अफगानिस्तान : अमेरिका के ड्रोन हमले में मारा गया तालिबान प्रमुख फजलुल्ला

पाकिस्तान के सबसे खूंखार आतंकी मुल्ला फजलुल्ला के मारे जाने से ‘मुल्ला रेडियो’ खामोश हो गया है । अमेरिका ने ड्रोन हमले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सरगना फजलुल्ला को मार गिराया है । अमेरिका ने अफगानिस्‍तान के पूर्वी कुनार प्रांत में आतंकी मुल्‍ला फजलुल्‍लाह को निशाना बनाया ।

आतंकी फजलुल्ला वही है, जिसने पाकिस्तान को सबसे ज्यादा खून के आंसू रुलाया । हालांकि फजलुल्ला को पाकिस्तान ने ही पाला-पोसा था और उसको अपने यहां पनाह दी थी । पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी स्कूल में १५० से ज्यादा मासूम बच्चों का कत्लेआम करने में फजलुल्ला का ही हाथ था ।

पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकी था फजलुल्ला

पाकिस्तान में आतंक के सबसे खूंखार चेहरे का नाम है फजलुल्लाह और इसके एक इशारे पर तालिबान मरने-मारने में उतारु हो जाता है । ये वो शख्स था, जिसने पाकिस्तान का स्विट्जरलैंड कही जाने वाली स्वात घाटी को न सिर्फ नर्क में तब्दील कर दिया, बल्कि उसके नापाक मंसूबों ने कई बार पाकिस्तान को खून के आंसू रुलाया ।

पाकिस्तान की स्वात घाटी । बेहद ही खूबसूरत इस इलाके को फजलुल्लाह ने आतंक का गढ बना दिया था । रोज-रोज अपने नए फतवों से लोगों के दिलों में खौफ का वो मंजर उत्पन्न कर दिया कि फजल्लुलाह के नाम से भी लोग कांपने लगे थे । यहां हर किसी के चेहरे पर फजल्लुलाह का डर और खौफ का साफ दिखाई देता था । औरतें घर से बुर्का डालकर निकलतीं और बच्चे स्कूल जाने से डरते थे ।

फजलुल्लाह ने बनाया मुल्ला रेडियो

अपने ससुर सूफी मुहम्मद के साथ मिलकर फजलुल्लाह ने स्वात घाटी में आतंक की हुकूमत काबिज कर दी । रेडियो तालिबान पर आए दिन अपने फतवों से स्वात घाटी में मजहब के नाम पर घिनौना खेल खेला । कभी महिलाओं को घर से निकलने का फतवा, कभी बच्चों को स्कूल ना भेजने का फरमान तो कभी संगीत सुनने पर मौत की सजा देने का ऐलान ।

हर फरमान के साथ फजल्लुलाह का चेहरा और भी खतरनाक होता गया । जिस किसी ने फजल्लुलाह के फरमानों की अनदेखी करने की हिम्मत की तो उसे मिली मौत की सजा । तो औरतों को मिली सरेआम कोड़ों की सजा । जिसके बाद तो किसी ने भी फजल्लुलाह के सामने सिर उठाने की हिम्मत नहीं की ।

फजल हयात था नाम

फजलुल्ला ने ही पाकिस्तान के पेशावर स्थित स्कूल में १५० से ज्यादा मासूम बच्चों का कत्लेआम किया था । इसका नाम फजल हयात था । साल १९७४ में पाकिस्तान के स्वात जिले में पैदा हुआ यह पश्तून उग्रवादी देवबंद सुन्नी इस्लाम का समर्थक था और पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करवाना चाहता था । बेहद कट्टर विचारधारा का फजलुल्लाह उसी समुदाय से आता है, जिस समुदाय से नोबल प्राइज विजेता मलाला यूसुफजई आती हैं ।

फजलुल्लाह को पाकिस्तान सरकार ने वर्ष २००५ में गिरफ्तार कर लिया था । इस दौरान उसने जेल में ही रहकर तमाम धार्मिक किताबें पढी । वहां से ही उसके कट्टरवाद की शुरुआत हुई । जेल से छूटने के बाद उसने पाकिस्तान की सरकार और कट्टरपंथियों के बीच समझौता करवाया, जिसके एवज में पाकिस्तान सरकार ने उसे मालकंड जिले में शरिया कानून लागू करने की अनुमति दे दी ।

४५०० से ज्यादा लडाकों की खडी कर ली थी फौज

इसके बाद से फजलुल्ला धीरे-धीरे स्वात घाटी के इलाके में मजबूत होता चला गया । फिर उसने खूंखार आतंकी बैतुल्ला महसूद से हाथ मिला लिया । वर्ष २००७ तक उसने ४५०० लडाकों की फौज बना ली और स्वात घाटी के ५९ गांवों पर अपनी हुकूमत चलाने लगा । १० जुलाई २००९ को पाकिस्तानी फौज के हमले में वह जख्मी तो हो गया, परंतु बच निकला था ।

पाकिस्तानी सेना ने करोड़ों रुपये की लागत से बने उसके मदरसे को नेस्तनाबूत कर दिया । इसके हमले के बाद फजलुल्ला अफगानिस्तान चला गया और वहीं से ऑपरेशन चलाने लगा । अफगानिस्तान में रहकर ही वो पाकिस्तानी फौजों पर हमले करता था ।

शरिया कानून का था हिमायती

फजलुल्लाह शुरू से ही कडे शरिया कानून का हिमायती था और उन्हें तोड़ने वालों को कडी सजा देता था । इनमें गला काट कर मौत की सजा देना तक शामिल था । वह संगीत, टीवी, सिनेमा वगैरह का घोर विरोधी था और ऐसा करने वालों को सजा देता है । उसने स्वात में कंप्यूटर की तमाम दुकानों में आग लगवा दी थी । फजलुल्लाह खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं की तालीम और उनके विद्यालय जाने के विरोध में था । उसने लड़कियों के दस स्कूलों को बम से उडा दिया था ।

जबकि लगभग १७० स्कूलों को नेस्तनाबूत कर दिया था । मुल्ला फजलुल्लाह के ही कहने पर २०१२ में मलाला पर हमला हुआ था । जब फजलुल्लाह के नाम की तूती बोला करती थी तब पुलिस छोड़िए पाक सेना तक उसके गढ़, खास तौर पर उसके हैडक्वार्टर का रुख करने से घबराती थी ।

ये वही हैडक्वार्टर था जहां से फजलुल्लाह तमाम खतरनाक साजिशें रचता । ये वही अड्डा था जहां फजलुल्लाह अपने कैदियों को बंदी बनाकर उनपर जुल्म ढहा था । ये वही जगह थी जहां बैठ कर वो मुल्ला रेडियो के जरिए तमाम मौत के फरमान जारी करता ।

स्त्रोत : आज तक

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