कार्तिक कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
गोहत्याके विरोधमें बेंगलुरूमेें राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन
आंदोलन करते हुए विविध संगठनोंके कार्यकर्ता
बेंगलुरू (कर्नाटक) – हिन्दुओंको मातासमान रहनेवाली गायोंकी भारतमें भारी मात्रामें हत्या की जाती है । भारतके गायोंकी संख्या भी इससे भारी मात्रामें न्यून हो गई है । एक समय ९० करोडसे अधिक मात्रामें रहनेवाली गायोंकीr संख्या अब १ करोडतक न्यून हो गई है । इसलिए पूरे देशमें होेनेवाली गोहत्याके विरोधमें टाऊन सभागृह तथा बेंगलुरूमें धर्माभिमानी हिन्दुओंद्वारा राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया । इस अवसरपर पूरे भारतमें पशुवधगृहोंपर प्रतिबंध लगाए जानेकी मांगको लेकर निवेदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीको भेजा गया । इस आंदोलनमें हिन्दू जनजागृति समिति, पू. बापूजी आश्रम (बेंगलुरू), कामधेनु ट्रस्ट, अनुबंध ट्रस्ट आदि संगठनोंके कार्यकर्ता भारी संख्यामें उपस्थित थे ।
इस अवसरपर धर्माभिमानी हिन्दुओंद्वारा सरकारसे की गई मांगें इसप्रकार हैं ।
१. गायोंके मांसका विक्रय करना राष्ट्रीय एवं धार्मिक अपराध माना जाए ।
२. गायोके मांसकी आयात एवं निर्यात करना अपराध माना जाए एवं गायोंके मांसकी निर्यात करनेवालोंको दिया जानेवाला अनुदान त्वरित रोकें ।
३. भारतीय जातिके गायोंके पालन-पोषणको प्रोत्साहन दें एवं विदेशी जातिके गायोंके पालन-पोषणपर प्रतिबंध लगाए जाएं ।
४. भारतीय जातिके गायोंकी गोशालाके लिए अनुदान दिया जाए ।
५. कसाईको गायोंका विक्रय करनेकी अपेक्षा उसका पालनपोषण करनेवाले किसानको शासनद्वारा अनुदान दिया जाए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
अद्ययावत
- गोहत्याके विरोधमें नर्इ देहलीमें राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलन !
- कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में गोहत्या प्रतिबंधक कानून होने हेतु राष्ट्रीय हिंदू आंदोलन !
१४ अक्टूबर २०१४ कार्तिक कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
गोहत्याके विरोधमें नर्इ देहलीमें राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलन !
गोहत्या रोकने हेतु अब स्वयंको अर्जुन होना पडेगा ! – पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
गोहत्या रोकनेके लिए देहलीके जंतरमंतर मैदानपर आयोजित
राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनमें बोलते हुए पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे
देहली – गोहत्या रोकनेके लिए १२ अक्तूबर २०१४ को देहलीमें जंतर मंतरपर समस्त हिन्दुनिष्ठोंद्वारा राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलनका आयोजन किया गया । इस अवसरपर आन्दोलनमें हिन्दू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेने प्रतिपादित किया कि गोहत्या रोकने हेतु अब स्वयंको अर्जुन होना पडेगा । पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेने आगे कहा कि शासन, प्रशासन अथवा राजनीतिक पक्षोंमें जो कोई गोहत्या करनेवाले लोगोंका बचाव करते हैं, वे उनके पापोंके फल भुगतने वाले हैं । प्रत्येक हिन्दुको साधना कर स्वयंमें ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेजको बढाना चाहिए । हिन्दुओंको अब किसीपर निर्भर न रहते हुए एवं किसीकी प्रतीक्षा न करते हुए संगठित होकर अपने प्रत्येक संकटका सामना करना चाहिए । यही समयकी आवश्यकता है । देहली विश्वविद्यालयके विद्यार्थी श्री. कान्हा अरोडाने कहा कि हिन्दू असंगठित होनेके कारण ही उनपर अत्याचार किया जाता है ।
इस आन्दोलनमें हिन्दू जनजागृति समिति, वैदिक उपासना पीठ, हिन्दुत्व प्रेमी महासंगठन, गोमानव सेवा समिति, शिवसेना एवं सनातन संस्था आदि हिन्दुनिष्ठ संगठन सम्मिलित हुए थे ।
क्षणिकाएं
१. राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलनके समीप कश्मीरी हिन्दुओंद्वारा ‘हैदर’ हिन्दी चलचित्रके विरोधमें आंदोलन किया जा रहा था । राष्ट्रीय आन्दोलनने इसका समर्थन किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
१४ अक्टूबर २०१४, कार्तिक कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में गोहत्या प्रतिबंधक कानून होने हेतु राष्ट्रीय हिंदू आंदोलन !
