हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने कन्हैया कुमार के पुणे में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने आतंकियों का समर्थन करनेवाले कन्हैया कुमार के पुणे में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की

कन्हैया कुमार जैसे दुष्प्रवृत्तियों को प्रेरणा देनेवाले देशविरोधी ! – अभय वर्तक, प्रवक्ता, सनातन संस्था

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पुणे : ९ फरवरी २०१६ को आतंकी महम्मद अफजझल की फांसी को ३ वर्ष पूरे होने के अवसर पर देहली के जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय) में उसके समर्थन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में जेएनयू के विद्यार्थी संगठन का अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भाषण दिया । साथ ही अफल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं, जंग रहेगी जंग रहेगी कश्मीर की आजादीतक जंग रहेगी, भारत की बरबादीतक जंग रहेगी जंग रहेगी जैसी देशविरोधी घोषणाएं भी इस समय की गईं । इसे ध्यान में रखते हुए कन्हैया कुमार के कार्यक्रम को अनुमति न दी जाए; इसलिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने पुलिस एवं प्रशासन से निवेदन किया है । उस पर विचार कर पुलिस प्रशासन कन्हैया कुमार के जनपद में प्रवेश करने पर प्रतिबंध डाले । कन्हैया कुमार जैसे दुष्प्रवृत्तियों को जो प्रेरणा दे रहे हैं, वे भी देशद्रोही ही हैं । ऐसी देशविरोधी शक्तियों पर भी कार्यवाही की जाए, साथ ही कन्हैया कुमार की यात्राआें के लिए पैसा कहां से आ रहा है, शासन इसकी भी जांच करे, समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक ने पत्रकार परिषद में यह मांग की । कन्हैया कुमार २४ अप्रैल को पुणे आ रहा है । इसके विरोध में पुणे श्रमिक पत्रकार संघ के कार्यायलय में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से पत्रकार परिषद ली गई, उसमें वे बोल रहे थे ।

कन्हैया कुमार के कार्यक्रम को अनुमति दी गई, तो उसका हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा अंतिम क्षणतक विरोध किया जाएगा तथा यह कार्यक्रम न हो; इसलिए सभी कानूनी मार्गों का उपयोग किया जाएगा, श्री. अभय वर्तक ने यह चेतावनी भी दी ।

इस समय पनून कश्मीर संगठन के श्री. राहुल कौल, हिन्दू एकता आंदोलन के जिलाध्यक्ष श्री. मंगेश कुलकर्णी, अखिल पिंपरी शिवजयंती महोत्सव समिति के श्री. नितीन वाटकर एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले उपस्थित थे ।

श्री. वर्तक ने आगे कहा, कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट है तथा न्यायालय ने उसे अंतरिम प्रतिभूति (जमानत) दी है । कन्हैया कुमार ने इस देश का अपमान किया है । इससे देश के साथ राज्यों के विविध स्थानों का वातारवण भी अशांत हो रहा है तथा उससे देशभक्ति की भावनाआें एवं देश की एकता को संकट पहुंच रहा है । स्वयं को पुरोगामी समनेवाले कुछ देशद्रोही संगठनों ने कन्हैया कुमार के कार्यक्रम का आयोजन किया है । समाज में विशेषरूप से युवकों में देशविरोधी भावनाआें को भडकाने का ही यह षड्यंत्र है । कोई भी देशभक्त नागरिक इसे सहन नहीं करेगा । सभा का आयोजन तो दूर ही रहे; परंतु ऐसी दुष्प्रवृत्तियों को पुणे में कदम रखने पर भी प्रतिबंध डालना चाहिए ।

किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रवाद से छल नहीं हो सकता ! – राहुल कौल, पनून कश्मीर

राहुल कौल ने कहा, पुणे शहर का वातावरण अत्यंत सौहार्दपूर्ण है । जो कोई व्यक्ति देशद्रोही कृत्यों में सम्मिलित हो, तो पुणे में ऐसे व्यक्ति का स्वागत होना उचित नहीं है । विगत २६ वर्षों से कश्मीरी हिन्दू समुदाय अपने ही देश में विस्थापित के रूप में जीवन व्यतीत कर रहा है । आजतक किसी भी शासन ने उनके लिए ठोस समाधान नहीं निकाले हैं । ऐसा होते हुए भी कश्मीरी हिन्दुआें की राष्ट्रनिष्ठा अबाधित है । दूसरी ओर देशविरोधी वक्तव्य देनेवाले कन्हैया कुमार को एक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है । कांग्रेस, साथ ही नक्सलवाद का समर्थन करनेवाले दलों का उसको समर्थन होना, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है । किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रवाद से छल नहीं हो सकता । इसलिए पनून कश्मीर संगठन का भी पुणे में कन्हैया कुमार के होनेवाले कार्यक्रम का विरोध होगा । ऐसे कार्यक्रमों के कारण सामाजिक शांति भंग होने की बडी संभावना है । पुणे में भारतविरोधी वातावरण उत्पन्न न हो; इसलिए शासन को आतंकियों का समर्थन करनेवाले किसी भी कार्यक्रमों को अनुमति नहीं देनी चाहिए ।

हिन्दू एकता आंदोलन के जिलाध्यक्ष श्री. मंगेश कुलकर्णी ने कहा, पुणे शहर को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर देशभक्ति का इतिहास है । ऐसी पुण्यनगरी में कन्हैया कुमार जैसे देशद्रोही को आने नहीं देना चाहिए ।

क्षणचित्र

पत्रकार परिषद में एक प्रसारमाध्यम के प्रतिनिधि ने कन्हैया कुमार को आने देने तथा उसका क्या कहना है, बडे मन से यह सुन लेने में क्या समस्या है ?, यह प्रश्‍न पूछा । इसका उत्तर देते हुए सनातन के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक ने कहा, कन्हैया कुमार ने समय-समय पर क्या वक्तव्य दिए हैं, उनको सभी ने सुना है । यहां बडा मन एवं संकीर्ण मन यह प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता । जिन बातों के कारण राष्ट्र की एकता पर संकट आता है, उसका विरोध ही किया जाएगा । इस विषय में कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता ।

स्त्राेत : दैनिक सनातन प्रभात

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