रत्नागिरी : अनेक व्‍यापारियों और उद्यमियों की हलाल प्रमाणपत्र व्‍यवस्‍था के विरोध में क्रियाशील सहभागी होने की तैयारी

हिन्‍दू जनजागृति समिति की ओर से गुजरात राज्‍य, पश्‍चिम महाराष्‍ट्र एवं कोंकण विभाग समन्‍वयक मनोज खाडे का रत्नागिरी जनपद में हलाल प्रमाणपत्र व्‍यवस्‍था के विरोध में जनजागरण हेतु विविध स्‍थानों पर संपर्क अभियान !

रत्नागिरी : हलाल उत्‍पादों से आर्थिक लाभ अर्जित कर उस लाभ का इस्‍लामिक बैंक के द्वारा अपने उत्‍पादों की वृद्धि के लिए उपयोग करना और इस इस्‍लामिक बैंक के माध्‍यम से हलाल उत्‍पाद बनानेवालों को आर्थिक सहायता उपलब्‍ध करा देना, साथ ही इसके द्वारा वैश्‍विक बाजार पर नियंत्रण स्‍थापित करने का प्रयास करना एक बडा वैश्‍विक षड्‍यंत्र है । ऐसे हलाल प्रमाणपत्र के विरोध में रत्नागिरी जनपद में हिन्‍दू जनजागृति समिति के गुजरात राज्‍य, पश्‍चिम महाराष्‍ट्र एवं कोंकण विभाग समन्‍वयक श्री. मनोज खाडये ने संपर्क अभियान के द्वारा जनजागरण किया । इस अभियान में उद्यमी, व्‍यापारी, हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ और धर्मप्रेमी ऐसे समाज के सभी प्रकार के घटक सम्‍मिलित हुए । इस अभियान में अनेक उद्यमियों और व्‍यापारियों ने हलाल प्रमाणपत्र व्‍यवस्‍था के विरोध में क्रियाशील सहभाग लेने की तैयारी दर्शाई । इस संदर्भ में खेड, चिपळूण, सावर्डे एवं दापोली में संपन्‍न बैठकों के समाचार यहां दे रे हैं । इन बैठकों में हिन्‍दू जनजागृति समिति के श्री. विनोद गादीकर भी उपस्‍थित थे ।

श्री. मनोज खाडये

१. खेड

यहां १६ नवंबर को दोपहर ४ से सायंकाल ६ बजे की अवधि में श्री मुरलीमनोहर मंदिर में बैठक संपन्‍न हुई । इइ बैठक में हुई चर्चा में सर्वश्री संजय बुटाला, खेड व्‍यापारी संगठन के सचिव श्री. अजयभाई धारिया, दीपक शेठ पाटणे, सचिन खेडषकर और विनय माळी ने भाग लिया । इस अवसर पर उद्यमी सर्वश्री विश्‍वास कदम, धीरज पटेल, प्रकाश पटेल, किशोर पटेल, मयुर पटेल, अनिकेत काकडे आदि उपस्‍थित थे ।

२. चिपळूण

१८ नवंबर को दोपहर ४ से सायंकाल ६ बजेतक चिपळूण के होटल काणे पर स्‍वतंत्रतावीर सावरकर सभागार में संपन्‍न हुई । उस समय उद्यमी सर्वश्री अमोल जोगळेकर, जयंत नाईक, राजेंद्र वेस्‍वीकर, राजेंद्र वेस्‍वीकर, सुनील रेडीज, धर्मप्रेमी सर्वश्री निहार कोवळे, संजीव मोरे, अथर्व देवळेकर, चिन्‍मय शिंदे, सुमित जांभळेकरसहित २० धर्मप्रेमी उपस्‍थित थे ।
.
श्री. अमोल बुटाला, उद्यमी, चिपळूण : इससे पहले यह विषय सुनने के उपरांत वस्‍तुएं खरीदने से पूर्व हलाल की मुद्रा देखना आरंभ किया । उसके उपरांत घर, सोसाइटी और मित्रपरिवारों को बताया, साथ ही कई व्‍यापारियों में इस विषय में जागृति की ।

अभिप्राय

अ. श्री. मंगेश राऊत, धर्मप्रेमी, परशुराम, चिपळूण : हिन्‍दू जनजागृति समिति जो कार्य करती है, वह सत्‍य पर आधारित और प्रमाणों के साथ करती है । हलाल के संदर्भ में संगठितरूप से जनजागरण करना होगा ।

