रानी बेगम और जुनैद ने इस्लाम छोडकर हिंदू धर्म अपनाया, अब मिल रही कत्ल की धमकियां

  • मंदिर का प्रसाद खाने से लौटी बेटे की आंख की रौशनी

  • तो रानी बेगम और जुनैद ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मुस्लिम महिला ने अपने बेटे सहित हिंदू धर्म अपना लिया है। दिव्यांग रानी बेगम नाम की इस महिला का दावा है कि मंदिर का प्रसाद खाने से उनके बेटे जुनैद की आँखों की रौशनी लौटी आई है। जुनैद की आँखें बचपन में ही खराब हो गईं थीं। हिंदू धर्म अपनाने के बाद जुनैद को अब उसकी ससुराल से मौत की धमकियाँ मिल रहीं हैं। शुक्रवार (9 जून 2023) को जुनैद ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने इन धमकियों का संज्ञान ले कर जाँच शुरू कर दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला कानपुर के बाबूपुरवा का है। यहाँ एक किराए के मकान में दिव्यांग महिला रानी बेगम अपने 26 वर्षीय बेटे जुनैद के साथ रहती है। रानी के शौहर खुर्शीद का इंतकाल काफी समय पहले हो गया था। रानी का दावा है कि हिंदू धर्म में उनकी आस्था बचपन से थी। जुनैद के जन्म के समय उनकी आँखों में कुछ दिक्कत थी। थोड़े समय बाद उनके बेटे को पूरी तरह से दिखना बंद हो गया। रानी ने अपने बेटे का कई जगहों पर इलाज करवाया लेकिन उस से कोई फायदा नहीं हुआ।

रानी बेगम कुछ समय तक कानपुर के भाजपा नेता सतीश महाना के घर भी किराए पर रहीं हैं। इस दौरान उनकी एक हिंदू पड़ोसन उन्हें ले कर शोभन सरकार के मंदिर गईं। रानी का दावा है कि यहाँ मिले प्रसाद से उनके बेटे की आँखों की रौशनी लौट आई। इस चमत्कार के बाद रानी और उनके बेटे की हिंदू धर्म में और आस्था बढ़ गई। इस बीच जुनैद की शादी साल 2019 में कानपुर के ही बिंदकी इलाके की रहने वाली एक लड़की से हुई। जब लड़की के घर वालों को जुनैद की हिंदू धर्म में आस्था के बारे में पता चला तो वो काफी नाराज हुए।

हालाँकि जुनैद इस बीच में भगवा वस्त्र पहनने लगे थे और हाथों में अक्सर भगवान गणेश की मूर्ति रखा करते थे। आरोप है कि इन बातों से नाराज हो कर जुनैद की ससुराल वालों ने एक बार रानी बेगम को करेंट से मारने की भी साजिश रची। गले में रुद्राक्ष की माला डाल कर मीडिया से बात करते हुए जुनैद ने कहा, “भगवा वस्त्र हमें सुकून देता है। हिंदुओं ने हमारे साथ हमेशा अच्छा किया है। हम उन्हीं के बीच रहते आए हैं। गणेश जी हमारे लिए बहुत शुभ हैं। वो 5 वर्षों से घर में विराजमान हैं। समस्या सिर्फ ससुराल वालों से है। वो हमारे कत्ल की धमकी दे रहे हैं।”

जुनैद ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार 9 जून को जुनैद कानपुर के DCP दक्षिणी शिवजी शुक्ला से मिला और अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई। DCP के निर्देश पर पुलिस ने जुनैद को उनकी ससुराल से मिल रही धमकियों पर जाँच शुरू कर दी।

स्रोत: ऑप इंडिया

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