अमरिका : पादरी के कैंप में प्रताड़ना झेल चुके युवक की दर्दनाक आपबीती

अमेरिकन पादरी व जॉर्जिया डेमोक्रेटिक सीनेट के राजनेता रेव रैफेल वार्नोक (Rev. Raphael Warnock) द्वारा संचालित चर्च कैंप में 18 साल पहले (साल 2002) 12 साल के एक बच्चे के साथ दुर्व्यव्हार करने का मामला प्रकाश में आया है। एंथनी वॉशिंगटन नाम का वह लड़का आज 30 साल का हो चुका है। उसने वॉशिंगटन फ्री बिकॉन (Washington Free Beacon) को दिए इंटरव्यू में अमेरिकन नेता व चर्च पादरी रेव रैफल वार्नोक के कैंप को लेकर कई खुलासे किए।

एंथनी ने रेव रैफेल की देखरेख में चलाए जा रहे कैंप के बारे में बताया कि वहाँ साल 2002 में उसके ऊपर कैंप काउंसलर ने पेशाब कर दिया था और बाद में उसे कैबिन में बंद करके रात भर रखा गया था। वॉशिंगटन आपबीती सुनाते हुए कहते हैं कि एक शाम अपना बिस्तर गीला करने के कारण वार्नोक के कैंप में उन्हें पूरी रात बाहर सोने को मजबूर किया गया। वो भी बिना तकिया, कंबल या किसी अन्य चीज के, जिससे उसे गर्माहट मिले।

पीड़ित लड़के के मुताबिक चर्च के कैंप में हुई गलती के कारण उसे टेंट में घुसने नहीं दिया जा रहा था, जबकि बाहर एकदम रात हो गई थी। भयावह रात के बारे में बात करते हुए वॉशिंगटन कहते हैं कि उनके सामने एक बास्केट बॉल के अलावा कुछ भी नहीं था। काउंसलर ने उसे अंदर घुसने से साफ मना कर दिया था।

लड़के के मुताबिक काउंसलर ने उस समय उनके ऊपर बाल्टी में बचा हुआ पेशाब भी फेंका, जो आमतौर पर बाथरूम न जा पाने के कारण लड़के इस्तेमाल करते थे। वॉशिंगटन ने अपनी बात को जारी रखते हुए बताया कि उसने काउंसलर को बच्चे पकड़ते भी देखा, लेकिन आगे बताते-बताते वह बिलकुल चुप हो गए और बस यही बता पाए कि उन्हें अपने व अपनी बहन के लिए डर लगता था।

सबसे हैरानी की बात पीड़ित ने यह बताई कि रैफेल द्वारा मैरीलैंड में चलाए जा रहे इस कैंप में बच्चों के अभिभावकों को जाने की अनुमति नहीं थी। लेकिन, लगातार प्रताड़ना झेलने के बाद वह किसी तरह अपनी माँ को कहीं से फोन कर पाए और उनकी माँ ने पुलिस को संपर्क किया। इसके बाद पीड़िता के अनुसार, जब पुलिस आकर काउंसलर से पूछताछ करने लगी तो रैफेल ने उसमें हस्तक्षेप करने का प्रयास किया, जिसके कारण पुलिस ने उन्हें अरेस्ट भी किया। मगर बाद में इस मिसकम्युनिकेशन कह दिया गया।

बता दें कि साल 2005 के बाद से अटलांटा के एबेनेज़र बैपटिस्ट चर्च के पादरी वार्नोक, पहले बाल्टीमोर चर्च के पादरी के रूप में 5 साल तक काम कर चुके थे। उसी चर्च के शिविर पर अब दुर्व्यव्हार के आरोप लगे हैं। इसके अलावा इस चर्च द्वारा करवाए जा रहे कैंप के बंद होने का कारण भी वहाँ बरती जा रही स्वास्थ्य संबंधी असावधानियां थीं, जिसे देखते हुए साल 2003 में मैरीलैंड के स्वास्थ्य विभाग ने कैंप को आयोजित करने से मना किया था। उन्होंने इस फैसले के पीछे एक कारण बाल शोषण भी बताया था।

विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन इल्जामों पर अभी वार्नोक के प्रवक्ता की ओर से स्पष्ट टिप्पणी नहीं आई है। हालाँकि, पहले कि बात करें तो इस घटना पर उनकी ओर से कहा गया था, “यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि हमारे बच्चों को अपने पादरी को गिरफ्तार होते देखना पड़ा। मेरी चिंता का विषय सिर्फ काउंसलर की उपस्थिति से था। हमने पड़ताल में पूरा सहयोग किया था। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं था।”

संदर्भ : OpIndia

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