इतिहास का विकृतिकरण करनेवाले चलचित्र राणी पद्मावती के चित्रिकरण के लिए अनुमति न दें ! – हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की मांग

समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय एवं वन विभाग को निवेदन

वन अधिकारी डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला को ज्ञापन देते हुए हिन्दुत्वनिष्ठ

कोल्हापुर (महाराष्ट्र) : निर्माता-निर्देशक संजल लीला भन्साळी हेतुपूर्वक हिन्दुआें की धर्मभावनाआें को आहत करनेवाले और इतिहास का विकृतिकरण करनेवाले चलचित्र बनाते हैं । उनके द्वारा बनाए जा रहे चलचित्र ‘द लिजंड ऑफ रानी पद्मावती’ में रानी पद्मावती एवं वासनांध मुसलमान आक्रमणकारी बादशहा अल्लाउद्दिन खिलजी के साथ प्रेमप्रकरण दिखाए जाने की जानकारी सामने आई है । राजस्थान की करणी सेना ने इस चलतचित्र का तीव्र विरोध करते हुए राजस्थान में उसका चित्रिकरण नहीं होने दिया था । यही भन्साळी आज के दिन सभी नियमों का उल्लंघन कर कोल्हापुर के मसाई पठारपर अवैधरूप से चित्रिकरण कर रहे हैं । अतः इतिहास का विकृतिकरण करनेवाला चलतचित्र ‘द लिजंड ऑफ रानी पद्मावती’ का चित्रिकरण की अनुमति नहीं दी जाए । समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से कोल्हापुर के जिलाधिकारी को निवेदन सौंपकर की गई है । निवासी उपजिलाधिकारी श्री. संजय शिंदे ने इस निवेदन का स्वीकार किया । (चलतचित्रों के माध्यम से इतिहास का विकृतिकरण करनेवाले संजय लीला भन्साळी द्वारा किए जा रहे चित्रिकरण को रोकने की मांग करनेवाले सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का अभिनंदन ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

इस अवसरपर शिवसेना के श्री. किशोर घाटगे, शिवसेना उपजिलाप्रमुख श्री. संभाजीराव भोकरे, बजरंग दल उपजिलाप्रमुख श्री. संभाजी साळुंखे, बजरंग दल शहरप्रमुख श्री. महेश उरसाल, बजरंग दल के श्री. राजेंद्र सूर्यवंशी, श्रीशिवप्रतिष्ठान के श्री. आशीष लोखंडे, इस्कॉन के श्री. दीपक सपाटे, हिन्दू एकता शहरप्रमुख श्री. जयदीप शेळके, पतित पावन संगठन के जनपदाध्यक्ष श्री. सुनील पाटिल, पतित पावन के उपाध्यक्ष श्री. आकाश नवरुखे, ‘वंदे मातरम् युथ ऑर्गनायजेशन’ श्री. अवधुत भाट्ये, धर्माभिमानी श्री. गोविंदराव देशपांडे, श्री. देवराज सहानी, श्रीमती मनीषा लाड, श्री. शांताराम कांबळे, हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री सुधाकर सुतार, शिवानंद स्वामी, मधुकर नाजरे, बाबासाहेब भोपळे, सनातन संस्था के श्री. प्रथमेश गावडे एवं छात्र संगठन के श्री. नीतीश कुलकर्णीसहित अन्य उपस्थित थे ।

हमारे नियंत्रणवाले क्षेत्र में यदि कोई अयोग्य किया गया, तो उसके विरुद्ध निश्‍चितरूप से कार्यवाही ! – वन अधिकारी

वन अधिकारी डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला को निवेदन सौंपा गया । मसाई पठार दुर्लभ वन्यजीव एवं विविधता से संपन्न वनस्पतियों का प्रदेश है । १५ मार्च २०१७ को लगी आग में वन्यजीव एवं वनस्पतियों के जल जाने की संभावना है । इस प्रकार से की गई हानि की किसी भी प्रकार से भरपाई नहीं हो सकती । क्या यह क्षेत्र वनविभाग के नियंत्रणवाला है ? इसका निर्धारण होना आवश्यक है । यदि यह भूमि वनविभाग की है, तो उस भूमिपर चित्रिकरण की अनुमति कैसे दी गई ? उस कारण इतिहास का विकृतिकरण करना एवं वनविभाग के नियंत्रणवाले प्रदेश का उपयोग चित्रिकरण हेतु करना अवैध है । अतः इस चलचित्र के चित्रिकरण की अनुमति को अस्वीकार करनेसहित भन्साळीपर उचित कार्यवाही की जाए, यह मांग उनसे की गई । इसपर डॉ. शुक्ला ने आश्‍वासन देेते हुए कहा, ‘‘हमारे नियंत्रणवाले क्षेत्र में यदि कोई अयोग्य होता हो, तो हम उसे नहीं होने देंगे तथा उसके विरुद्ध उचित कार्यवाही करेंगे ।’’

पुलिस अधीक्षक कार्यालय को निवेदन

चित्रिकरण की कालावधि में अवैधरूप से पशुआें को लाकर कानून का उल्लंघन करने के प्रकरण में prevention of cruelty to animals act के अंतर्गत भन्साळीपर अपराध प्रविष्ट कीजिए !

कोल्हापुर जनपद के ऐतिहासिक पन्हाळा भवन के निकट मसाई पठारपर निर्देशक संजय लीला भन्साळी सभी नियमों का उल्लंघन कर अपने ‘द लिजंड ऑफ रानी पद्मावती’ का चित्रिकरण कर रहे थे । prevention of cruelty to animals act 1960 एवं prevention of cruelty to animals act 1970 के अंतर्गत आज के दिन किसी चलचित्र अथवा नाटक में किसी भी प्रकार के जीवित प्राणी से काम कर लेने हेतु अनुमति नहीं है । ऐसा होते हुए भी इन सभी नियमों का उल्लंघन कर संजय भन्साळी द्वारा अपने चलचित्र में काम करने हेतु घोडे लाए गए थे । इसके अतिरिक्त गंभीर बात यह कि, इस प्रकरण में सामाजिक भावनाआें का क्षोभ होने से कुछ लोगों ने चित्रिकरण हेतु लगाया गया सेट को आग लगा दी । इस अग्निकांड में सेटपर जो घोडे थे, वो गंभीररूप से घायल हो गए । इस में इन पशुआें की प्राणहानि का संकट था । एक प्रकार से यह इन पशुआें के प्राणों के साथ खेलने का ही प्रकरण हुआ । अतः शासन द्वारा अनुमति न होते हुए भी prevention of cruelty to animals act कानून के अंतर्गत नियमों का उल्लंघन करनेवाले भन्साळी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए, साथ ही ‘Performing Animals (Registration) Rules, 2001’ कानून के अंतर्गत इसके लिए उचित अनुमति ली गई थी क्या, इसकी भी जांच की जाए । हिन्दुत्वनिष्ठों ने इन मांगों का निवेदन पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भी सौंपा है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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