आ. श्री. अनिरुद्ध शिंदे, धर्मप्रेमी, पेढांबे, चिपळूण : इसके आगे कोई भी वस्‍तु देखकर ही खरीदूंगा । मित्रों और संबंधियोंतक यह विषय पहुंचाऊंगा ।

३. दापोली

दापोली तहसील के जालगांव में श्री प्रीतीवर्धन मंगल कार्यालय में व्‍यापारियों और दुकानदारों के लिए; गांवतळे के श्री हनुमान मंदिर में धर्मप्रेमियों, कीर्तनकारों, सरपंचों और ग्रामवासियों के लिए और हर्णे के श्री गिरिजा मंगल कार्यालय में व्‍यापारियें, दुकानदारों और महिलाओं के साथ बैठकें संपन्‍न हुई । इन बैठकों में ६६ लोग उपस्‍थित थे ।

१. बैठक में सम्‍मिलित व्‍यापारियों ने इस विषय में व्‍यापक स्‍तर पर इस विषय में और एक कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही ।

२. इस विषय में प्रशासन को ज्ञापन प्रस्‍तुत किया जाएगा ।

३. इसके आगे हम प्रत्‍येक वस्‍तु हलाल की मुद्रा देखकर ही बेचेंगे ।

४. गांवतळे के ग्रामवासियों ने बताया कि हम ग्रामसभा में प्रस्‍ताव पारित कर शासन को भेजेंगे, साथ ही अन्‍य गांवों के सरपंचों और ग्रामपंचायत सदस्‍यों से मिलकर उन्‍हें यह विषय बताएंगे और उन्‍हें भी उस प्रकार से प्रस्‍ताव पारित कर शासन को भेजने के लिए कहेंगे ।

५. श्री गिरिजा शंकर मंगल कार्यालय, हर्णे में संपन्‍न बैठक में ग्रामवासियों और व्‍यापारियों की ओर से ज्ञापन प्रस्‍तुत करना सुनिश्‍चित किया गया ।

यह भी पढें – ‘हलाल सर्टिफिकेट’ – भारत को इस्‍लामीकरण की ओर ले जानेवाला आर्थिक जिहाद !

विशेषताएं

१. दैनिक ‘सकाळ’ के संवाददाता श्री. अशोक चव्‍हाण दुकान भी चलाते हैं । उन्‍होंने डोकलाम में हुए चीनी आक्रमण के उपरांत अपनी दुकान में चीनी बनावटवाली वस्‍तुएं रखना बंदकिया, साथ ही हलाल प्रमाणपत्रवाला खजूर अपनी दुकान में बिक्री के लिए नहीं रखा ।

२. इस समय रा.स्‍व. संघ के श्री. मिलिंद जोशी उपस्‍थित थे । उन्‍होंने इसके आगे संघ की प्रत्‍येक बैठक में यह विषय रखने की बात कही ।

दापोली तहसील के कात्रण के ह.भ.प. बाळकृष्‍ण बाईत को युनिसेफ मार्केटिंग के माध्‍यम से व्‍यवसाय करने का अवसर मिला था, उन्‍हें इस प्रतिष्‍ठान की ओर से विविध उत्‍पादों का वितरण करना था; परंतु वो सभी उत्‍पाद हलाल प्रमाणित थे । उस प्रतिष्‍ठान में उन्‍हें अच्‍छे पद पर काम करने का अवसर प्राप्‍त हुआ था और उसके माध्‍यम से वे अच्‍छा धन अर्जित कर सकते थे; परंतु वैसा न कर उन्‍होंने उसमें काम करना अस्‍वीकार किया ।

‘हलाल’ मांस क्‍या होता है ?

हलाल लोगो

हलाल पद्धति का मांस प्राप्‍त करने के लिए पशु के गले की नस चीर दी जाती है और पशु को उसी स्‍थिति में छोडा जाता है । उसके कारण बडी मात्रा में उस पशु का रक्‍त बहता है और कुछ समय उपरांत तडप-तडप कर उस पशु की मृत्‍यु हो जाती है । इस पशु की बलि चढाते समय उसका मुख मक्‍का की दिशा में रखा जाता है ।

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​