फेसबुक के हिन्दूद्वेष के पीछे अमेरिका के टाईम नियतकालिक का हाथ !

  • हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन प्रभात नियतकालिक आदि के फेसबुक पन्नों पर अन्यायपूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने का प्रकरण

  • हिन्दूद्वेष के भूत से सवार पाश्चात्त्य प्रसारमाध्यमों का नंगा नाच !

  • हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन प्रभात नियतकालिक एवं सनातन शॉप के फेसबुक पन्ने पर प्रसारित लेखन का सत्यापन किए बिना ही फेसबुक की ओर से यह अन्यायपूर्ण कार्यवाही की गई है, इसे ध्यान में लीजिए !
  • सितंबर २०२० में सनातन संस्था के फेसबुक पन्ने पर अन्यायपूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने के उपरांत सनातन संस्था ने यह उदाहरणोंसहित स्पष्ट किया कि डॉ. जाकिर नाईक, पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया आदि जिहादी विचारधारा का विषवमन करनेवाले फेसबुक पन्नों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया ?परंतु तब भी फेसबुक ने आजतक ऐसे पन्नों के विरुद्ध इस प्रकार की कोई कार्यवाही की है, ऐसा दिखाई नहीं दिया है । इससे फेसबुक का हिन्दूद्वेषी दोहरी नीति और ‘हम करे सो कानून’ की तानाशाही वृत्ति स्पष्ट होती है ।
  • इससे विश्वस्तर की शक्तियां किस प्रकार हिन्दुओं के विरुद्ध हाथ से हाथ मिलाकर अपनी हिन्दूद्वेषी नीति को आगे बढाती हैं, यह सप्रमाण स्पष्ट होता है । इसी कारण ऐसे वामपंथी, कथित धर्मनिरपेक्षतावादी, समाजवादी, उदारमतवादी और भारत में कार्यरत उनके गुर्गाें के विरुद्ध हिन्दुओं को भी विविध स्तरों पर एकत्रित होकर वैधानिक पद्धति से वैश्विक संघर्ष खडा करना समय की मांग है, इसे जान लीजिए !

मुंबई – सितंबर २०२० में फेसबुक द्वारा सनातन संस्था के फेसबुक पन्ने पर प्रतिबंध लगाने के उपरांत भी संस्था से संबंधित अन्य संगठनों के फेसबुक पन्ने बिना किसी बाधा के चालू थे । उन माध्यमों से मुसलमानों के विरुद्ध विषवमन किया जा रहा था । इन पन्नों के २७ लाख से भी अधिक अनुयायी (फॉलोअर्स) थे । हमने अप्रैल २०२१ को इस संदर्भ में फेसबुक को इसका भान दिलाने के उपरांत ही फेसबुक ने हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन प्रभात, सनातन शॉप, साथ ही समिति के अन्य पन्नोंसहित २० से भी अधिक पन्नों पर प्रतिबंध लगाया । अमेरिका स्थित टाइम मैगजिन ने यह आक्रोश किया है । इस संदर्भ में ९ जून को टाइम्स के पत्रकार बिली पेरिगो का हिन्दूद्वेषी और पूर्वाग्रह से युक्त लेख प्रकाशित हुआ है । इसमें यह जानकारी दी गई है ।

पेरिगो अपने लेख में आगे लिखते हैं, ‘‘इन पन्नों से नियमितरूप से मुसलमानों के विरुद्ध विद्वेष फैलानेवाला और झूठी जानकारी देनेवाला लेखन प्रसारित किया जा रहा था । उसमें मुसलमानों को हरे रंग के रेखाचित्र के द्वारा दर्शाया जा रहा था, साथ ही इन पन्नों से कपोलकल्पित ‘लव जिहाद’ संकल्पना का दुष्प्रचार किया जा रहा था ।’’ (‘लव जिहाद’ का अस्तित्व है, यह बात अनेक बार स्पष्ट हुई है । उच्च न्यायालय ने भी ‘लव जिहाद’ के अस्तित्व की पुष्टि की है । इससे स्वयं को अपेक्षित विचारधारा, वह भले ही वास्तविकता से कितनी भी दूर क्यों न हो; परंतु उसे आगे बढाने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार उदाहरण देकर उसे आगे कैसे करना है, यही स्पष्ट होता है । इसके लिए पेरिगो को पुरस्कार ही दिया जाना चाहिए ! – संपादक)

