राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनके अंतर्गत वर्धामें (महाराष्ट्र) धरना आंदोलन !

भाद्रपद शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६


आंदोलन करते हुए धर्माभिमानी

आंदोलन करते हुए धर्माभिमानी

वर्धा (महाराष्ट्र) – हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा २७ अगस्तको शिवाजी चौकपर धरना आंदोलनका आयोजन किया गया । उस समय ये मांगें की गर्इं कि तामिलनाडुके हिन्दू नेताओंपर होनेवाले आक्रमणोंका षडयंत्र त्वरित रोक दिया जाए । कश्मीरमें हिन्दुओंकी यात्राकी सुरक्षाका प्रबंध करें । नाशिक वुंâभमेलेके लिए त्वरित निधि प्रदान करें । तेलंगणामें द्वितीय भाषाके रूपमें उर्दूको दी जानेवाली मांग निरस्त करें । उस अवसरपर ५० धर्माभिमानी उपाqस्थत थे । आंदोलनके पश्चात जनपदाधिकारियोंको निवेदन प्रस्तुत किया गया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


अद्ययावत


२६ अगस्त २०१४, भाद्रपद शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११६

चेन्नईमें जिहादी कारवाईयोंके विरोधमें राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन

१४ हिन्दूनिष्ठ संगठनोंका उत्स्फूर्त प्रतिसाद

चेन्नई – तामिलनाडु राज्यमें वृद्धि होनेवाली जिहादी कार्रवाईयोंके विरोधमें समस्त हिन्दूनिष्ठ संगठनोंद्वारा चेन्नईमें २४ अगस्तको राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनका आयोजन किया गया । इस आंदोलनमें १४ हिन्दूनिष्ठ संगठनोंके पदाधिकारियोंके साथ १७५ से अधिक धर्माभिमानी सम्मिलित हुए थे । तत्पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीके नामसे निवेदन प्रस्तुत किया गया । इस निवेदनमें ये मांगें रखी गर्इं कि केंद्र एवं राज्य शासनद्वारा हिन्दूनिष्ठ संगठनोंके नेताओंको पूरीतरहसे सुरक्षा प्राप्त हो, हिन्दू नेताओंकी हत्या करनेवाले धर्मांधोंपर रासुका लगाएं, आइ.एस.आइ.एस. जिहादी आतंकवादी संगठनको तामिलनाडुमें प्राप्त होनेवाले सहयोगपर त्वरित पाबंदी डालें ।

क्षणिकाएं :

१. सन, राज, तामिजहान, थांती, पॉलिमर, मक्कल इन समाचारप्रणालोंने तथा कुछ प्रमुख समाचारपत्रोंने धिना मलार, धिना थांती तथा हिन्दू मिथरनने आंदोलनको प्रसिद्धि प्रदान की ।

२. आंदोलनके संदर्भमें हिन्दू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता तामिलनाडु हिन्दू महासभाके विख्यात नेता के. श्रीकांतनसे संपर्वâ करने हेतु गए थे, उस समय उनके साथ दक्षिण भारतके दो हिन्दू नेता भी उपस्थित थे । उस समय उन नेताओंने समितिके कार्यकर्ताओंको बताया कि चेन्नईमें आंदोलन करते समय यदि आपने श्रीकांतनके नामके फ्लेक्स फलक प्रदर्शित किए, तो इस आंदोलनके लिए अधिक संख्यामें लोग उपस्थित रहेंगे तथा आपको प्रसिद्धि भी अधिक मात्रामें प्राप्त होगी । उसपर श्री. श्रीकांतनने बताया कि साहेब, हिन्दू जनजागृति समिति यह एक अत्यंत पृथक संगठन है । वह हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाका कार्य अत्यंत शांतिसे एवं किसी भी प्रकारकी प्रसिद्धिकी अपेक्षा न रखते हुए कर रही है । उनकी यह विशेषता ही हमें सीखनी है ।

३. आंदोलनके समय भारत हिन्दू मुन्नाईके नेता श्री. आर.डी. प्रभुने समितिके एक कार्यकर्ताको बताया कि आज प्रातः हमारे संगठनके ध्वजारोहणके कार्यक्रम ६ स्थानोंपर आयोजित किए गए थे । उन सभी स्थानोंपर हमने कार्यक्रमका प्रारंभ सदाके अनुसार फीत काटनेकी अपेक्षा हिन्दू जनजागृति समितिके मार्गदर्शनानुसार नारियल तोडकर किया ।

