राजकोट : समस्या का हल निकालने गए फल विक्रेता तथा उसके पुत्र की ४ धर्मांधों द्वारा हत्या

  • इस घटना को किसी भी मिडिया ने ‘ब्रेकिंग न्यूज’ नही बनाया, क्योंकि मरनेवाला कोर्इ अखलाक या जुनैद नहीं था तो एक हिन्दू था !

  • हिन्दुआें, स्वयं की रक्षा के लिए स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना अब समय की आवश्यकता है, यह ध्यान में लें ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति

राजकोट – शहर में साधु वासवाणी रोड पर एक व्यापारी से समाधान करने गए पिता-पुत्र पर पिछली एक नवंबर को ४ जिहादीयों ने आक्रमण किया गया था । इसके बाद अस्पताल में भर्ती दोनों की मौत हो गर्इ। हत्या के चार आरोपियों को पुलिस ने राजस्थान के अजमेर जिले के सरवाड से गुरुवार को पकड़ा। चारों को शुक्रवार को यहां लाकर पूछताछ शुरू की गई है।

सूत्रों के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि पिता-पुत्र की हत्या के बाद वे जामनगर पहुंचे। वहां से कोडीनार, ऊना, अमरेली, अहमदाबाद, राजस्थान के पाली, अजमेर होते हुए अंत में सरवाड़ पहुंचे।

पुलिस को आशंका थी कि अजमेर की दरगाह में दीदार करने के लिए आरोपी पहुंचे लेकिन अजमेर से करीब ९० किलोमीटर दूर सरवाड़ शरीफ की दरगाह के समीप होने की मुखबिर से सूचना मिलने पर छुपे वेश में नजर रखना शुरू किया। इस बीच, गुरुवार को वहां पहुंचने पर चारों आरोपियों में शामिल जावेद मुसा कामदार, उसके पुत्रों नजीर उर्फ नफीस कामदार, कईम उर्फ सुलतान उर्फ मानिया कामदार के अलावा एक किशोर को पकड़ा।

हत्या के कई मामलों में लिप्त जावेद

आरोपी जावेद मुसा कामदार इससे पहले, वर्ष १९८५ में अमरेली में मारपीट के मामले में पासा के तहत छोटा उदेपुर जेल में भेजा गया। वर्ष १९९५-९६ में जूनागढ़ में मारपीट के आरोप में पकड़ा गया था। वर्ष २०१४ में हत्या के आरोप में अहमदाबाद के कागड़ापीठ पुलिस थानाकर्मियों के हाथों पकड़ा गया और जेल में रहा। वर्ष २०१६ में २५ जनवरी को पैरोल पर रिहा होने के बाद से फरार था। उसी वर्ष उसने पुत्र नजीर उर्फ बाबो भी अहमदाबाद में हत्या के मामले में शामिल था और १९ अगस्त २०१६ को पैरोल पर रिहा होने के बाद से फरार था। इसके बाद वर्ष २०१६ में उसने जूनागढ़ में हत्या का प्रयास किया।

यह था मामला

गौरतलब है कि शहर के नटराज नगर में कैलाश पार्क निवासी व पशुपालन का कारोबार करने वाले गगजी जोधा चोहला के दूसरे नंबर का पुत्र कानो बुधवार दोपहर में साधु वासवाणी रोड पर गंगोत्री डेयरी के समीप फल की लॉरी पर गया। वहां किसी बात पर झगड़ा हुआ और फल व्यापारी ने काना की पिटाई कर दी।

सूचना मिलने पर काना के पिता गगाजी जोधा (५५ वर्ष) व उनका बड़ा पुत्र हका गागजी चोहला (३३ वर्ष) फल की लॉरी पर समाधान करने पहुंचे। इस दौरान फल के व्यापारी चार धर्मांधों ने पिता-पुत्र पर छुरे व अन्य हथियारों से कथित तौर पर हमला किया। अचानक हमले के कारण क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। पिता-पुत्र को गंभीर जख्मी हालत में निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां पहले पिता व बाद में पुत्र ने दम तोड़ दिया।

स्त्रोत : पत्रिका

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