नई दिल्ली : कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के मसले पर भारत को बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। खबर है कि उसे भारत लाया जा सकता है। जानकारी मिली है कि उसे ओमान से डिपोर्ट किया जाएगा। एक न्यूज चैनल के अनुसार, भारतीय एजेंसियां ओमान के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं ताकि उसे हिरासत में लिया जा सके। नाइक 23 मार्च को ओमान में रहेगा।
उसे ओमान में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया है। रमजान के पहले दिन 23 मार्च को उसका पहला लेक्चर होना है। इसका आयोजन ओमान के अकाफ और धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने किया है। वहीं उसका दूसरा लेक्चर 25 मार्च को सुल्तान कबूस यूनिवर्सिटी में होना है।
लोकल इंडियन एंबेसी एजेंसियों के साथ संपर्क में है और माना जा रहा है कि उसे स्थानीय कानूनों के अनुसार, निर्वासित किया जा सकता है। भारतीय खुफिया एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, इसकी पूरी संभावना है कि स्थानीय अधिकारी उनकी मांग को मानेंगे और उसे हिरासत में लेंगे।
https://twitter.com/AdvAshutoshBJP/status/1638139345977884672
इसके साथ ही ओमान में एक लीगल टीम को भी भेजा जा सकता है। विदेश मंत्रालय ने ओमान के दूतावास से भी इस मसले को उठाया है। वहीं ओमान में भारतीय दूतावास ने भी वहां के विदेश मंत्रालय के सामने इस मामले को रखा है।
नाइक पर भारत में सांप्रदायिक नफरत भड़काना, टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के मामले दर्ज हैं। 2017 में उसे यहां भगोड़ा घोषित किया गया और तब से वो मलेशिया में रह रहा है। वो इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पीस टीवी नेटवर्क का फाउंडर है। 2016 में भारत में आईआरएफ को गैर कानूनी घोषित किया गया। उसके पीस टीवी पर भारत, बांग्लादेश, कनाडा, श्रीलंका और यूके में बैन लगाया गया।
नाइक भले ही मलेशिया में रहता है, लेकिन यहां भी 2020 में उसके भाषण देने पर रोक लगा दी गई। ऐसा नेशनल सिक्योरिटी को देखते हुए किया गया।
जुलाई 2016 में ढाका में बम धमाके के बाद जाकिर नाइक भारत से भाग गया था। इस धमाके में 29 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले में शामिल आतंकियों ने कहा था कि वो नाइक से प्रभावित थे और उसके फेसबुक पेज को फॉलो करते थे और उसकी स्पीच सुनते थे। भारत में उसके बयानों को खतरनाक माना गया।
स्रोत: tv9