केरल के मुख्यमंत्री का विवादित बयान, ‘आरएसएस बच्चों को मर्डर की ट्रेनिंग दे कर हत्यारा बना रही है’

केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर विवादित बयान दिया है और कहा है कि, संघ अपनी विचारधारा के अनुसार बच्चों को हिंसक बनाने पर तुला हुआ है। मंगलवार को विधानसभा में उन्होंने कहा कि, आरएसएस बच्चों को हिंसा का पाठ पढ़ा कर उन्हें हत्या करने की ट्रेनिंग दे रही है। मुख्यमंत्री ने आरएसएस पर हिंसा के सहारे समाज में सांप्रदायिक तवान फैलाने का भी आरोप लगाया है। विधायक जॉन फर्नांडीज के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री पी विजयन ने यह कहा।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि, हाल ही में कसारगोडे में मदरसे के मौलवी की हत्या और थालसिरी जगन्नाथ मंदिर में फैली हिंसा आरएसएस के सोचे-समझे षड्‍यंत्र का नतीजा है। जिसके जरिए संघ समाज में सांप्रदायिक जहर घोलना चाहता है। उन्होंने कहा कि, एक अनजान शख्स मस्जिद में घुसकर मौलवी की गला काटकर हत्या कर देता है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस मौलवी की हत्या समाज के दो समुदायों में तनाव का नतीजा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, मदरसे के मौलवी की हत्या करनेवाले आरोपी की उससे न तो कोई रंजिश थी और न ही कोई शिकायत। बावजूद इसके उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि, इसके पीछे आरएसएस का एक ही हाथ था समाज में घृणा उत्पन्न करना और तनाव फैलाना जिसे समय रहते पुलिस, प्रशासन, सरकार और राजनीतिक दलों ने नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि थालसिरी के एक मंदिर में समारोह के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और सीपीआयएम कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में १३ लोग घायल हो गए।

सीएम पी विजयन ने संघ की सशस्त्र ट्रेनिंग की आलोचना करते हुए कहा कि, आरएसएस राज्य भर के मंदिरों और स्कूलों के पास लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है। उन्होंने कहा कि, इसकी रोकथाम के लिए सरकार केरल पुलिस अधिनियम में निहित शक्तियों का उपयोग करेगी। ताकि लोगों को हिंसक होने से बचाया जा सके और उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग से रोका जा सके !

उधर, आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की आलोचना की है और कहा है कि, उनका बयान पूरी तरह राजनीतिक किन्तु निराधार है। संघ के नेता ने कहा कि, मुख्यमंत्रीद्वारा इस तरह के बयान विधानसभा में देने का क्या अर्थ हो सकता है, जहां संघ का कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं है !

स्त्रोत : जनसत्ता

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