लेख में निहित अन्य सूत्र निम्नानुसार हैं –

१. फेसबुक के ३२ करोड उपयोगकर्ता भारतीय होने से संभवतः फेसबुक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करता, साथ ही सत्ता में विराजमान भाजपा के विरुद्ध की पोस्ट हटाई नहीं जाती ; परंतु हिन्दुत्वनिष्ठों की आपत्तिजनक पोस्ट के विरुद्ध फेसबुक कार्यवाही नहीं करता । (यदि ऐसा है, तो अभीतक फेसबुक ने इतने हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के फेसबुक पन्नें क्यों बंद किए ? – संपादक)

२. फेसबुक के पास पूरे विश्व में स्थित सैकडों खतरनाक संगठनों की सूची होती है; परंतु वे इस सूची को कभी भी विश्व के सामने नहीं लाते । फेसबुक ने किसी संगठन के पन्ने पर प्रतिबंध लगाया, तो उस संगठन की प्रशंसा अथवा समर्थन करनेवाले पोस्टस् को भी नियंत्रित किया जाता है ।

३. पत्रकार पेरिगो अपने लेख में क्या फेसबुक ने सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति को खतरनाक संगठनों की सूची में डाला है ?’, यह भी उन्होंने पूछा है, ऐसा उल्लेख करते हैं । (इससे पेरिगो में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के विरुद्ध निहित द्वेष ही स्पष्ट होता है । – संपादक)

४. इस लेख में अंत में वे एक हिन्दूवेषी पत्रकार का हवाला देकर लिखते हैं, ‘‘ट्विटर, टेलिग्राम एवं यू ट्यूब जैसे अन्य सामाजिक माध्यमों पर भी सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति तथा अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के खाते हैं । अब इन सामाजिक माध्यमों को भी इन खातों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करना चाहिए ।’’

टाईम मैगजीन द्वारा सनातन संस्था द्वारा रखी गई भूमिका की अनदेखी !

‘टाइम’ के लेख में कथित आधुनिकतावादी, हिन्दूद्वेषी आदि द्वारा सनातन संस्था के विरुद्ध लगाए गए आधारहीन आरोपों का स्मरणपूर्वक उल्लेख किया गया है । कुछ सप्ताह पूर्व ‘टाइम’ की ओर से सनातन संस्था को कुछ प्रश्न भेजे गए थे । इसके उत्तर में सनातन संस्था ने विस्तार से अपनी भूमिका रखी भी थी; परंतु खेदपूर्वक ऐसा कहना पडेगा कि ‘टाइम’ ने उसकी अनदेखी कर साधारणसी भूमिका छापी । सनातन संस्था के प्रवक्ता ने यह सूचित किया है कि इस लेख में अत्यंत त्रुटित स्वरूप में सनातन की भूमिका रखी गई है, ऐसा दिखाई देता है ।

हिन्दूद्वेषी और भारतद्वेषी फेसबुक पर भारत में प्रतिबंध लगाया जाए ! – चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनतान संस्था

‘टाइम’ के कहने पर फेसबुक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पन्ने बंद करता है, इस उदाहरण से पाश्चात्त्य प्रसारमाध्यम और सोशल मीडिया जायंट्स (बडे-बडे सामाजिक प्रसारमाध्यम) के हिन्दूद्वेषी गठजोड का भयावह चित्र स्पष्ट होता है । इस गठजोड के पीछे कौनसी शक्तियां हैं, इसकी पडताल करने की आवश्यकता है । भारत में धर्मप्रसार की स्वतंत्रता होते हुए भी इस प्रकार से फेसबुक की ओर से कार्यवाही करने का अर्थ भारतीयों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है । इसलिए फेसबुक जैसे भारतविरोधी एवं हिन्दूद्वेषी सामाजिक माध्यमों पर भारत में प्रतिबंध लगाया ही जाना चाहिए !’

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