हिन्दू संस्कृति का सम्मान नहीं रखोगे, तो बहिष्कार अस्त्र का उपयोग करेंगे – श्री. रमेश शिंदे की चेतावनी

‘मलबार गोल्ड’ द्वारा करीना खान को हटाकर तमन्ना भाटिया का नया विज्ञापन प्रसारित !

‘अक्षय तृतिया’ हिंदुओं के त्योहारों में से एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है । हिन्दू परंपरा के अनुसार इस दिन बडी मात्रा में सोना खरीदा जाता है; परंतु इस निमित्त ‘मलाबार गोल्ड एंड डायमंड’ने अक्षय्य तृतिया के नाम पर मानो ‘रमजान’ का ही विज्ञापन करने के समान अभिनेत्री करीना कपूर खान के मस्तक पर कुमकुम अथवा बिंदी न लगाकर आभूषणों का विज्ञापन किया है । इस प्रकार हेतुतः हिन्दू समाज की भावनाएं आहत करने, हिन्दू संस्कृति का हनन करने का प्रयत्न किया है । हिन्दू त्योहारों के समय भी यदि हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का, संस्कृति का, परंपराओं का सम्मान नहीं किया जाता हो, तो हिन्दुओं को भी इन उत्पादनों का बहिष्कार करना चाहिए । इसका विरोध करने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति ने  #No_Bindi_No_Business यह हैशटैग चलाते हुए ट्वीटर पर अभियान छेडा था । इसे हिंदुओं ने बडी मात्रा में प्रतिसाद दिया । दूसरे दिन ही ‘मलबार गोल्ड’ ने बिंदी न लगाई हुई करीना कपूर-खान के स्थान पर बिंदी लगाई हुई अभिनेत्री तमन्ना भाटिया का नया विज्ञापन प्रसारित किया । यह हिन्दुओं ने संगठित होकर किए हुए विरोध का परिणाम है । हिंदुओं का पैसा चाहिए; परंतु हिन्दू संस्कृति-परंपरा नहीं, यह नहीं चलेगा । हिन्दुस्थान में व्यापार करना हो, तो हिन्दू संस्कृति का सम्मान करना ही पडेगा । हिन्दू संस्कृति का सम्मान नहीं रखा जा रहा हो, तो हिन्दू समाज बहिष्कार अस्त्र का उपयोग करेगा, यह प्रतिष्ठानों को ध्यान में रखना चाहिए, ऐसी चेतावनी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने दी है ।

इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति ने ‘हिन्दू त्योहारों के समय हिन्दूविरोधी प्रचार ?’ यह ऑनलाइन ‘विशेष संवाद’ आयोजित किया था । इसमें सम्मिलित इतिहास और संस्कृति अध्ययनकर्ता अधिवक्ता सतीश देशपांडे ने कहा कि, कांग्रेस के शासनकाल में वामपंथी विचारधारा के लोगों को राजाश्रय मिलने के कारण उन्होंने विविध विश्‍वविद्यालय स्थापित कर हिन्दूविरोधी विचारधारा का समाज में रोपण किया है । उसी का परिणाम है कि, आज बिंदी अथवा कुमकुम न लगाए हुए विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं । उसका अभ्यासपूर्ण विरोध करना चाहिए । इस समय कर्नाटक की पत्रकार श्रीलक्ष्मी राजकुमार ने कहा कि, हिंदुओं की पहचान मिटाने के लिए प्रारंभ किया हुआ यह ‘सांस्कृतिक जिहाद’ है । आज खाडी देशों में वहां की महिला पत्रकार हिजाब धारणकर समाचार देती हैं । तब भारत में मस्तक पर कुमकुम लगाना प्रतिगामिता कैसे हो सकती है ? हमारी धार्मिक क्रियाओं के पीछे का विज्ञान हिन्दुओं तक पहुंचना चाहिए । इस समय ‘सनातन संस्था’ के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने कहा कि, केवल ‘मलाबार’वाले ही नहीं, अपितु इससे पूर्व तनिष्क, फैब इंडिया, मिंत्रा, जावेद हबीब, मान्यवर ब्रांड आदि ने भी हिन्दूविरोधी आपत्तिजनक विज्ञापन दिए हैं । एक भी विज्ञापन मुसलमान अथवा अन्य पंथियों के विरोध में नहीं है; क्योंकि वे धर्म के लिए संगठित हैं । इसलिए उनके विरोध में विज्ञापन करने का कोई साहस नहीं करता । हिन्दुओं को स्वयं का धर्म संजोने के लिए ऐसे उत्पादनों का बहिष्कार करने सहित कानूनी लडाई लडनी चाहिए । इसके विरुद्ध कठोर कानून बनाने की मांग करनी चाहिए ।

देखें इस विषय पर संपन्न हुआ कार्यक्रम…

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