हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा किये गए उद्बोधन के कारण कोल्हापुर (महाराष्ट्र) जिले के अधिकांश गांवों में बहते पानी में शत-प्रतिशत गणेशमूर्तियों का किया गया विसर्जन !

हिन्दू जनजागृति समिति का श्री गणेशमूर्ति विसर्जन अभियान !

  • बरसती वर्षा में भी मूर्तिविसर्जन अभियान में हिन्दुत्वनिष्ठ एवं धर्मप्रेमियों का सहभाग

  • कोल्हापुर शहर में मूर्तिदान करनेवालों की संख्या में लक्षणीय घट

कोल्हापुर : शास्त्र के अनुसार श्री गणेशमूर्तियों का बहते पानी में विसर्जन हो; इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति विगत कई वर्षों से मूर्तिविसर्जन अभियान चला रही है ! कोल्हापुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में इस अभियान को उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हुआ और अधिकांश गांवों में शत-प्रतिशत बहते पानी में मूर्तिविसर्जन किया गया ऐसा देखने को मिला !

इस वर्ष के अभियान की विशेषता यह थी कि, ७ सितंबर को निरंतर वर्षा होते हुए भी हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं के साथ कई स्थानों पर हिन्दुत्वनिष्ठ एवं धर्मप्रेमियों ने प्रधानता लेकर इस अभियान को सफल बनाया !

गडहिंग्लज में शहरपरिषद की ओर से श्रद्धालुओं का मूर्तिदान देने हेतु निरंतर आवाहन किया जा रहा था; किंतु ऐसा होते हुए भी अकेले सैनिक की भांति संघर्ष करते हुए स्वीकृत पार्षद श्री. गंगाधर हिरेमठ एवं उनके सहयोगियों ने नदी में मूर्तिविसर्जन करने के लिए श्रद्धालुओं की सहायता की ! उसके कारण कई श्रद्धालुओं को मूर्तिविसर्जन करना संभव हुआ ! उनकी इस भूमिका की श्रद्धालुओं ने भी प्रशंसा की !

बड़े गाजेबाजे के साथ एवं सरकारी यंत्रणा का उपयोग कर चलाए गए गडहिंग्लज शहरपरिषद के मूर्तिदान अभियान को अत्यल्प प्रतिसाद !

इस वर्ष मूर्तिदान लेने हेतु गडहिंग्लज शहरपरिषद के बडे गाजेबाजे के साथ पूरी प्रशासकीय यंत्रणा को इस कार्य पर लगाया था ! बडा मंडप खडा कर, कुंडों को सजा कर ध्वनियंत्रणा के माध्यम से नागरिकों का मूर्तिदान के लिए आवाहन किया जा रहा था; किंतु उन्हें दान में केवल ३६० मूर्तियां ही मिल सकीं !

केर्ली के अभियान में धर्मप्रेमियों का उत्स्फूर्त सहभाग एवं उद्बोधन के कारण ९५ प्रतिशत बहते पानी में मूर्तिविसर्जन

केर्ली के मूर्तिविसर्जन अभियान में सहभागी गणेशभक्त

१. यहां बालसाधक कु. अथर्व माने, कु. नामदेव माने एवं कु. विनय पुजारी ने निरंतर वर्षा में भी हाथ में फलक लेकर श्रद्धालुओं का उद्बोधन किया। इस अभियान में समिति के श्री. संजय माने, शिवसेना के श्री. भीमराव पाटिल, श्री. संभाजी मगदूम, श्री. अनिल पाटिल, श्री. तानाजी पाटिल, श्री. राजेंद्र गवसे, श्रीमती पुष्पा पाटिल, दलित मित्र श्री. भगवान माने, उपसरपंच श्री. अमित पाटिल, नाभिक समाज जिलाप्रमुख श्री. भीमराव शिंदे, करवीर तालुका क्रिकेट असोसिएशन के सदस्य श्री. चंद्रकांत पाटिल ने सहभाग लिया।

विशेष : शासकीय कृषि महाविद्यालय, कोल्हापुर की ७ छात्राओं ने इस अभियान के संदर्भ में उत्सुकता से जानकारी ली और स्वयं भी वे सहभागी हुईं !

२. कई श्रद्धालुओं ने बताया कि, हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था के कारण हमें शास्त्र समझ में आया। इसलिए हम मूर्तियों को दान में न देकर उनका विसर्जन ही करेंगे ! नदी का जलस्तर बढने से श्रद्धालुओं ने गहरे पानी में उतर कर मूर्तियों का विसर्जन किया।

३. इस समय बहते पानी में विसर्जित मूर्तियां ढूंढकर उन्हें दान की गईं मूर्तियों में अंतर्भूत करने का प्रयास किया गया; किंतु ऐसी मूर्तियों को ढूंढते समय विसर्जित की गई मूर्ति को छात्रों के पैर का धक्का लग रहा था ! अध्यापकों को यह दिखाई देते हुए भी उन्होंने इसे रोकने हेतु प्रयास नहीं किए !

कुछ विशेष अभिप्राय

१. श्री. गणेश बाटे, प्रधानाध्यापक श्री. ग. गो. जाधव हाईस्कूल, केर्ली एवं श्री. अरुण भोसले, प्रधानाध्यापक, केर्ली माध्यमिक विद्यालय, केर्ली : इसकेआगे हम सभी को खडिया मिट्टी से बनी मूर्ति की प्रतिष्ठापना करने के लिए कहेंगे ! हम लोगों को प्लास्टरऑफ पैरिस की मूर्तियों के से होनेवाले दुष्परिणामों की जानकारी देकर उनका उद्बोधन करेंगे !

२. श्री. भीमराव पाटिल, विभागप्रमुख, शिवसेना : प्रतिवर्ष की अपेक्षा इस वर्ष श्रद्धालुओं ने मूर्तियों को दान में न देकर उनके विसर्जन को प्रधानता दी, जो भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से ही संभव हुआ ! इस सेवा से हमें आनंद भी मिला !

कोल्हापुर जिले में ३.२५ लाख मूर्तियां, तो ८५० टन निर्माल्य एकत्रित होने का (?) प्रशासन का दावा

प्रशासन ने प्रसारमाध्यमों को जानकारी देते हुए कोल्हापुर शहर में ६० सहस्र, तो ग्रामीण क्षेत्रों में २.५ लाख मूर्तियां दान में मिलने का दावा किया है ! वास्तव में यह आंकडें झूठ हैं और प्रशासन इसे बढा-चढाकर बता रहा है ! कई गणेशभक्तों ने बताया कि, वास्तव में शहर में मूर्तिदान की संख्या पहले से बहुत घटी है और श्रद्धालुओं ने मूर्तियों के विसर्जन को ही प्रधानता दी है !

हिन्दू जनजागृति समिति के उद्बबोधन के कारण गडहिंग्लज ग्रामीण क्षेत्र में आया हुआ बदलाव और प्राप्त प्रतिसाद

शत-प्रतिशत मूर्तियोंका बहते पानी में विसर्जन हुआ, ऐसे गांव

१. इस वर्ष मुगळी गांव में सरपंच और ग्रामवासियों का उद्बोधन किए जाने से इस वर्ष १०० प्रतिशत मूर्तिविसर्जन हुआ !

२. खमलेट्टी, तनवडी और हनमंतवाड इन गांवों में सत्संग, जागृति हेतु बैठकें और उद्बोधन किए जाने के कारण १०० प्रतिशत मूर्तिविसर्जन हुआ !

३. इंचनाळ गांव में भी इस वर्ष १०० प्रतिशत मूर्तिविसर्जन हुआ। गणेशोत्सव के समय में राजे ग्रुप मंडल ने मूर्तिविसर्जन करने का आश्‍वासन दिया था और उसके अनुसार उन्होंने मूर्तिविसर्जन ही किया। यहां पूर्व सैनिक श्री. दत्तात्रेय ने प्रधानता ली !

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष भी अधिक संख्या में मूर्तियों का विसर्जन बहते पानी में हुआ ऐसे गांव

१. नूल गांव में प्रतिवर्ष बडी संख्या में मूर्तिदान होता था; किंतु इस वर्ष हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा किए गए उद्बोधन के कारण ७० प्रतिशत श्रद्धालुओं ने मूर्तिविसर्जन किया।

२. बेळगुंदी गांव में २ वर्ष पूर्व १०० प्रतिशत मूर्तिदान होता था; किंतु पिछले वर्ष से समिति के उद्बोधन के कारण यहां मूर्तिदान बडी संख्या में घट कर श्रद्धालुओं का झुकाव मूर्तिविसर्जन की ओर रहा ! यहां पूर्व सैनिक श्री. बापू पवार ने प्रधानता ली।

नागदेववाडी में पिछले वर्ष लगभग शत-प्रतिशत मूर्तिदान हुआ था; परंतु इस वर्ष यहां के भगवा रक्षक मंडल के धर्मप्रेमी कार्यकर्ता एवं तंटामुक्त समिति के अध्यक्ष श्री. रामचंद्र गणपतराव पाटिल ने गांव में हिन्दू जनजागृति समिति के उद्बोधक फलक लगाना, हस्तपत्रकों का वितरण करना, सामाजिक जालस्थलोंपर हिन्दू जनजागृतिद्वारा निर्मित मूर्तिविसर्जन का वीडियो प्रसारित करना, प्रधानता लेकर विसर्जन के लिए तराफे का प्रबंध करना जैसे विविध प्रयास किए और उसके कारण शत-प्रतिशत मूर्तिविसर्जन हुआ ! गांव के कई लोगों ने इस उद्बोधन के लिए एवं मूर्तिविसर्जन का प्रबंध किए जाने के कारण धर्मप्रेमियों की प्रशंसा की !

