श्री सिद्धीविनायक मंदिर में भ्रष्टाचार करनेवालों पर कडी कार्रवाई करें !

आझाद मैदान में संगठित हुए सैंकडों श्रद्धालुओं ने जनआंदोलनद्वारा की शासन से मांग

हिन्दूत्वनिष्ठों को सरकार के पास ऐसी मांग करनी ही क्यों पडती है ? भ्रष्टाचार के विरोध में सरकार स्वयं कोई कार्रवाई क्यों नहीं करता ? मंदिरों में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकना है तो अब मंदिरों को सरकार के चंगुल से छुड़ाकर उन्हें भक्तों के अधिकार में देना, अनिवार्य हुआ है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात

मुंबई : १३ मार्च को विविध हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनों ने ‘श्री सिद्धीविनायक मंदिर ट्रस्ट भ्रष्टाचारविरोधी कृती समिति’ के नेतृत्व में आयोजित धरना आंदोलन में संतप्त होकर मांग की कि, ‘सुव्यवस्थापन’ के नाम पर शासन ने सिद्धीविनायक मंदिर अधिकार में तो लिया, किंतु वहां सुव्यवस्थापन करने की अपेक्षा शासननियुक्त न्यासी मंडल ने ही भ्रष्ट कार्य कर देवनिधी के लक्षावधी रुपयों का घपला किया है । हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार करनेवाले राजनेताओं ने भगवान को भी नहीं छोडा ! मंदिर में भ्रष्टाचार कर मंदिर की पवित्रता भंग करनेवाले भ्रष्ट न्यासियों पर शासन कडी से कडी कार्रवाई करें !’

आझाद मैदान में आयोजित आंदोलन में योग वेदांत समिति, श्रीराम हिन्दू सेना, जैन संघ पनवेल, बजरंग दल, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, श्री शिवकार्य प्रतिष्ठान-विक्रोळी, हिन्दू राष्ट्र सेना, स्वराज्य युवा प्रतिष्ठान, हिन्दू गोवंश रक्षा समिति, स्वराज्य मावळा प्रतिष्ठान, हिन्दू रक्षा सेना, श्री बजरंग सेवा दल, परशुराम सेना, सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति ये संगठन सहभागी हुए थे । शिवसेना के विधायक श्री. भरतशेठ गोगावले एवं विधायक श्री. राजन साळवी ने आझाद मैदान में आकर आंदोलन को समर्थन दिया !

इस समय हाथों में फलक पकडकर मंदिर सरकारीकरण एवं मंदिर के भ्रष्टाचार के विरोध में घोषणाएं दी गई । मुंबई, नई मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगड इन जिलों से आये सैंकडों श्रद्धालुओं ने इस आंदोलन में सम्मिलित होकर श्री सिद्धीविनायक मंदिर में भ्रष्टाचार करनेवालों पर कडी कार्रवाई करने की मांग की । इस संदर्भ में समस्त श्रद्धालु एवं भ्रष्टाचारविरोधी कृती समिति की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया ।

हस्ताक्षर अभियान को श्रद्धालुओं का उत्स्फूर्त समर्थन

‘श्री सिद्धीविनायक मंदिर भ्रष्टाचारविरोधी कृती समिति’ एवं श्रद्धालुओं ने मुंबई जिले के अंधेरी, दादर, घाटकोपर, भांडुप में; ठाणे जिले के कल्याण, डोंबिवली, अंबरनाथ, ठाणे शहर; रायगड जिले के नए पनवेल एवं तळोजा, पालघर जिले के नालासोपारा, तो नई मुंबई के कोपरखैरणे आदि १२ जगहों पर गत १० दिनों से हस्ताक्षर अभियान आयोजित कर भूतपूर्व न्यासियोंद्वारा किए गए भ्रष्टाचार के संदर्भ में जनजागृति की !

इस हस्ताक्षर अभियान में सहस्त्रावधी नागरिकों ने उत्स्फूर्तता से सम्मिलित होकर इस भ्रष्टाचार के विरोध में चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया !

ऐसा हुआ भ्रष्टाचार !

१. बिना शासन की अनुमति से मंदिर के निधी में से किसी भी स्वरूप की भ्रमणयात्रा न करें, ऐसी स्पष्ट सूचना होते हुए भी उसका पालन न करते हुए १ जनवरी २०१५ से ३१ अगस्त २०१६ की अवधि में इस न्यास के न्यासियों ने जलयुक्त शिवार योजना (एक शासकीय योजना) तथा चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करा देने के संदर्भ में सहायता, अध्ययन करने के नाम पर ८ लाख ११ सहस्र २५९ रुपए साथ ही वाहक के अतिरिक्त भत्ते के रूप में ४ लाख ८० सहस्र रुपए, इस प्रकार से कुल मिलाकर १२ लाख ९१ सहस्र २९१ रुपए का व्यय किया गया है । इसमें लॉजिंग, खानपान आदि के लिए किए गए व्ययों का भी अंतर्भाव है !

