्राह्मतेज की आवश्यकता होती है । इस कार्य के लिए संख्याबल महत्त्वपूर्ण नहीं है, अपितु ब्राह्मतेज का (साधना का) बल आवश्यक है । इस परिप्रेक्ष्य में हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज एवं अर्जुन के उदाहरण आदर्श हैं । ईश्वरप्राप्ति के लिए नियमित प्रयास करना साधना है । देवता से प्रार्थना कर भगवान के आशीर्वाद प्राप्त किए जा सकते हैं, साथ ही प्रार्थना के कारण देवता का तत्त्व कार्यरत होने से कोई भी कार्य ‘मैने किया’, यह कर्तापन नहीं रहता । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य का सुयोग्य नियोजन और उसे पूर्णत्व की ओर ले जाने के लिए साधना आवश्यक है । साधना के कारण किसी भी परिस्थिति का सामना करने का बल प्राप्त होता है । हमारे सामने हिन्दुओं का गौरवशाली इतिहास होने से हम मूट्ठीभर हिन्दुओं को साथ लेकर भी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कर सकते हैं, ऐसा मार्गदर्शन सनातन संस्था की धर्मप्रचारक सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी ने किया । ‘ब्राह्मतेज और क्षात्रतेज की आवश्यकता’ विषय पर मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रही थीं ।

कोरोना काल में तबलिगी कोरोना कैरियर सिद्ध हुए, तो हिन्दुत्वनिष्ठ कोरोना वॉरियर सिद्ध हुए ! – मनोज खाडये, हिन्दू जनजागृति समिति

सत्र में मार्गदर्शन करते हुए बाईं ओर से श्री. योगेश तुरेराव, श्री. मनोज खाडये एवं श्री. हिरालाल तिवारी

इस अवसर पर बोलते हुए श्री. मनोज खाडये ने कहा, ‘‘कोरोना संक्रमण के काल में तबलीकी जमात के लोग कोरोना कैरियर सिद्ध हुए, तो हिन्दुत्वनिष्ठों ने लोगों को बचाने का काम किया । उसके कारण हिन्दुत्वनिष्ठ कोरोना कैरियर सिद्ध हुए ।

१. केवल संगठन बनाकर उपयोग नहीं है, अपितु उसे सफल बनाना चाहिए और उसके लिए साधना की आवश्यकता है ।

२. हलाल उत्पादन बंद किए गए, तो उससे १६ प्रकार के विभिन्न जिहाद समाप्त हो जाएंगे । इन जिहादी गतिविधियों की रीढ तोड डालने के लिए हलाल अर्थव्यवस्था का विरोध कीजिए !

३. देश के प्रसारमाध्यम हलाल की वास्तविकता समाज के सामने नहीं लाते; इसलिए अब हमें ही प्रसारमाध्यम बनना पडेगा ।

सत्र २

इस अधिवेशन में सोलापुर के दैनिक अग्रणी वार्ता के संपादक एवं वन्दे मातरमख पत्रकार कक्ष के अध्यक्ष श्री. योगेश तुरेराव ने प्रसारमाध्यम हलाल जैसे ज्वलंत विषय की ओर ध्यान क्यों नहीं देते ?, इस पर बात की ।

‘हलाल जिहाद’ के आर्थिक आक्रमण के विषय में देश की ९० प्रतिशत जनता अनभिज्ञ ! – श्री. योगेश तुरेराव, संपादक

‘हलाल जिहाद अर्थव्यवस्था के आक्रमण के विषय में देश की ९० प्रतिशत जनता अंधेरे में है । हलाल अर्थव्यवस्था हिन्दुओं पर हो रहा बहुत बडा आक्रमण है, उसे तोड डालने के लिए हिन्दुओं में संगठन होना आवश्यक है । भारत में अल्पसंख्यकों के नाम पर मुसलमानों को सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं । वामपंथी विचारधारावाले राष्ट्रों में उदा. चीन, जर्मनी और फ्रान्स में मुसलमानों को धार्मिक विधि नहीं करने दिए जाते; परंतु भारत में वो अपना वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास करते हैं । तुर्की में केवल तुर्की भाषा में ही कुरान का पाठ करना पडता है; परंतु भारत में अजान के समय भोंपुओं से संबंधित कानून का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है । हिन्दू जनजागृति समिति का मैं इसलिए अभिनंदन करता हूं कि समिति की ओर से हलाल जिहाद जैसे आक्रमण के विषय में लोगों में जागृति लाई जाती है ।

सर्वसामान्य जनता हलाल जिहाद के विरोध में आवाज उठाए ! – श्री. योगेश तुरेराव

हलाल जिहाद के विषय में प्रसारमाध्यम चुप हैं; क्योंकि निरपेक्षतापूर्ण पत्रकारिता करनेवाले प्रसारमाध्यमों की संख्या बहुत अल्प है, साथ ही अनेक समाचारमाध्यम संपूणरूप से व्यावसायिक बन गए हैं । किसी झगडे को ब्रेकिंग न्यूज बनाने में तत्पर पत्रकार हिन्दुओं पर हो रहे आघात दिखाने के प्रति उदासीन होते हैं । जिन प्रसारमाध्यमों को ऐसे विषयों के प्रति जागृति लानी होती है, उन्हें अपेक्षित समर्थन नहीं मिलता । जनता की मांग का महत्त्व होता है; इसलिए सर्वसामान्य जनता को इस विषय में आवाज उठानी चाहिए ।

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