समर्थ रामदासस्वामी की भांति ‘राष्ट्र एवं धर्म’ हेतु कार्य करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !

पुणे में परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ की जानकारी देनेवाली पत्रकार परिषद

पूरे भारत में ‘हिन्दू राष्ट्र’ के संदर्भ में जागरण होने हेतु सभी स्तर की संघटनों ने मिल कर अभियान का आरंभ किया ! – श्री. पराग गोखले

श्री. पराग गोखले

सनातन संस्था के संस्थापक तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में पूरे भारत में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ का आरंभ किया गया है।

इसके उपलक्ष्य में पूरे भारत में ‘हिन्दू राष्ट्र’ के संदर्भ में जागरण होने हेतु सामाजिक, राष्ट्रीय एवं धार्मिक क्षेत्र में कार्यरत विविध संघटनों ने मिल कर इस ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ का आरंभ किया है। परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी एवं अन्य संतों के आशीर्वाद से ही समितिद्वारा संचलित ‘खडकवासला जलाशय रक्षा अभियान’ एवं संस्कृतिद्रोही ‘सनबर्न फेस्टिवल’ जैसे अनेक अभियान सफल हो चुके हैं !

‘भगवद्गीता’ के, सार के अनुसार सनातन संस्था एवं परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का कार्य चल रहा है ! – श्री. विद्याधर नारगोलकर, अध्यक्ष, पुणे सार्वजनिक सभा

श्री. विद्याधर नारगोलकर

पुणे : ‘हिन्दू राष्ट्र’ के संदर्भ में जागृति उत्पन्न हो; इसके लिए किसी संत का अमृतमहोत्सव मनाया जाना ऐतिहासिक है ! परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का कार्य बालक, महिला, युवक एवं वयस्क जैसे सभी स्तरों में व्याप्त है। उसमें भी क्रांतिकारियों का चरित्र एवं शौर्यजागरण करने जैसे स्तरोंपर भी उनका कार्य है।

समर्थ रामदास स्वामी ने कहा है . . .

‘मुख्य सूत्र ते हाती घ्यावे। कामे लोकांकरवी करावे॥
कित्येक खलक उगवासे। राजकारणांमध्ये॥’

इस प्रकार से परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का कार्य है। समर्थ रामदास स्वामी की भांति वे; ‘महंते महंत निर्माण करावे’, इस प्रकार से भी कार्य कर रहें हैं । गीता का सार खंडन नहीं, अपितु मंडन है तथा उसको ही आगे ले जाने का कार्य सनातन संस्था एवं परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी कर रहे हैं। पुणे सार्वजनिक सभा के अध्यक्ष श्री. विद्याधर नारगोलकर ने ऐसा कृतज्ञतापूर्ण प्रतिपादित किया। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ की जानकारी देनेवाले पत्रकार परिषद में वे, बोल रहे थे।

इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले, सनातन संस्था के श्री. शंभु गवारे एवं गार्गी फाऊंडेशन के श्री. गावडे उपस्थित थे।

अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में किया गया प्रसार साधकोंद्वारा गुरुदेवजी के प्रति अभिव्यक्त किया गया ‘कृतज्ञताभाव’ ! – श्री. शंभु गवारे

श्री. शंभु गवारे

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का अमृतमहोत्सव शिष्य एवं साधकों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु प्राप्त अवसर है ! इस उपलक्ष्य में किया गया प्रसार साधकोंद्वारा अपने गुरुदेवजी के प्रति अभिव्यक्त किया गया ‘कृतज्ञताभाव’ है। परात्पर गुरुद्वारा बताई गई ‘गुरुकृपायोगानुसार साधना’ के मार्ग पर सहस्रों साधक अग्रसर हैं और नए साधक भी बन रहे हैं। साथ ही उन्होंने सभी प्राणिमात्रों का कल्याण हो; इसलिए ‘हिन्दू राष्ट्र’ का संकल्प किया है। सभी संप्रदाय, आध्यात्मिक, हिन्दुत्वनिष्ठ एवं सामाजिक संघटन, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव हेतु संघटित होकर पूरे देश में विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं !

काळेवाडी (पिंपरी) एवं पुणे शहर में ‘विशाल एकता दिंडी’ (यात्रा) का आयोजन !

अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में पिंपरी के काळेवाडी में, तो पुणे में भी १४ मई के सायंकाल ५.३० बजे ‘भव्य एकता दिंडी’ का आयोजन किया गया है। काळेवाडी दिंडी का प्रारंभ डी’मार्ट मॉल से और समापन छत्रपति शिवाजी महाराज पुतला, पिंपरी गांव में होगा। पुणे की दिंडी सारसबाग से लेकर कसबा गणपति मंदिर तक निकाली जाएगी। इसमें शौर्यजागरण करनेवाले साहसि खेल, राष्ट्र-धर्म के संदर्भ में उद्बोधक फलक, चित्ररथ, बालक पथक, वारकरियों की दिंडी एवं विविध आध्यात्मिक संस्थाओं के पथक आदि का अंतर्भाव होगा। परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु इस दिंडी में विविध सामाजिक, देशभक्त एवं धार्मिक संघटनों के पदाधिकारी-कार्यकर्ता एक ‘हिन्दू’ के रूप में सम्मिलित होंगे !

अभियान के अंतर्गत पुणे जिले में आयोजित विविध कार्यक्रम

• ४८० से भी अधिक व्याख्यानों का आयोजन
• ५ से भी अधिक स्थानोंपर ‘युवा शौर्य जागरण’ शिविर
• १०० से भी अधिक स्थानोंपर हिन्दू राष्ट्र जागृति सभाएं
• ३०० से भी अधिक स्थानोंपर सनातन के ग्रंथों की प्रदर्शनी
• मंदिर एवं राष्ट्रपुरुषों के स्मारकों की स्वच्छता
• समाज जागृति करनेवाले माहिती अधिकार शिविर
• शहर के विविध स्थानों में रक्तदान शिविर
• विद्यालय-महाविद्यालयों में हिन्दू राजाओं, राष्ट्रपुरुषों एवं क्रांतिकारियों के संदर्भ में जानकारी देनेवाली फलकों की प्रदर्शनी

श्री. विजय गावडे ने बताया कि, मोरवाडी में १८ मई को युवकों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। साथ ही १४ मई को आयोजित ‘एकता दिंडी’ में फाऊंडेशन के सभी कार्यकर्ता सहभागी होंगे !

पत्रकार परिषद का फेसबुक लाइव्ह के माध्यम से सीधा प्रसारण !

इस पत्रकार परिषद का सामाजिक संकेतस्थल फेसबुक से सीधा प्रसारण किया गया। ९ सहस्र ६८३ लोगों ने इसे देखा।

तेलंगना में, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ‘राष्ट्र एवं धर्म’ से संबंधित विचारों को फलकोंद्वारा प्रसारित करने का अभिनव उपक्रम !

तेलंगना में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की महानता दर्शानेवाले ८० फलक प्रसारित करने का नियोजन

भाग्यनगर : फलक और होर्डिंग्ज प्रसार के अभिनव माध्यम हैं ! विविध प्रतिष्ठानोंद्वारा उनके उत्पादों का प्रसार करने हेतु, तो राजनीतिक दल उनके विचारों को लोगोंतक पहुंचाने हेतु शहरों, गांवो के भीडवाले स्थानोंपर दर्शनीय क्षेत्र में फलक लगाए जाते हैं। परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के राष्ट्र एवं धर्म के कार्य से संबंधित निहित विचारों का सर्वत्र प्रसार हो; इसलिए पूरे राज्य में उनकेद्वारा कहे गए सुवचनों के ८० फलक लगाने का नियोजन किया गया है। उसके पहले चरण के रूप में विशाखापट्टणम शहर में १० फलक लगाए गए हैं। भीडवाले स्थानोंपर प.पू. डॉक्टरजी के विचारों को प्रसारित करनेवाले होर्डिंग्ज लगाने का नियोजन भी किया गया है।

