भाद्रपद शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
भाग्यनगर (हैदराबाद) – ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाऊण्डेशन तथा सेव टेम्पल्स.ऑर्ग इस संस्थाद्वारा २२ से २४ अगस्तकी कालावधिमें प्रसाद लैब चित्रपटगृहमें पहली बार अंतरराष्ट्रीय लघु-चित्रपट महोत्सवका आयोजन किया गया था । मंदिरोंकी सुरक्षा एवं गोमाता, इस लघु-चित्रपट महोत्सवके ये प्रमुख विषय थे । भारतमें पहली ही बार आयोजित किए गए इस लघु-चित्रपट महोत्सवमें विश्वके अनेक चित्रपट निर्माता संस्थाएं सम्मिलित हुई थीं । इस महोत्सवमें प्रकाशित करनेके लिए १२५ लघु-चित्रपट सम्मिलित हुए थे । उनमेंसे विशेषतापूर्ण ४० लघु-चित्रपट चुने गए । उनमें अध्यात्म विश्वद्यिालय निर्मित तथा हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा प्रस्तुत हिन्दू मंदिरोंकी रक्षाका महत्त्व इस विषयपर लघु-चित्रपट चुना गया । तदनंतर उसे महोत्सवमें प्रस्तुत किया गया । यह चित्रपट देखनेके पश्चात उपस्थित व्यक्तियोंद्वारा प्राप्त प्रतिक्रियाएं आगे प्रकाशित की हैं –
१. हिन्दू मंदिरकी रक्षाका महत्त्व इस लघु-चित्रपटकी विभिन्नता, उसका विषय तथा अध्यात्म विश्वविद्यालद्वारा किया गया संशोधन, ये सूत्र दर्शकोंको पसंद आए ।
२. अधिकांश दर्शकोंने बताया कि चित्रपटद्वारा यह प्रकाशित किया गया है कि शास्त्रीय दृाqष्टसे मंदिरोंका महत्त्व कथन कर उसकी रक्षा करना किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है ?
३. इस महोत्सवके आयोजक ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाऊण्डेशन तथा सेव टेम्पल्स.ऑर्ग इस संस्थाद्वारा हिन्दू जनजागृति समिति तथा अध्यात्म विश्वविद्यालयको स्मृतिचिह्न एवं प्रमाणपत्र प्रदान किया गया ।
४. तेलंगणाका सर्वाधिक विक्रय होनेवाले समाचारपत्र ‘इनाडू’द्वारा, हिन्दू जनजागृति समितिके प्रतिनिधियोंका, इस लघुपटपर आधारित साक्षात्कार आयोजित किया गया ।
परमाणुशास्त्रज्ञ डॉ. मन्नम मूर्तिद्वारा हिन्दू जनजागृति समिति तथा अध्यात्म विश्वविद्यालयकी प्रशंसा !
भारतके परमाणुशास्त्रज्ञ डॉ. मन्नम मूर्ति युनिवर्सल थर्मल स्कैनर इस उपकरणके जनक हैं । अध्यात्म विश्वविद्यालयने हिन्दू मंदिरोंकी रक्षाका महत्त्व नामक इस लघु-चित्रपटका चित्रीकरण करते समय इस उपकरणका उपयोग किया है । हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. मोहन गौडा तथा श्री. प्रसन्न व्यंकटपुरने डॉ. मन्नम मूर्तिको इस लघु-चित्रपटकी ध्वनिचित्रचक्रिका (डीवीडी)भेंटमें दी । यह ध्वनिचित्रचक्रिका देखकर डॉ. मन्नम मूर्ति हर्षित हुए । ऐसा उपयोग करनेके सन्दर्भमें उन्होंने हिन्दू जनजागृति समिति तथा अध्यात्म विश्वविद्यालयकी प्रशंसा की ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात