जलगांव (महाराष्ट्र) : पांडववाडा आंदोलनको कुचलनेका प्रयास करनेवाले हिंदुद्वेषी पुलिसकर्मियोंकी मुगलाई !

फाल्गुन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११५

आंदोलनको कुचलनेका प्रयास करनेवाले पुलिसकर्मियोंकी मुगलाई !

४ सहस्र हिंदुओंका भव्य मोर्चा । पुलिसद्वारा दमननीतिका प्रयास

जानले यह प्रयास कैसे किया गया :

१. जनपदाधिकारी कार्यालयके समक्ष सभाके लिए लगाए गए ध्वनिक्षेपक तंत्रके कर्णोमेंसे (स्पीकर) पुलिसकर्मियोंने ४ स्पीकर निकालनेपर विवश किया ।
२. सभा चालू रहतेमें ध्वनिक्षेपकका (लाउडस्पीकरका ) ध्वनि कम करनेके विषयमें अनेक बार दबावतंत्रका उपयोग किया गया । (क्या मस्जिदके कर्णोंके कारण हिंदुओंको कष्ट होते समय पुलिस उनपर ऐसे दबावतंत्रका उपयोग करेगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. मोर्चेके लिए पुलिस उपनिरीक्षक, निरीक्षक, पुलिस उपअधीक्षकके साथ लगभग १०० से अधिक पुलिसकर्मियोंकी नियुक्ति की गई थी ।
४. इस अवसरपर पुलिसद्वारा पानीका फवारा मारनेवाले बमोंकी भी व्यवस्था की गई थी । ( इसका अर्थ कहीं ऐसा तो नहीं कि यह हिंदुओंद्वारा वैधानिक मार्गसे किया जानेवाला आंदोलन कुचलनेका पुलिसकर्मियोंका षडयंत्र था ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. पुलिसकी ओरसे पुलिस हवलदार (कॉन्स्टेबल) भास्कर य. ठाकरेद्वारा (बक्कल क्रमांक ३१९५/जलगांव) आंदोलनका ध्वनिचित्रीकरण किया गया ।
६. एरंडोलमें मोर्चेके पत्रक वितरीत करते समय पुलिसकर्मी आकर कार्यकर्ताओंसे पूछताछ कर रहे थे ।
७. एरंडोलके सभी धर्माभिमानी हिंदुओंको पुलिसकर्मियोंने भा.दं.वि. धारा १४९ के अनुसार सूचना पत्र (नोटिस) भेजा ।
८. एरंडोल एवं वाघोदाके हिंदु युवकोंको पुलिसकर्मियोंद्वारा भ्रमणभाष करना, आंदोलनको जानेवालोंके विषयमें कौन कौन जाएगा उनके नाम पूछना, भ्रमणभाष क्रमांक पूछना आदि माध्यमसे मानसिक दहशत उत्पन्न करनेका प्रयास किया गया । इससे त्रस्त होकर अनेक युवकोंने अपने भ्रमणभाष बंद किए ।
९. महामार्ग एवं म्हसावद नाकामें मोर्चेमें आनेवाले लोगोंमें हिंदुओंकी गाडियां रोककर उन्हें सूचना पत्र (नोटिस) दिए गए ।
१०. पांडववाडाको लष्करी छावनीका स्वरूप प्राप्त हो गया था । प्रत्येक चौकमें पुलिसकर्मियोंके जत्थे एकत्र आए थे ।
धर्मांधोंके मोर्चेके समक्ष झुककर अभिवादन करनेवाली पुलिस हिंदुओंके मोर्चेमें दमनतंत्रका उपयोग करती है तथा हिंदुओंको अलग अलग पद्धतिसे रोककर उन्हें लोकतंत्रद्वारा दिए आंदोलनके अधिकारका उपयोग करने मना करती है । ऐसी पुलिसकर्मियोंको ‘हिंदु राष्ट्र’में आजन्म कठोर साधना करनेका दंड दिया जाएगा । वैचारिक रूपसे सुन्नत हुए दोनों कांग्रेसकी सरकारके राजनेता अल्पसंख्यकोंकी चापलूसीके लिए ही पुलिसकर्मियोंपर दबावतंत्रका उपयोग कर ऐसे कृत्य करवाकर हिंदुओंपर अराजकताका अवसर लाते हैं । इसलिए आगामी चुनावमें ऐसे राजनेताओंको हटाकर हिंदुहितरक्षक राजनेताओंको चुनकर देना अनिवार्य है !
इस संदर्भमें पुलिसकर्मियोंद्वारा हिंदुओंकी पूछताछ कर किया हुआ छल शीघ्र ही प्रसारित कर रहे हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात

 

१. हिंदुओ, ऐसे धूर्त एवं षडयंत्रकारी पुलिसकर्मियोंसे सतर्क रहे !

अ. पुलिस झब्बा एवं कुडता परिधान कर साधारण वेशमें आंदोलनमें सम्मिलित हुए थे । ऐसे पुलिसकर्मियोंने झूठा बोलकर समितिके कार्यकर्ताओंद्वारा समितिके पदक (बॅच) भी लगाए रखे थे ।
आ. हिंदुओंकी सभामें तथा मोर्चेमें हिंदु तिलक लगाकर आते हैं । अतः आगे धर्मांध एवं हिंदुद्वेषी हिंदुओंकी सभाओं अथवा मोर्चेमें तिलक लगाकर सम्मिलित होंगे एवं दंगा मचाएंगे । इसलिए पुलिस केवल तिलक लगानेवाले हिंदुओंको बंदी बनाएंगे ! ऐसा न होनेहेतु आंदोलनमें सम्मिलित व्यक्तियोंके प्रति सतर्कतासे ध्यान रखें !

२. हिंदुओ, अफवाहोंपर विश्‍वास न रखें !

इस आंदोलनमें हिंदु अल्प संख्यामें उपस्थित रहने हेतु पुलिसद्वारा जानबूझकर ऐसी अफवाहें फैलाई गर्इं कि आंदोलन निरस्त हो गया है । इस प्रकारसे किसीके भी धर्मरक्षाका कोई भी कार्यक्रम निरस्त हुआ, ऐसा बतानेपर हिंदुओंको उसपर विश्‍वास न रखकर इस विषयमें आयोजक संस्थाको पूछना चाहिए ।

३. हिंदुओ, यह ध्यानमें लें कि अन्य धर्मीय अपने धर्मका विषय आनेपर पुलिसद्वारा नाम लिया गया इसलिए आंदोलनमें सम्मिलित होनेमें टालमटोल नहीं करते !

पांडववाडा मुक्त करने एवं शिरसोली पशुवधगृह बंद करने हेतु आयोजित आंदोलनमें हिंदु अधिक संख्यासे उपस्थित न रहने हेतु पुलिसद्वारा कुछ गावोंमें जाकर आंदोलनको जानेकी इच्छा रखनेवाले हिंदुओंके नाम लिखा लिए । इसलिए कुछ हिंदुओंने आंदोलनमें सम्मिलित होनेमें टालमटोल की ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​