हिन्दू जनजागृति समित की ओर से रत्नागिरी के महाविद्यालय में क्रांतिगाथा प्रदर्शनी

हिन्दू जनजागृति समिति की क्रांतिगाथा प्रदर्शनी !

प्रेरणादायी क्रांतिगाथा प्रदर्शनी से राष्ट्रप्रेमी पीढी सिद्ध होगी ! – प्रधानाध्यापक श्री. अनिल जाधव

क्रांतिगाथा प्रदर्शनी के उद्धाटन अवसर पर संबोधित करते हुए प्रधानाध्यापक श्री. अनिल जाधव

चिपळूण : क्रांतिकारकों ने ब्रिटीशों के साथ संघर्ष कया। क्रांतिकारकों के बलिदान के कारण देश को स्वतंत्रता मिली है। हम केवल कुछ चुनिंदा क्रांतिकारकों की ही जयंती अथवा पुण्यतिथि मनाते है; परंतु इस प्रदर्शनी से हमें अनेक क्रांतिकारकों की जानकारी मिलेगी ! अनेक क्रांतिकारी इस देश के लिए हंसते-हंसते फांसी पर चढ गए। हमें इस प्रदर्शनी से प्रेरणा लेकर देश के प्रति अपने कर्तव्य का प्रामाणिकता के साथ निर्वहन करना चाहिए। यह प्रदर्शनी आदर्श नागरिक बनने के लिए प्रेरणादायी है ! यह प्रदर्शनी छात्रों में राष्ट्र के प्रति के दायित्व का भान उत्पन्न करनेवाली प्रदर्शनी है। इससे ही आगे जाकर राष्ट्रप्रेमी पीढी सिद्ध होगी ! लोटे के नूतन विद्यालय एवं कनिष्ठ महाविद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री. अनिल जाधव ने ऐसा प्रतिपादित किया। इस विद्यालय में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित की गई क्रांतिगाथा प्रदर्शनी के उद्धाटन अवसर पर वे बोल रहे थे।

इस प्रदर्शनी का प्रारंभ भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना कर एवं श्रीफल चढा कर किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के पर्यवेक्षक श्री. विजय बसवंत, शिक्षक श्री. नितीन जाधव, श्री. ए. आर. लवटे, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विष्णु साळुंखे, श्री. सागर काते, सनातन संस्था की श्रीमती पुष्पा मोरे एवं अन्य अध्यापकगण उपस्थित थे। क्रीडाशिक्षक श्री. संजय भोकरे ने कार्यक्रम का सूत्रसंचालन किया। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुरेश शिंदे ने क्रांतिगाथा प्रदर्शनी का उद्देश्य विशद किया एवं राष्ट्रध्वज का सम्मान किस प्रकार करना चाहिए, इस विषय में छात्रों का उद्बोधन किया। ५५० छात्रों ने इस प्रदर्शनी का लाभ उठाया।

इस अवसर पर क्रीडाशिक्षक श्री. संजय भोकरे ने कहा कि यह प्रदर्शनी राष्ट्र के संदर्भ में स्फूर्ति उत्पन्न करनेवाली प्रदर्शनी है; इसलिए आप इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाएं एवं उससे इन क्रांतिकारकों ने बचपन में ही देश के लिए किस प्रकार से कार्य किया, यह समझ कर लें !

विशेष

१. कार्यक्रम के प्रारंभ में छात्रों ने सामूहिक क्रांतिगीत प्रस्तुत किया !

२. अध्यापकों ने छात्रों को प्रदर्शनी दिखाने के लिए हर कक्षा के अनुरूप अच्छा नियोजन किया !

३. इस उपक्रम के लिए संस्थाचालकोंद्वारा अच्छा सहयोग प्राप्त हुआ !

अध्यापकों के अभिप्राय

१. श्री. विजय बसवंत, पर्यवेक्षक : इन क्रांतिकारकों के कारण ही हमें स्वराज्य की प्राप्ति हुई ; इसलिए हम पर इन क्रांतिकारकों का ऋण है। हम इन वीरपुरुषों की स्मृति से प्रेरणा लेंगे ! समिति के ऐसे उपक्रमों के लिए हमारा सदैव सहयोग रहेगा !

२. श्री. नितीन कुळे : इस प्रदर्शनी से छात्रों में नेतृत्वगुण, साहस आदि गुणों का संवर्धन होगा एवं राष्ट्र-भाव उत्पन्न होगा ! क्रमिक पुस्तकों में क्रांतिकारकों के संदर्भ में इतनी जानकारी नहीं मिलती !

३. श्री. नीलेश देवरुखकर : प्रदर्शनी में क्रांतिकारकों की दी गई जानकारी छात्रों के लिए बहुत ही बोधप्रद है ! कुछ क्रांतिकारकों के विषय में नए सिरे से जानकारी मिली। समिति के कार्यकर्ता समर्पितभाव से यह कार्य कर रहे हैं !

क्रांतिकारकों की जानकारी को बही में लिख लेते हुए छात्र

छात्रों के अभिप्राय

१. हमें अभिनेता-अभिनेत्रियों का आदर्श सामने न रखकर देश के लिए बलिदान देनेवाले क्रांतिकारकों का आदर्श सामने रखना चाहिए !

२. क्रांतिकारकों ने उनकी अगली पीढी का विचार किया, उसी प्रकार से हमें भी विचार करना चाहिए !

३. हम क्रांतिकारकों का आदर्श सामने रखकर राष्ट्र के लिए कार्य करेंगे !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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