एक मंदिर के, प्रवेशद्वार के निकट लगाया गया फलक
एक मंदिर के दर्शनी भाग में लगाया गया फलक

समाज में व्याप्त गणमान्य व्यक्ति एवं अन्य राजनेता अथवा कलाकार उनके अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में स्वयं को केंद्रिभूत रखकर कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं; किंतु ‘राष्ट्र एवं धर्म’ हेतु दिनरात परिश्रम करनेवाले डॉ. जयंत आठवलेजी ऐसा कुछ न कर हिन्दुत्वनिष्ठों को ‘राष्ट्र एवं धर्म’ हेतु कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी कृपा से ही इन उपक्रमों का सकारात्मक एवं उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है। इसके लिए उनके चरणों में जितनी भी कृतज्ञता व्यक्त करें, अल्प ही है !

तेलंगना में आयोजित किए जानेवाले अन्य उपक्रम

• १५ से भी अधिक स्थानोंपर व्याख्यानों का नियोजन
• हिन्दू राष्ट्र जागृति सभाएं
• माहिती अधिकार से संबंधित शिविर का आयोजन
• राज्य में ८० फलक लगाए जाएंगे
• होर्डिंग्ज लगाने का भी नियोजन

धर्मशिक्षा वर्ग के धर्माभिमानियों की ओर से प्रसार

इंदूर (निजामाबाद) के बीबीसी हायस्कूल में ‘साधना एवं हिन्दू राष्ट्र’ इस विषय पर व्याख्यान लिया गया। इसमें २५ धर्माभिमानी उपस्थित थे। धर्मशिक्षा वर्ग में आनेवाले युवकों ने इस व्याख्यान का प्रसार किया।

बोधन शहर में भी व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसरपर ७० धर्माभिमानी उपस्थित थे।

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अमृतमहोत्सव निमित्त फरिदाबाद (हरियाणा) में प्रवचन

प्रवचन लेती हुई हिन्दू जनजागृति समिति की कार्यकर्ती एवं उपस्थित जिज्ञासू महिला

फरिदाबाद (हरियाणा) : यहां के एनआयटी-३ में श्रीमती शिल्पा चलकर के घर पर आयोजित हल्दी-कुंकुम कार्यक्रम में सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में समिति की ओर से प्रवचन लिया गया। इस प्रवचन में अक्षय्य तृतिया का महत्त्व, परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का कार्य एवं विशेषताएं, ‘हिन्दू राष्ट्र’ की आवश्यकता एवं साधना जैसे विषयों पर मार्गदर्शन किया गया। इस अवसरपर परिसर की अन्य महिला भी उपस्थित थीं। शहर में, साथ ही अन्य स्थानोंपर भी विविध उपक्रम चलाए जाएंगे।

मंगळुरू, कर्नाटक के औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र में ‘व्यक्तित्व का विकास’ इस विषय पर व्याख्यान

मंगळुरू में ‘कादरी हिल्स’ की इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट में विषय प्रस्तुत कराती हुई श्रीमती लक्ष्मी पै

मंगळुरू : ‘कादरी हिल्स’ में स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में ‘व्यक्तित्व का विकास’ इस विषय पर व्याख्यान लिया गया। ४०० छात्रों ने इसका लाभ उठाया। ‘गुणसंवर्धन एवं स्वभावदोष निर्मूलन’ के माध्यम से व्यक्ति एवं समाज का आध्यात्मिक स्तर बढाने हेतु सनातन संस्था कार्य कर रही है। धर्माचरण के कारण ही समाज की उन्नति होती है। आज समाज में जो विकृतियां उत्पन्न हुई हैं, उसका मूल कारण अधर्माचरण में है। समाजद्वारा यदि साधना की गई, तो ही समाज का वास्तविक विकास होता है। सनातन संस्था की श्रीमती लक्ष्मी पै ने ऐसा प्रतिपादित किया। इस औद्योगिक संस्था के प्राध्यापकों ने यहां के अध्यापकों के लिए व्याख्यान का आयोजन करने की सिद्धता भी दर्शाई !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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