हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से युवाओं को मार्गदर्शन
घाटाबिलोद (इंदौर, मध्य प्रदेश) : आज युवकों में पाश्चात्त्य संस्कृति के प्रति आकर्षण है तथा उनको हिन्दू संस्कृति के अनुरूप आचरण करने में लज्जा प्रतीत होती है। अंग्रेजों ने भारत की महान गुरुकुल परंपरा को नष्ट कर भारत में जिस अंग्रेजी शिक्षाव्यवस्था का प्रारंभ किया, उसी का यह परिणाम है !
वास्तव में हिन्दू संस्कृति शास्त्रशुद्ध है तथा हमने यदि उसके अनुरूप आचरण किया, तो हम उसके कारण होनेवाले लाभ को अनुभव कर सकते हैं ! शेकहैन्ड न कर नमस्कार करना, तिलक लगाना, मोमबत्तियां बुझाकर जन्मदिवस न मनाकर आरती उतारकर एवं औक्षण कर मनाना जैसे छोटे-छोटे धर्माचरण के कृत्यों से हमें हिन्दू संस्कृति का लाभ उठाना चाहिए।
हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. आनंद जाखोटिया ने ऐसा प्रतिपादित किया । वे, यहां की मां शारदा विद्यालय में संपन्न बैठक में युवाओं का मार्गदर्शन कर रहे थे। इस अवसरपर विविध राज्यों में उत्पन्न हिन्दुओं की दुःस्थिति में परिवर्तन लाने हेतु संघटित होने की आवश्यकता की दृष्टि से युवाओं का उद्बोधन किया गया। समिति के मध्य प्रदेश समन्वयक श्री. योगेश व्हनमारे ने उपस्थित युवकों की शंकाओं का निराकरण किया।
धर्माचार का महत्त्व ज्ञात होनेपर उसके अनुसार तुरंत आचरण करना प्रारंभ करनेवाले घाटाबिलौद के धर्माभिमानी युवक !
हिन्दू जनजागृति समिति के संकेतस्थल के पाठक तथा अभियांत्रिकी शाखा के छात्र श्री. विकास पटेल ने अपने मित्रों को इकठ्ठा कर इस बैठक का आयोजन किया था। बैठक के पश्चात श्री. पटेल ने संपर्क कर बताया कि, बैठक के पश्चात हमने आपस में बातचीत कर यहां से आगे शेकहैन्ड करना छोड दिया है और उसके स्थानपर नमस्कार करना प्रारंभ किया है ! इस संदर्भ में श्री. पटेल ने कहा, ‘आज केवल घोषणाएं करना तथा ध्वज फहराना ही हिन्दू धर्म के कार्यकर्ताओं की पहचान बन गई है। वास्तव में उनको हिन्दू धर्म एवं धर्माचार के विषय में तनिक भी जानकारी नहीं होती !’
समिति के संकेतस्थल से यह जानकारी मिलने से हमें बहुत अच्छा लगा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात