सफाई करने वाली महिला, बच्चियों को भी बनाता था शिकार : मैसूर के बिशप पर हाईकोर्ट के पूर्व जज ने लगाए गंभीर आरोप

बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज माइकल एफ सल्धाना ने मैसूर के बिशप केए विलियम पर आतंक का साम्राज्य चलाने का बड़ा आरोप लगाया है। साथ ही उसके वरिष्ठ पीटर मचाडो पर उसके कृत्यों को ढकने और हत्या जिसे अपराधों का भी बचाव करने का आरोप लगाया है।

रिटायर्ड जस्टिस ने मई 29, 2020 को दोनों बिशप को भेजे गए लीगल नोटिस में कहा कि विलियम का अंडरवर्ल्ड माफिया से साँठगाँठ है और वो स्थानीय पुलिस का भी सुरक्षा के लिए उपयोग करता है।

उन्होंने कहा कि इस व्यक्ति को पिछले कई सालों से हटने को कहा जा रहा है, लेकिन उसके कारण दूसरों को ही कैथोलिक चर्च को छोड़ना पड़ रहा है। उन्होंने लिखा कि उसे 8 महीने पहले ही हटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन उसका वरिष्ठ उसके साथ मिलकर हत्या जैसे मामलों को भी ढक रहा है।

उन्होंने दावा किया कि कई विश्वसनीय और प्रतिष्ठित लोगों ने मचाडो को सबूतों के साथ 17 बार लिखित शिकायतें भेजी, लेकिन उसकी कान पर जूं तक न रेंगी।

पूर्व जस्टिस ने ताज़ा मामलों की बात करते हुए कहा कि बिशप विलियम ने 12 घंटे के शॉर्ट नोटिस में बैठक बुला कर ट्रांसफर ऑर्डर्स जारी कर दिए, ताकि अपने विरोधियों को हटा सके। उन्होंने कहा कि जब कोर्ट से लेकर सरकार तक में इस आपदा के वक़्त ऐसे फैसले नहीं लिए जा रहे हैं, बिशप ऐसे समय में ट्रांसफर कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इसे वापस नहीं किया गया तो कुछ कड़े क़दम उठाए जाएँगे।

उन्होंने उन 37 पादरियों से बातचीत की, जो बिशप के खिलाफ हैं। पूर्व जज ने ‘मिड डे’ से बात करते हुए कहा कि जब भी महिलाओं के साथ संबंधों में बिशप विलियम को कोई समस्या आई, उसने चर्च के रुपए ख़र्च कर चीजें सेटल की। एसोसिएशन ऑफ कंसर्नड कैथोलिक्स के सेक्रेटरी मेल्विन फर्नांडिस ने कहा कि कई पादरियों की हत्या को एक्सीडेंट का रूप दे दिया गया। उन्होंने निर्दोष पादरियों की हत्या की पुलिसिया जाँच की माँग की।

आर्कबिशप मचाडो ने इस बारे में कहा कि उनके पास ऐसी जो भी शिकायतें आती हैं, उसे वो दिल्ली में अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों के पास भेज देते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को भी वो ऊपर भेज चुके हैं। बिशप विलियम ने अब तक इन आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया है।

इससे पहले नवम्बर 2019 में मैसूर में 37 चर्चों के पादरियों ने पोप फ्रांसिस को पत्र लिख कर बिशप केए विलियम को अपदस्थ करने की माँग की थी। उनके ख़िलाफ़ आपराधिक कृत्य, फंड्स का दुरुपयोग और यौन शोषण सहित कई आरोप लगाए गए थे। पादरियों ने वेटिकन को पत्र लिख कर कहा था कि बिशप ने एक महिला से शादी की है, जो बंगलुरु ओडीपी में कार्यरत है। साथ ही बिशप पर गुटबंदी और अपने ख़ास लोगों को फेवर करने का आरोप भी लगा था।

बिशप पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए थे। बिशप ने जिस महिला से शादी की है, वो पहले से ही शादीशुदा थी। उसकी एक बेटी भी थी। शादी के बाद बिशप और उस महिला का एक बेटा हुआ। आरोप लगाया गया है कि उक्त महिला के पति ने उसे बिशप के साथ विवाहेतर संबंधों के कारण छोड़ दिया था। अब वो महिला अपने बच्चों के साथ अलग रहती है। पादरियों ने लिखा है कि बिशप उससे मिलता रहता है और परिवार की देखभाल भी करता है।

पादरियों ने एक प्रेस नोट जारी कर बिशप विलियम के व्यवहार को अनैतिक और पापपूर्ण बताते हुए कहा कि उस पर न सिर्फ़ रुपयों की हेराफेरी और यौन शोषण, बल्कि हत्या और अपहरण तक के आरोप हैं। क्लर्जी में उसके करियर के दौरान बिशप विलियम पर लगे आरोपों को लेकर पादरियों ने कई घटनाओं का उदाहरण दिया। हिंकल पैरिश के पादरियों ने आरोप लगाया कि वहाँ बिशप विलियम के एक एंग्लो-इंडियन महिला के साथ सम्बन्ध थे।

आरोप है कि बिशप ने उक्त महिला को गर्भवती कर दिया था। फ़िलहाल वो अपने बच्चे के साथ विदेश में शिफ्ट हो गई है। पत्र में एक अन्य घटना के बारे में बताया गया है, जब बिशप हाउस के एक कमरे में कर्मचारियों ने बिशप विलियम को महिला के साथ हमबिस्तर देखा था। पादरियों का कहना है कि उसके लिए महिलाओं की सहमति लेना आसान था, क्योंकि वो अपने अंतर्गत कार्यरत महिलाओं को तमाम तरह के लालच देता था।

पत्र की मानें तो वो महिलाओं को घर और नौकरी से लेकर हर प्रकार की लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध कराता था। कैम्पस में साफ़-सफाई करने आने वाली महिलाओं और लड़कियों का भी उसने यौन शोषण किया था। उसके ख़िलाफ़ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कई मामले दर्ज हैं। उसने कई डील्स में हिस्सेदारी कर अपने लिए किकबैक के तहत रुपए और संपत्ति जुटाए। उसकी कई सम्पत्तियां जांच के दायरे में है।

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​