४. हिन्दू मक्कल मुन्नानी (हिन्दू जनताकी अघाडी)के संस्थापक श्री. जी. राधाकृष्णनके प्रयासोंके कारण ही चेन्नईमें सर्व हिन्दूनिष्ठ संगठन एकत्रित आए थे । आंदोलनके पश्चात उनकी भावजागृति हुई । उन्होंने इस आंदोलनका पूरा श्रेय प.पू. डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेको प्रदान किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात


२६ अगस्त २०१४, भाद्रपद शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, अमावस्या, कलियुग वर्ष ५११६

ठाणेमेें राष्ट्रीय हिंदू आंदोलन

धर्मांधोंकी चापलूसीके लिए सरकार हिन्दुओंकी भावना एवं मांगोंको अनदेखा कर रही है ! –  डॉ. उपेंद्र डहाके

अांदोलनमें सहभागी हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ते 

ठाणे (महाराष्ट्र) – इससे पूर्र्व धर्मके आधारपर देशका विभाजन हुआ । देश पुनः उसी मार्गपर चल रहा है । सरकार हिन्दुओंकी भावना एवं मांगोंको अनदेखा कर रही है एवं धर्मांधोंकी चापलूसी कर रही है । इसको संगठित होकर विरोध करना चाहिए, ऐसा आवाहन भाजपाके कल्याण नगर उपाध्यक्ष डॉ. उपेंद्र डहाकेद्वारा किया गया है । वे यहां २३ अगस्तको आयोजित राष्ट्रीय हिन्दूू आंदोलनके समय बोल रहे थे । नासिकके कुंभमेलेके लिए तत्काल निधि मिलने, तमिलनाडुके हिन्दू नेताओंपर होनेवाले आक्रमणोंका षडयंंत्र रोकने एवं कश्मीरमें हिन्दुओंकी यात्राको सुरक्षापूर्ति करनेके साथ विविध मांगोंके लिए २३ अगस्तको ठाणे रेल्वे स्थानक (पश्चिम) परिसरमें राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया । इस अवसरपर नागरिकोंद्वारा हस्ताक्षर किया एक निवेदन सरकारको दिया गया, जिसमें निषेध व्यक्त किया गया तथा ’हिन्दू राष्ट्र’ सेनाके संस्थापक अध्यक्ष श्री. धनंजय देसाईको मुक्त करनेकी भी मांग की गई । आंदोलकोंने सरकारके विरोधमें घोषणा देते हुए हिन्दूनिष्ठोंकी मांगें तत्काल पूरी करनेकी मांग की ।

इस अवसरपर विहिंपके विभाग सहमंत्री श्री. विक्रम भोईर, विहिंपके ठाणे विभाग संगठनमंत्री श्री. विवेक कुलकर्णी, हिन्दू युवा मोर्चाके ठाणे उपाध्यक्ष श्री. राकेश हिन्दुस्थानी, हिन्दू राष्ट्र सेनाके श्री. स्वप्नील जागुष्टे, श्री. धनंजय देसाईकी बहन श्रीमती रूपाली मराठे, भाजपके श्री. संदीप लेले, भाजपके कल्याण नगर उपाध्यक्ष डॉ. उपेंद्र डहाके, बजरंग दलके श्री. सुरज तिवारी, महंत रणबीरगिरीजी महाराज, महंत सुशीलगिरीजी महाराज, स्वदेशी प्रचार समितिके श्री. राजेश मिश्रा, श्री. विजय भारती महाराज, श्री. चंद्रकांत मोरे, श्री. समेल, हिन्दू जनजागृति समितिकी श्रीमती सौ. वेदिका पालन एवं सनातन संस्थाकी श्रीमती सुनीता पाटिल आदि मान्यवर एवं विविध संगठनोंके कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे ।

मान्यवरोंके मत

१. यदि हिन्दू संतोका अपमान हो, तो समय आनेपर मार्गपर उतरने हेतु सिद्ध हों ! – श्री. विक्रम भोईर

२. कुंभमेलेके लिए करोडों हिन्दू विश्वके कोने-कोनेसे आते हैं । इस वुंâभमेलेके आयोजनका दायित्व राज्यशासनका है । यदि नियोजनके विषयमें सरकार ढिलाई करती हो, तो विभिन्न स्थानोंपर प्रदर्शन कर उसे फटकारें एवं तत्काल निर्णय लेनेपर बाध्य करें ! – श्री. विवेक कुलकर्णी

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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