मूर्तिदान लेने के लिए प्रधानता लेनेवालों ने जब मूर्तिविसर्जन का विरोध करना आरंभ किया, तब ये धर्मप्रेमी मूर्तिविसर्जन करने के लिए प्रधानता लेने पर अटल रहे ! अंततः जिन लोगों ने मूर्तिदान हेतु प्रधानता ली, उन लोगों ने भी मूर्तिविसर्जन ही किया !

कोल्हापुर के पंचगंगा घाट पर घटे कुछ विशेष घटनाक्रम

पंचगंगा घाट पर श्रद्धालुओंद्वारा विसर्जन हेतु की गई तराफे की व्यवस्था

१. ७ सितंबर के दिन भारी वर्षा होते हुए भी श्रद्धालुओं में मूर्तिविसर्जन के लिए उत्साह था ! दोपहर ३ बजे के पश्‍चातः तो विसर्जन के लिए श्रद्धालुओं के झुंड आ रहे थे। महापालिका ने पंचगंगा घाट पर मूर्तिदान हेतु कक्ष खोल रखे थे, मूर्तियों का दान लेने हेतु कर्मचारियों की भी नियुक्ति की थी, ध्वनियंत्रणाद्वारा मूर्तिदान देने का आवाहन किया जा रहा था, साथ ही उनकी सहायता हेतु कुछ कथित पर्यावरणवादी और सामाजिक संगठन भी थे; किंतु उनकी ओर अनदेखी करते हुए श्रद्धालुओं ने विसर्जन को ही प्रधानता दी ! इससे मूर्तिदान हेतु प्रशासन ने भले ही प्रशासकीय यंत्रणा का उपयोग कर आकाशपाताल एक किया, फिर भी कोल्हापुरवासियों ने धर्मशास्त्र के अनुसार ही बहते पानी में ही विसर्जन के लिए प्रधानता दी, ऐसा दिखाई दिया !

२. कई श्रद्धालुओं ने स्वयंस्फूर्ति से तराफे की व्यवस्था की थी। तराफे की सहायता से नदी की गहराई में जाकर विसर्जन किया जा रहा था, तो कुछ स्थानों पर श्रद्धालुओं ने नदी में उतर कर विसर्जन किया !

३. कुछ धार्मिक संगठनों ने निर्माल्य दान हेतु महापालिका की सहायता की; किंतु कई श्रद्धालुओं का निर्माल्य भी विसर्जन करने की ओर झुकाव था !

४. पंचगंगा घाट पर कु. राजेश्‍वरी जोशी नामक ७ वर्ष की बालसाधिका बरसती वर्षा में भी फलक लेकर इस अभियान में सहभागी हुई थी !

५. कई श्रद्धालुओं ने समिति के फलक, साथ ही ध्वनियंत्रणा पर किए जा रहे आवाहन को देख कर समिति के अभियान की प्रशंसा कर अपना समर्थन व्यक्त किया ! विशेषरूप से कई युवकों ने हाथ उठाकर समिति के उद्बोधन की प्रशंसा की !

६. समिति के आवाहन के कारण कई श्रद्धालुओं ने घाट पर जा कर वहां विसर्जन की व्यवस्था कहां है, इसकी पूछताछ की !

७. एक युवक ने बताया कि, मैं इस वर्ष मूर्तिदान करनेवाला था; किंतु अब मैं समिति के आवाहन के अनुसार मूर्ति का विसर्जन ही करूंगा ! दूसरे एक युवक ने बताया कि, मैने मेरे गली के मित्रों को भी मूर्तिविसर्जन करने के लिए प्रेरित किया !

८. समिति ने घाट पर श्री गणेशमूर्ति की पूजा-अर्चना हेतु श्रद्धालुओं के लिए आसंदियों का प्रबंध किया था। उससे वर्षा के कारण कीचड होते हुए भी श्रद्धालुओं को मूर्ति की पूजा-अर्चना करना संभव हुआ ! इसके कारण कई श्रद्धालुओं ने समिति के प्रति आभार व्यक्त किये !

९. समिति के उद्बोधन कक्ष के पास से जाते हुए गणेशोत्सव मंडल के एक समूह ने उत्स्फूर्तता से ‘हिन्दू जनजागृति समिति की जय हो’ ऐसा जयघोष किया !

१०. कोल्हापुर शहर में रंकाला तालाब में पिछले वर्ष की तुलना में श्रद्धालुओं ने मूर्तिविसर्जन करने पर ही बल दिया। इस वर्ष दान में बहुत अल्प मूर्तियां मिलीं !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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