अमरनाथ यात्रा एवं पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमणों का ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ के माध्यम से निषेध

घाटकोपर

राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में सम्मिलित राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी

मुंबई : ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’द्वारा १६ जुलाई को घाटकोपर रेलस्थानक के बाहर अमरनाथ यात्रा एवं पश्चिम बंगाल में धर्मांधोंद्वारा हिन्दुओं पर निरंतर होनेवाले आक्रमण का विरोध किया गया। आंदोलन में स्वराज्य युवा प्रतिष्ठान, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, हिन्दू राष्ट्रसेना, शिवकार्य प्रतिष्ठान, शिवस्वराज्य संवर्धन प्रतिष्ठान, बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिन्दू जनजागृति समिति, हिन्दू एकता जागृति समिति आदि संघटनों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिक सम्मिलित हुए थे। हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।

आंदोलन की सफलता हेतु सर्वश्री गणेश मोदी, राहुल भुजबळ, महेश राजपुरकर, सुभाष अहिर एवं विवेक सावंत इन स्थानीय धर्मप्रेमियों ने दायित्व लिया।

मान्यवरोंद्वारा व्यक्त किये गए विचार

१. यदि हिन्दुओं के हित में कार्य नहीं किया गया, तो अगले चुनाव में भाजपा शासन भी निश्चित रूप से पराभूत होगा ! – श्री. प्रकाश सावंत, हिन्दू राष्ट्र सेना

२. चीनी वस्तुओं पर संपूर्ण प्रतिबंध लगा कर हमें स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए ! – श्री. प्रथमेश सुभेदार, धर्मप्रेमी

३. हिन्दुओं की यात्रा पर किए जानेवाले आक्रमण सहन नहीं किए जाएंगे। इसलिए सभी हिन्दुओं ने संघटित हो कर विरोध करने की आवश्यकता है ! – कु. कावेरी मयेकर, धर्मप्रेमी

४. हर हिन्दू ने किसी न किसी हिन्दुत्वनिष्ठ संघटन से जुड़ कर हिन्दुओं पर हो रहे अन्याय के विरोध में संघर्ष करना आवश्यक है ! – श्री. ब्रिजेश शुक्ला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

क्षणचित्र : भर वर्षा में भी आंदोलन करते समय कार्यकर्ताओं में उत्साह था !

कल्याण

यहां अमरनाथ यात्रा पर किए गए आक्रमण के विरोध में १६ जुलाई को मूक मोर्चा निकाला गया। इसमें हिन्दू महामंडलम्, शंभुराजे युवा प्रतिष्ठान, हिन्दू शक्ति वाहिनी, स्वराज्य मित्र मंडल, बजरंग दल, लायन हार्ट ग्रुप, हिन्दू राष्ट्र सेना, सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति के साथ भाजपा, शिवसेना एवं मनसे के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे।

बंगाल का ‘बांग्लादेश’ होने से पूर्व राष्ट्रपति शासन लागू करें ! – आधुनिक वैद्य श्री. उपेंद्र डहाके, भाजपा, कल्याण नगर उपाध्यक्ष

एक छात्र ने फेसबुक पर विवादित पोस्ट करने से सहस्रों धर्मांधों ने हिन्दुओं पर प्राणघाती आक्रमण करते हुए हिन्दुओं के सैकडों घर एवं मंदिर ध्वस्त किए, ३५ हिन्दू घायल हुए, हिन्दू महिलाओं पर बलात्कार किए गए। इतना होते हुए भी बंगाल शासन धर्मांधों की चापलूसी करते हुए शांत बैठा है ! इसलिए शासन को चाहिए कि बंगाल सरकार विर्सिजत कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर हिन्दुओं की रक्षा करें !

केवल विरोध कर धन्यता मानने की अपेक्षा आतंकवाद के विरोध में संघर्ष करने हेतु सिद्ध हों ! – श्री. कैलास जाधव, हिन्दू राष्ट्र सेना

हम कितना एवं कौन कौनसी बातों का विरोध करते रहेंगे ? केवल विरोध कर स्वयं को धन्य मानने की अपेक्षा सक्रिय होकर आतंकवाद के विरोध में संघर्ष करने हेतु तैयार रहें। हमें राजनीतिक दलों सरकार नहीं चाहिए, हिन्दुओं का राष्ट्र चाहिए !

क्षणिका

१. आंदोलन का विषय अच्छा लगने पर यहां के एक दुकानदार ने स्वयं आगे आकर शासन को दिए जानेवाले ज्ञापन पर पडोस के अनेक दुकानदारों के हस्ताक्षर लेकर अपना धर्मकर्तव्य निभाया एवं स्वयं सनातन प्रभात के हिन्दी मासिक के वर्गणीदार भी हुए !

२. फेरी अग्रसर होते समय पुलिस ने भी परिवहन व्यवस्था सुलभ रख कर सहयोग दिया। (फेरी आरंभ होने पर परिवहन सुलभ होने हेतु साधक प्रयास कर रहे थे। वहां के एक अधिकारी ने कहा कि आप फेरी में सम्मिलित हों जाओ, परिवहन का ध्यान हम रखते हैं !)

नागपुर

आंदोलन में सम्मिलित राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी

नागपुर : अमरनाथ यात्रियों पर किये गए आक्रमण के विरोध में यहां संविधान चौक पर ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया। इस अवसर पर ‘अमरनाथ यात्रा पर आक्रमण करनेवाले जिहादी आतंकवादी एवं पाकिस्तान को समाप्त करें, बंगाल का बांग्लादेश होने से पूर्व `राष्ट्रपति शासन’ लागू करें, चीनी ड्रेगन को रोकने हेतु चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करें तथा साध्वी प्रज्ञासिंह को मिथ्या आरोप में ८ वर्ष तक कारागृह में कैद कर रखनेवाले एवं असीम अत्याचार करनेवाले पुलिस अधिकारी तथा इस षड्यंत्र को रचनेवालों पर कार्रवाई करें। उसीप्रकार राजनेताओं पर कार्रवाई करें एवं नक्सली गतिविधियों में पाई गई जेएनयू की प्रा. नंदिनी सुंदर एवं मानवाधिकार कार्यकर्ती बेला भाटिया पर कार्रवाई करें तथा आतंकवाद का पोषण करनेवाले फरार अपराधी डॉ. जाकिर नाईक एवं उसकी प्रतिबंधित `इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन’ एवं उसका `फेसबुक पेज’ त्वरित बंद करें’ आदि मांगें भी की गर्इं।

आंदोलन में योग वेदांत सेवा समिति, छत्रपति शिवाजी महाराज राज्याभिषेक समिति, हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था आदि संस्थाओं के ४० से भी अधिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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