२. गोविंदराव आदिक राज्य के विधी एवं न्यायमंत्री, तो दिलीपराव सोपल राज्यमंत्री थे, उस समय उन दोंनों के न्यास को अनुक्रम से ५० लक्ष एवं २० लक्ष रुपएं दान में दे दिये गए ! इस प्रकार से करोडो रुपएं विविध संस्थाओं को राजनीतिक लाभ हेतु दान में बांटे गए हैं !

३. वर्ष २०१५ में तत्कालीन न्यास के न्यासी प्रवीण नाईक ने २७ से २९ जनवरी तक ३ दिन मिरज (जिला सांगली) के सिद्धीविनायक कर्करोग रुग्णालय से भेंट देने के लिए यात्रा की; किंतु प्रत्यक्ष में उन्होंने यात्रा का व्यय प्रस्तुत किया उसमें एक देयक गोवा राज्य के एक होटेल का है ! क्या, वे गोवा में मौजमजा करने हेतु गए थे ?

४. २ से ४ डिसेंबर २०१३ की अवधि में तात्कालिन न्यासियों ने तिरुपति देवस्थान का अवलोकन करने के लिए विमान से यात्रा की । इन न्यासियों ने विमान की महंगी यात्रा कर मंदिर का अर्पित धन क्यों उडाया ? इस भ्रमण यात्रा के लिए न्यास ने शासन से अनुमति क्यों नहीं ली ? परीक्षण ब्यौरा तो अत्यंत हास्यास्पद है !

हमें आपपर गर्व है !

श्री. भरतशेठ गोगावले ने व्यक्त किए सनातन के साधकों के प्रति प्रशंसोद्गार

श्री. भरतशेठ गोगावले ने सनातन के साधकों के प्रति ऐसे प्रशंसोद्गार व्यक्त किए कि, ‘आप धर्म के लिए कार्य कर रहे हो । धर्म के लिए आपने अपना जीवन समर्पित किया है । सनातन के कुछ साधकों को कारावास भी भुगतना पडा; किंतु उनकी निर्दोष मुक्तता हुई ! सत्य कभी भी देर से बाहर आता है; किंतु वह चिरंतन रहता है ! धर्म के लिए आपद्वारा लगन से किया जानेवाला कार्य देखकर मुझे आप के प्रति अत्यंत गर्व प्रतीत होता है !’

मान्यवरों के उद्बोधक विचार !

भ्रष्टाचार करनेवालों पर शासन ने त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ! – विधायक श्री. भरतशेठ गोगावले, शिवसेना

श्री सिद्धीविनायक मंदिर में श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से अर्पित किए धन में से कुछ धन का भूतपूर्व न्यासियों ने जो अपहार किया है, उसका मैं जाहीर निषेध व्यक्त करता हूं ! मंदिर में भ्रष्टाचार करनेवालों पर शासन ने त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए । जिन लोगों ने मंदिर में भ्रष्टाचार किया, उन्हें आप सामने लाने का कार्य कर रहे हैं । किंतु क्या तत्कालीन शासन को इस भ्रष्टाचार का पता नहीं था ? हम बाळासाहेब ठाकरे के विचार से प्रेरित होकर आज भी हिन्दुत्व का कार्य रहे हैं । हमें राजनीति नहीं करनी है, हमें तो देव, देश एवं धर्म निभाएं रखना है ! हिन्दुत्व का एक सेवक इस रूप में इस कार्य में मैं आप के साथ हूं !’