(छायाचित्रमें) राष्ट्रीय हिंदू आंदोलनके अवसरपर उपस्थित हिन्दू धर्माभिमानी
यदि गोहत्या नहीं रोकी गई, तो समय आनेपर छत्रपति शिवाजी महाराजके मार्गका अनुसरण करना पडेगा ! – विजय गुळव
कोल्हापुर (महाराष्ट्र) – यहांके छत्रपति शिवाजी महाराज पुतला चौकपर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन द्वारा आंदोलन किया गया । इस समय अपना मत व्यक्त करते हुए श्रीशिवप्रतिष्ठानके श्री. विजय गुळवने कहा कि यदि गोहत्या नहीं रुकी, तो समय आनेपर छत्रपति शिवाजी महाराजके मार्गका अनुसरण करना होगा । जिसप्रकार छत्रपति शिवाजी महाराजने रांजाके पाटिलको दण्ड दिया था । यदि वैसा ही दण्ड लवजिहाद करनेवाले लोगोंको दी गई, तो ही ऐसी घटनाएं रुकेंगी ।
इस अवसरपर वारकरी सम्प्रदायके ह.भ.प. महादेव महाराज यादव, शिवसेनाके श्री. किशोर घाटगे, हिन्दू एकता आंदोलनके सर्वश्री शिवाजीराव ससे, अण्णा पोतदार, स्वाध्याय परिवारके श्री. पुरुषोत्तम पटेल, योग वेदांत समितिके श्री. राजमोहन स्वामी, संभाजीनगर युवा मंडलके श्री. अजीत सासने, वनवासी कल्याण आश्रमके श्री. दिलीप नाखे, हिन्दू जनजागृति समितिके सर्वश्री शिवानंद स्वामी, प्रसाद कुलकर्णी, सुधाकर सुतार, मधुकर नाजरे, सनातन संस्थाके श्री. सुरेश घाटगे, श्रीमती अनिता बुणगे, श्रीमती शरण्या पोयेकर, श्रीमती चारुशिला हावळके साथ ६० से अधिक हिन्दू धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
इस अवसरपर योग वेदांत समितिके श्री. निखिल नवरेने कहा कि सभी सम्पद्राय, हिन्दुनिष्ठ संगठन तथा आध्यात्मिक संस्थाओंको केंद्रशासनपर दबावतंत्रका उपयोग कर गोहत्या प्रतिबंधक कानून सम्मत करनेपर विवश करना चाहिए तथा गोमाताकी रक्षा करनी चाहिए । हमें ईश्वरने यह अवसर दिया है ।
प.पू. आसारामबापूके आश्रममें गायोंका संवर्धन किया जाता है । बजरंग दलके जनपद प्रमुख श्री. संभाजी साळुंखेने कहा कि हम निरन्तर गोरक्षाका कार्य कर रहे हैं । आज हम गोरक्षाके लिए एकत्रित आए हैं । इसका अर्थ हमारी ओर भगवानका ध्यान है । गोवंशियोंकी रक्षाहेतु शासनको हिन्दुओंकी संगठित शक्तिके आगे झुकना ही पडेगा ।
केंद्र शासनद्वारा गोमांस भक्षण राष्ट्रीय एवं धार्मिक अपराध सिद्ध किया जाए ! – आधुनिक वैद्य मानसिंह शिंदे
इस अवसरपर समितिके आधुनिक वैद्य मानसिंह शिंदेने कहा कि गोमाताभी हिन्दुओंका आस्थास्थान है एवं उनकी हत्या करना निन्दनीय है । केंद्रशासनद्वारा गोमांस भक्षण राष्ट्रीय एवं धार्मिक अपराध सिद्ध किया जाए तथा गोमांसका आयात एवं विक्रय भी दण्डनीय अपराध सिद्ध करे । गोमांस निर्यातके लिए दिया जानेवाला अनुदान तत्काल बंद करे । भारतमें विदेशी गायोंकी उत्पत्ति, आयात, एवं प्रतिपालनपर कठोर प्रतिबंध लगाया जाए । इस अवसरपर समितिके श्री. राजन बुणगेने भी मनोगत व्यवत किए ।
गायके संदर्भमें आंदोलन चालू है, ऐसा ज्ञात होनेपर उस मार्गसे जानेवाली धर्माभिमानी संगीता पाटिल भी इस आंदोलनमें सम्मिलित हुर्इं । इस अवसरपर उन्होंने कहा कि गायमें ३३ करोड देवी-देवताका निवास होते हुए भी उसे काटकर खाया जाता है । गोहत्या अर्थात मांकी हत्या ! सनातनमें सभी सम्मिलित होइए, जिससे आपको समझमें आएगा कि धर्मरक्षा कैसे करनी चाहिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात