नवादा (बिहार) : धर्मांधों द्वारा श्री दुर्गा प्रतिमा की ताेडफोड

हिन्दुआें के धार्मिक उत्सव पर जब धर्मांध आक्रमण करते है तब सेक्युलर मीडिया चुप रहकर एेसे समाचार को दबा देते है । परंतु किसी चर्च या मस्जिद पर एक पत्थर भी फेंका गया तो उसे Breaking News बनाया जाता है । एैसी दोगली मिडीया का हिन्दूआें ने संपूर्ण बहिष्कार करना चाहिए ।

नवादा : थाना क्षेत्र के बलिया बुजुर्ग गांव में धर्मांधो द्वारा दुर्गा प्रतिमा बुधवार देर शाम तोड दी गयी। इस कारण दो समुदाय में तनाव हो गया है। बलिया बुजुर्ग गांव की प्रतिमा का निर्माण अकबरपुर बाजार में होता है। वहां से सप्तमी तिथि को प्रतिमा शोभायात्रा निकालकर बलिया बुजुर्ग लाया जाता है। इस समय शोभायात्रा में ‘’भारत में रहना है तो वंदे मातरम् कहना होगा” के नारे दिए जा रहे थे । इससे भडके धर्मांधोने इस शोभायात्रा पर हमला किया तथा दुर्गा प्रतिमा की तोडफोड की । इस आक्रमण में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ । दो समुदायों में उपजे इस तनाव के बाद जिले में इंटरनेट की सेवा बंद कर दी गई ।

यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र ध्यान में आते है :

१. धर्मांधों के आक्रमण में श्री दुर्गा प्रतिमा, श्री गणेश प्रतिमा का रक्षण करने में असफल हिन्दू राष्ट तथा धर्म का रक्षण कैसे कर पाएंगे ?

२. इस घटना में पुलिस भी घायल हुर्इ है । इसलिए हिन्दूआें ने यह ध्यान में रखना चाहिए कि, एैसे प्रसंगों में पुलिस भी आपका रक्षण नहीं कर सकती । इसलिए हिन्दूआें ने अपनी रक्षा स्वयं करने हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना यह समय की आवश्यकता है ।

३. इस घटना से प्रश्न उठता है कि, बिहार भारत में है या पाक में ? यदि किसी मस्जिद या चर्च पर आक्रमण होता है, तो पुरे देश में बवाल मचानेवाले सेक्युलर कार्यकर्ता क्या बता सकते है कि, भारत जैसे हिन्दू बहुल देश में इस प्रकार का कृत्य करने का दु:साहस धर्मांध कैसे कर सकते है ?

४. शोभायात्रा में वंदे मातरम् पर दिए गए नारों के कारण गुस्साए धर्मांधों ने हिन्दुआेंपर आक्रमण किया । क्या भारत में वंदे मातरम् कहना गलत है ? अगर इन जिहादियों को वंदे मातरम् से इतनी ही नफरत है तो वे विश्व के अन्य मुस्लिम राष्ट्रों में रहने के लिए जा सकते है ।

५. कुछ दिन पहले बिहार की राजधानी पटना के जिलाधिकारी ने दुर्गा पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन को लेकर एक निर्देश दिया था कि, मुहर्रम से पहले, यानी ३० सितंबर को दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन पूरा कर लिया जाए । प्रशासन ने केवल हिन्दुआें को एेसे आदेश देने के बजाय जो धर्मांध हिन्दुआें के धार्मिक उत्सवों में बाधा डालते है, देवताआें की प्रतिमाआें का भंजन करते है, एेसे धर्मांधों पर कडी कारवार्इ करने के लिए प्रयास करने चाहिए । एैसा ना होनेपर यदि हिन्दूआें की भावनाआें का उद्रेक होता है, तो उसका दायित्व प्रशासन तथा राज्यकर्ताआें का ही होगा ।

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