खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अंत में गिरफ्तार

अमृतपाल के खुद सरेंडर करने की बात कही जा रही है। हालाँकि, पंजाब पुलिस का कहना है कि उसे मोगा से गिरफ्तार किया गया है। उसे असम के डिब्रूगढ़ जेल में शिफ्ट किया जाएगा।

अमृतपाल पिछले 36 दिनों से भागा-भागा फिर रहा था। उसे पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस के साथ-साथ अन्य एजेंसियाँ कड़ी मशक्कत कर रही थीं। पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया है। पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि वे फर्जी न्यूज ना फैलाएँ।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल एक दिन पहले ही मोगा आ गया था। शनिवार को उसने यहाँ एक बड़ी सभा की और लोगों के बीच भाषण दिया। इसके बाद नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने सरेंडर किया। कहा जा रहा है कि उसकी पत्नी किरणदीप कौर पर जब सुरक्षा एजेंसियों ने शिकंजा कसा तो वह टूट गया।

20 अप्रैल 2023 को किरणदीप कौर लंदन भागने की जुगत में थी। इस बीच उसे अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर इमीग्रेशन के अधिकारियों ने रोक लिया था। इमीग्रेशन विभाग ने कहा था कि किरणदीप की पृष्ठभूमि और अमृतपाल से रिश्ते के कारण उसे रोका गया था। इसके बाद अधिकारियों ने उससे पूछताछ की थी।

जिस वक्त उसे गिरफ्तार किया गया, उस वक्त वह गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। गिरफ्तारी से पहले उसने कहा, “यह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का जन्म स्थान है। उसी जगह पर हम अपना काम बढ़ा रहे हैं और अहम मोड़ पर खड़े हैं। एक महीने से जो कुछ हो रहा है, वे सब सभी ने देखा है।”

रिपोर्ट के मुताबिक, उसने आगे कहा, “अगर सिर्फ गिरफ्तारी की बात होती, तो गिरफ्तारी के बहुत तरीके थे। हम सहयोग करते। दुनिया की कचहरी में हम दोषी हो सकते हैं। सच्चे गुरु की कचहरी में नहीं। एक महीने बाद फैसला किया, इसी धरती पर लड़े हैं और लड़ेंगे। जो झूठे केस हैं, उनका सामना करेंगे। गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है।”

अमृतपाल अपने समर्थकों के साथ सरेंडर करना चाहता था। इसके लिए वह शनिवार रात को मोगा के रोडे गाँव पहुँचा था। इस संबंध में उसके करीबियों ने पंजाब पुलिस के अधिकारियों से संपर्क भी किया। इसके लिए रविवार चुना गया था।

इससे पहले अमृतपाल को लेकर कहा जा रहा था कि वह 14 अप्रैल 2023 को बैशाखी के दिन सरेंडर कर सकता है। हालाँकि, ऐसा नहीं हुआ। उसकी खोज में पंजाब पुलिस से लेकर केंद्रीय एजेंसियाँ और खुफिया एजेंसियाँ तक लगी हुई थीं। लगभग 20 हजार पुलिसकर्मी उसे पंजाब से लेकर पड़ोसी राज्यों तक खोज रहे थे।

अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ में स्थानांतरित किया जा रहा है। वहाँ पहले से ही उसके 8 सहयोगी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में हैं। इनमें उसका खास सहयोगी पप्पनप्रीत सिंह भी शामिल है। मोगा जिले के रोडे गाँव में रविवार (23 अप्रैल 2023) की सुबह गिरफ्तार के दौरान अमृतपाल सफेद कुर्ता और भगवा पगड़ी में नजर आया। इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं।

अमृतपाल पर थाने पर हमला करने से लेकर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और जनता द्वारा कर्तव्य के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ जाँच में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ भी उसके संबंध दिखे हैं।

स्रोत : ऑप इंडिया

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