फ्राॅड थीं मदर टेरेसा, भ्रष्ट लोगों से पैसे लेती थीं व ईसाईयत का एजेंडा चलाती थीं : तसलीमा नसरीन

दिल्ली : कट्टरपंथ और नारी विमर्शों पर लिखनेवाली मशहूर प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन ने इस बार ईसाई नन और मिशनरी कार्यकारी मदर टेरेसा पर कई गंभीर सवाल खडे किए हैं। दरअसल हाल ही में वेटिकन ने घोषणा की थी कि वह ‘कथित रूप से’ सेवा कार्य चलाने वालीं और गरीबों की भलाई के लिए काम करने वाली मदर टेरेसा को संत की उपाधि देगा।

वेटिकन के इस फैसले पर कई लोगों ने सवाल खडे किये हैं, क्योंकि मदर टेरेसा पर आरोप था कि वो भी मिशनरियों के भान्ति सेवा की आड में धर्म परिवर्तन का गंदा खेल चलाती थीं और यही उनका वास्तविक लक्ष्य था। ऐसे तथ्यों की भी कमी नहीं जो यह साबित करते हैं कि मदर टेरेसा का एजेंडा सेवा नहीं बल्कि ईसाईयत का प्रचार था।

मदर टेरेसा पर ऐसे भी आरोप लगे थे कि वह दर्द से कराहते लोगों की सेवा करने के बजाय उन क्षणों को एंजॉय किया करती थीं और पीडित के दर्द से कराहने को उसे जीसस का किस करना बतातीं थीं।

तसलीमा ने वेटिकन के टेरेसा को संत घोषित करने के फैसले पर अफ़सोस जताते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि, “मदर टेरेसा को संत बनाया जाएगा, ऐसी औरत जिसने भ्रष्ट लोगों से पैसा ले लिया, जिसने गरीबबीमार लोगों को बिना चिकित्सा उपलब्ध करवाए मरने के लिए छोड दिया वह अब संत हो जायेगी।”

अपने दूसरे ट्वीट में तसलीमा ने टेरेसा पर गंभीर आरोप जडते हुए लिखा कि, मदर टेरेसा एक कट्टरपंथी और धोखे बाज थी। अगले ट्वीट में तसलीमा ने क्रिस्टोफर हिचेन्स नामक विद्वान् का जिसने टेरेसा पर सवाल खडे किये थे उनका एक यूट्यूब वीडियो का लिंक भी पोस्ट किया जिसका शीर्षक था “मदर टेरेसा : नर्क की परी”

तसलीमा ने अगले ट्वीट में यह भी बताया कि, मदर टेरेसा का एजेंडा ईसाईयत फैलाना ही था, उन्होंने लिखा कि, मदर टेरेसा का एक ईसाई एजेंडा था। वह गरीबी उन्मूलन के लिए नहीं थापैसा तो बहुत था लेकिन कोलकाता में एक आधुनिक अस्पताल का निर्माण नहीं किया गया।

ज्ञात हो कि मदर टेरेसा सहित ज्यादातर ईसाई मिशनरी दर्द से कराहते लोगों का इलाज करने के बजाय उन्हें जीसस के पाठ पढाने लगते थे और सारा कारण जीसस पर छोड देते थे, जिसके लिए टेरेसा की आज भी जमकर आलोचना की जाती है

एक यूजर के ट्वीट को quote करत हुये तसलीमा ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, वह कोलकाता के बीमार लोगों को सिर्फ स्ट्रेचर ही उपलब्ध करवाती थीं ना कि ईलाज

ज्ञात हो कि ये कोई पहली बार नहीं है जब ईसाई मिशनरियों और मदर टेरेसा पर किसी ने इस तरह सवाल खडे किये हों बल्कि इससे पहले भी कई लोगों ने मदर टेरेसा पर ऐसे ही आरोप जडे थे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी पिछले वर्ष फरवरी में एक समारोह के दौरान मदर टेरेसा पर ऐसे ही गंभीर आरोप लगाये थे और साफ़ कहा था कि, मदर टेरेसा का कार्य धर्म परिवर्तन करना ही था

राजस्थान के भरतपुर में एक गैर-सरकारी संगठन ‘अपना घर’ के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा था कि, “मदर टेरेसा की सेवा अच्छी रही होगी. पर इसमें एक उद्येश्य हुआ करता था कि जिसकी सेवा की जा रही है उसको ईसाई बनाया जाए

उस दौरान आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा था कि, “सवाल सिर्फ धर्म बदलने का नहीं है, लेकिन यह धर्मांतरण सेवा के नाम पर किया जाता है, तो इससे सेवा का मूल्य खत्म हो जाता है

स्त्रोत : रिवोल्ट प्रेस

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