कोरुटला (तेलंगाना) में संपन्न हुई हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा !

स्वयं का अस्तित्व टिकाए रखने के लिए प्रत्येक हिन्दू को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए खडा होना चाहिए – श्री श्री श्री मंगी रामुलु महाराज, नंदीपेट, तेलंगाना

भाग्यनगर (तेलंगाना) : आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति धन अर्जित करने के पीछे पडा है । हमारे लिए यह पैसा और यह शरीर शाश्वत नहीं है । ये दोनों कब हमसे दूर हो जाएंगे, यह हम बता नहीं सकते; इसलिए हमें अपने शाश्वत धर्म का पालन कर अपने जीवन का सार्थक कर लेना चाहिए । आज के समय में हिन्दुओं की दृष्टि से प्रतिकूल स्थिति है; इसलिए अब हम जाग नहीं गए, ते आनेवाले समय में हमें अपना अस्तित्व टिकाए रखना कठिन हो जाएगा । इसलिए प्रत्येक हिन्दू को अब हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए खडे रहना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन नंदीपेट ग्राम के श्री श्री श्री मंगी रामुलु महाराज ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कोरटुला में हाल ही में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा का आयोजन किया, उस सभा को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । इस सभा को हिन्दू जनजागृति समिति के आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना समन्वयक श्री. चेतन जनार्दन और सनातन संस्था की श्रीमती विनुता शेट्टी ने भी संबोधित किया । इंदूर जिला समन्वयक श्री. नेला तुकाराम ने समिति के कार्य का परिचय कराया । इस सभा में ५०० से अधिक धर्मप्रेमी उपस्थित थे ।

स्वयं धर्माचरण कर अपने बच्चों को भी धर्मशिक्षा दीजिए ! – श्रीमती विनुता शेट्टी, सनातन संस्था

आज के धर्मनिरपेक्ष भारत में महिलाएं असुरक्षित हैं । एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष २०२१ में महिलाओं से संबंधित ३१ सहस्र शिकायतें पंजीकृत की गईं । अपंजीकृत घटनाओं की संख्या इससे बहुत अधिक है । आज समाज में लव हिजाद और धर्मांतरण की घटनाएं बहुत बढ गई हैं । उसके कारण माता-पिता को विद्यालयों-महाविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जानेवाली लडकी घरतक सुरक्षित आ पहुंचेगी अथवा नहीं, इसका भय होता है । इसके लिए हम सभी को धर्माचरण कर अपने बच्चों को भी धर्मशिक्षा देना आवश्यक है ।

हिन्दुओं की स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु हिन्दू राष्ट्र की स्थापना आवश्यक ! – चेतन जनार्दन, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

इस देश में सरकारी अनुदान प्राप्त शिक्षा संस्थानों में हिन्दू धर्म की शिक्षा नहीं दी जा सकती; परंतु उनमें कुरान और बाइबिल सिखाया जा सकता है, भगवद्गीता और हिन्दुओं के अन्य धर्मग्रंथों की शिक्षा नहीं ! अतः इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है; इसलिए सभी को संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए कार्य करना आवश्यक है ।

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