‘टीपू सुल्तान पहनता था राम नाम वाली अंगूठी’ : लंदन में पड़ी उस अँगूठी का क्या है सच

कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी का कहना है कि टीपू सुल्तान ‘राम’ नाम वाली अंगूठी पहनता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी स्कल कैप (मुस्लिमों द्वारा पहने जाने वाली मजहबी टोपी) नहीं पहनते। जबकि, वास्तव में राम नाम वाली इस अंगूठी और इसके स्वामित्व को लेकर किए गए दावे झूठे हैं।

इतिहास की सबसे विवादित हस्तियों में से एक टीपू सुल्तान एक बार फिर चर्चा का विषय है। इस बार टीपू सुल्तान देवनागिरी में लिखी हुई ‘राम’ नाम वाली ख़ास सोने की अंगूठी की वजह से चर्चा में है। समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने पीएम मोदी से 18वीं शताब्दी की राम नाम वाली इस अंगूठी को टीपू सुल्तान की बताते हुए लंदन से भारत वापस लाने की माँग की है।

हालाँकि, वास्तविकता यह है कि यह अंगूठी टीपू सुल्तान की नहीं, बल्कि उसके द्वारा लुटे गए मंदिरों में से चुराई हुई एक अंगूठी थी। दावा किया जाता है कि टीपू की मौत के बाद एक अंग्रेज अफसर मेजर जनरल लॉर्ड फिट्जरॉय ने टीपू की लाश से इस अंगूठी को चोरी कर लिया था। सोशल मीडिया पर इसी विषय को लेकर जमकर विवाद हो रहा है।

इस अंगूठी की नीलामी साल 2014 में क्रिस्टीज़ नीलामीघर ने की थी। क्रिस्टीज़ की वेबसाइट के अनुसार इस अंगूठी का वज़न 41 ग्राम था। आजम खान का कहना है कि पीएम मोदी को ऐतिहासिक महत्व की इस अंगूठी को भारत लाकर उन लोगों को दिखाना चाहिए, जो टीपू के खिलाफ राजनीति करते हैं।

ट्विटर पर कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी ने इस अंगूठी की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा है, “मुस्लिम शासक, टीपू सुल्तान ने एक अंगूठी पहन रखी थी, जिस पर ‘राम’ अंकित था, लेकिन मोदी ने सर पर टोपी (स्कल कैप) पहनने से इनकार कर दिया। सांप्रदायिक कौन है?”

सलमान निजामी के इस दावे को फर्जी बताते हुए ‘ट्रू इंडोलोजी’ ने इस अंगूठी के इतिहास पर अब तक चले आ रहे फर्जी तथ्यों से पर्दा उठाया है।

‘ट्रू इंडोलोजी’ ने लिखा है, “टीपू ने कभी इस अंगूठी को नहीं पहना। अंगूठी टीपू के संग्रह का एक हिस्सा थी, जो उसने अपने शासन में की गई लूट के दौरान चुराई थी। ऐसा कोई संदर्भ नहीं है कि टीपू ने कभी यह अंगूठी पहनी हो। यह हाल ही में निर्मित फर्जी तथ्य है कि यह अंगूठी उसके शव से बरामद हुई थी।”

ट्रू इंडोलोजी ने लिखा है, “यह मेजर अलेक्जेंडर एलन का विवरण है, जो इतिहास में टीपू के मृत शरीर का एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी है। उसने उस पूरे दृश्य की रिपोर्ट लिखी थी, जो टीपू के शव का वर्णन करता है। इसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि टीपू के शव से किसी भी प्रकार का आभूषण बरामद नहीं हुआ था।”

इस विवरण के अनुसार, “जब टीपू को प्रवेश द्वार के नीचे से लाया गया था, तो उसकी आंखें खुली थी, और शरीर इतना गर्म था कि कुछ क्षणों के लिए कर्नल वेलेजली और खुद मुझे संदेह था कि क्या वह मर गया है; उसकी नाड़ी और धड़कन को देखने पर हमारा संदेह दूर हुआ। उसके शरीर पर चार घाव थे, शरीर में तीन और सर में एक; गोली दाहिने कान से थोड़ा ऊपर, और गाल में देखी गई। उसकी पोशाक में महीन सफ़ेद लिनेन की जैकेट, फूलदार चिंट्ज़ के ढीले-ढाले कपड़े, रेशम और सूती क्रिमसन कपड़े, उसकी कमर पर गोल, लाल और हरे रंग की सिल्क बेल्ट के साथ एक सुंदर थैली उसके कंधे पर लटकी हुई थी; उसके सिर को खुला रखा गया था। उसकी पगड़ी उसके गिरने पर गिर गई थी, उसके हाथ पर एक ताबीज था, लेकिन कोई आभूषण नहीं था।”

टीपू की इस कथित अंगूठी के साथ ही समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने प्रधानमंत्री मोदी से कोहिनूर हीरे को घर वापस लाने के लिए भी कहा है। आजम खान ने कहा,- “पीएम रानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ भोजन करने जा रहे हैं, जो कोहिनूर को अपने मुकुट पर पहनती हैं। क्या मोदीजी उनसे भारत का कीमती हीरा लौटाने के लिए कहेंगे?”

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