एक हिन्दू के रूप में सिद्धीविनायक मंदिर के भ्रष्टाचार का विषय विधानसभा में प्रस्तुत करने का प्रामाणिक प्रयास करूंगा ! – विधायक श्री. राजन साळवी, शिवसेना

श्री सिद्धीविनायक मंदिर महाराष्ट्र का ही नहीं, तो पूरे विश्व के हिन्दुओ का श्रद्धास्थान है । मैं हिन्दू हूं । हम हिन्दुत्व का कार्य करनेवाले लोग हैं । शासन ने मंदिर में स्थापन किए न्यास का उद्देश्य मंदिर में आनेवाले धन का विनियोग उचित प्रकार से हो, इसलिए है; किंतु इससे पूर्व के मंदिर न्यास के न्यासियों ने मंदिर के धन का अपहार किया है ! अब राज्य में शिवसेना-भाजपा का शासन है । मुझे इस बात का विश्वास है कि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यह भ्रष्टाचार समूल नष्ट करेंगे । मंदिर के धन का अपहार कर भ्रष्टाचार से रंगे लोगों को शासन निश्चित ही दंड देगा । मैं एक हिन्दू के रूप में विधानसभा में सिद्धीविनायक मंदिर के भ्रष्टाचार का विषय प्रस्तुत करने का प्रामाणिक प्रयास करूंगा !

स्वयं को हिन्दूत्वनिष्ठ समझनेवाले शासन ने मंदिर में भ्रष्टाचार करनेवालों को दंड देना चाहिए ! – श्री. ब्रिजेश शुक्ल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

मस्जिदों एवं मदरसों के धन का उपयोग कभी भी हिन्दुओं के लिए नहीं किया जाता, तो हिन्दुओं के मंदिरों के धन का उपयोग अन्य धर्मियों के लिए क्यों किया जाता है ? यह भ्रष्टाचार समाप्त करने हेतु हिन्दू राष्ट्र स्थापन करने की आवश्यकता है । हिन्दू राष्ट्र में भ्रष्टाचार करनेवालों को प्रायश्चित्त लेने के लिए बाध्य करेंगे !

मंदिर में लूट करनेवाले आधुनिक गझनी ! – श्री. मिलिंद पोशे, हिन्दू जनजागृति समिति

मंदिर में भ्रष्टाचार होता है, इस कारण हिन्दुओं के मंदिर शासन ने अधिकार में लिए हैं; किंतु शासन के अधिकार में जाकर भी मंदिरों में भ्रष्टाचार हो ही रहा है ! इससे पूर्व आक्रमकों ने मंदिरें तोड डाली अब ये आधुनिक गझनी मंदिर लूट रहें हैं !

श्री सिद्धिविनायक मंदिर भ्रष्टाचार प्रकरण की जांच कर ब्यौरा देने का आदेश दिया गया है ! – श्री. एन.के. जमादार, प्रधान सचिव, विधी एवं न्याय विभाग

विधी एवं न्याय विभाग के प्रधान सचिव श्री. एन. के जमादार ने हिन्दू जनजागृति समिति के शिष्टमंडल को १३ मार्च को यह जानकारी दी कि, ‘श्री सिद्धिविनायक मंदिर भ्रष्टाचार प्रकरण की ८ दिन पूर्व ही जांच कर ब्यौरा प्रस्तुत करने के आदेश संबंधितों को दे दिए हैं !’ इस शिष्टमंडल में हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर, सनातन संस्था के श्री. शंभू गवारे उपस्थित थे ।

मंदिर के सामने न झुकनेवालें अहिन्दुओं को मंदिर का धन देना, यह दुर्दैव की बात है ! – श्री. अस्मित कोंडालकर, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान

जो अहिन्दू मंदिर में नहीं जाता, मंदिर में सिर नहीं झुकाता, उन अहिन्दुओं को मंदिर का धन क्यों दिया जाता है ? हिन्दू धर्म पर आनेवाली इस आपत्ति के संदर्भ में शासन ने कडी कार्रवाई करनी चाहिए । आज मंदिरें सुरक्षित नहीं है । मंदिरों की सुरक्षा हेतु हिन्दू राष्ट्र आवश्यक है !

इस समय अन्य मान्यवरों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये ।

आंदोलन में उपस्थित मान्यवर

श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान मुंबई जिले के कार्यवाह श्री. बळवंतराव दळवी, बजरंग दल के सर्वश्री विशाल पटनी, संजय उवलेकर, विश्व हिन्दू परिषद के श्री. आनंद मिश्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. चंद्रकांत गिरी, शिवसेना के श्री. प्रवीण हंबर्डे, योग वेदांत समिति के श्री. हरिश यादव, गोरक्षक श्री. संदीप शर्मा, श्रीकृष्ण मंदिर-मुंबई के श्री. विजय ठोंबरे, हिन्दू रक्षक सेना के श्री. ऋषीकेश दुबे, श्रीराम हिन्दू सेना के श्री. अनिल जैसवाल, सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. शंभू गवारे, हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे, श्री सिद्धीविनायक मंदिर ट्रस्ट भ्रष्टाचारविरोधी कृती समिति के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर आदि

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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