पाकिस्तान में फिर नाबालिग हिन्दू लड़की का अपहरण और धर्मपरिवर्तन

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति देखते हुए अब इमरान सरकार की चुप्पी पर भारतीय राजनेता सवाल उठाने लगे हैं। हाल में इमरान सरकार पर सवाल उठाने वाले अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा है। सिरसा ने सिंध में एक धर्म परिवर्तन के मामले को प्रकाश में लाते हुए पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान से पूछा है कि आखिर वो ऐसे मामलों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कब करेंगे।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने हालिया ट्वीट में बताया कि पाकिस्तान में ढेलर के पास 14 साल की नसीबन भील नामक लड़की का पहले अपहरण किया गया और फिर डार समुदाय के लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन करवा दिया। इस कृत्य में मौलवी ने कट्टरपंथियों का साथ दिया और धर्म परिवर्तन सर्टिफिकेट में उसकी उम्र 18 दिखाई। सिरसा ने ट्वीट में पूछा, “इमरान खान जी आप कार्रवाई कब करेंगे।”

गौरतलब है कि पाकिस्ताम में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार की घटनाएँ बेहद आम हैं। हिंदू लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन की खबरें मीडिया में आए दिन आती रहती हैं। ऐसी घटनाओं पर सरकार और प्रशासन की चुप्पी भी कोई नई बात नहीं है।

वहाँ भले ही इमरान सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करती है। मगर, वास्तविकता यही है कि वहाँ पर अल्पसंख्यकों का दमन धड़ल्ले से जारी है। आलम ये है कि अब पाकिस्तान के हालातों से पूरा विश्व वाकिफ हो गया है कि पाकिस्तान वो देश है जहाँ धार्मिक स्वतंत्रता में किसी को जबरन मुसलमान बनाने का अधिकार भी निहित है।

पाक की मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट बताती है कि सालाना पाकिस्तान में कम से कम 1000 गैर मुस्लिम लड़कियाँ इस्लाम कबूलती हैं। इनमें से अधिकांश सिंध में रहने वाली हिंदू समुदाय की होती हैं।

सैकड़ों अपहरण और जबरन धर्मपरिवर्तन के मामले आने के बाद भी पाकिस्तान सरकार का इन मामलों पर कोई एक्शन नहीं है। साल 2016 और 2019 में एक विधेयक लाने की बात जरूर सामने आई थी। जिसमें किसी भी धर्म की आयु सीमा 18 साल तक करने की बात थी। साथ ही उसमें यह भी प्रावधान था कि अगर कोई इसके बाद भी दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भेजा जाएगा और पीड़ित को 21 दिन का समय दिया जाएगा कि वह स्वतंत्र होकर अपना फैसला ले।

मगर, साल 2016 में इस बिल को खारिज करते हुए सिंध के गवर्नर सईदुज्जमां सिद्दीकी ने तर्क दिया कि जब हज़रत अली (सुन्नी संप्रदाय में चौथा ख़लीफ़ा और शिया के लिए पहला इमाम) कम उम्र में परिवर्तित हो सकते हैं (9 वर्ष) तो हिंदू लड़कियाँ क्यों नहीं कर सकती हैं?

यहाँ बता दें इससे पहले सिंध के जकोबाबाद से एक मामला सामने आया था। वहाँ दरअसल, 18 जून को एक नाबालिग हिंदू लड़की का वजीर हुसैन ने अपहरण किया और फिर जबरन धर्मपरिवर्तन करवाकर उससे निकाह भी कर लिया था। मामले के तूल पकड़ने के बाद, आरोपित पक्ष ने पीड़िता पर दबाव बनाकर एक हलफनामा भी दायर करवाया।जिसमें लड़की की तरफ से कहा गया कि वह 19 साल की है और उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूला है ।

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​