नागपूर (महाराष्ट्र) : १३ मंदिरों को तोडने से भडका बजरंग दल

नागपुरनागपुर में सड़क और फुटपाथ से अवैध मंदिरों और धार्मिक प्रतीकों को हटाने का अभियान नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा है। अभियान के दूसरे दिन मंगलवार को विशेष दस्ते ने नेहरू नगर जोन से १३ अवैध धार्मिक ढांचों को हटाया। अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने सहायक नगर निगम कमिश्नर महेश मोरोने के नेतृत्व में उमरेर रोड के भंडे प्लॉट, ओंकार नगर और सक्करदारा पुलिस थाने के आसपास की जगह पर अतिक्रमण हटाया। नगर निगम की इस कार्रवाई पर बजरंग दल ने आपत्ति जतायी है।

नागपुर नगर निगम की इस पहल की सराहना करते हुए ड्राइवरों ने कहा कि इन ढांचों की वजह से गाड़ी चलाने में दिक्कत होती थी और पैदल चलने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता था।

मंगलवाल को विधान भवन चौराहे से सेंट्रल म्यूजियम की ओर जाने वाली रोड का एक हिस्सा ट्रैफिक की वजह से बंद था। रोचक बात ये है कि ये जगह डेप्युटी पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) भारत तांगड़े के ऑफिस के ठीक पीछे है। अव्यवस्था होने के बावजूद उन्होंने कुछ करने के बजाय चुप बैठना ज्यादा बेहतर समझा। लोगों का कहना है कि ऐसा इस रोड पर अक्सर होता है। सड़क तो छोड़िए, फुटपाथ भी हर समय व्यस्त रहता है और लोगों को चलने में दिक्कत आती है।

हालांकि, नगर निगम की इस पहल के विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम कमिश्नर श्रवण हार्दिकर से मिलकर अपना विरोध जताया। उनके मुताबिक सड़क और फुटपाथ से दूसरे समुदायों के धार्मिक प्रतीकों को भी हटाया जाना चाहिए। 

बजरंग दल का आरोप है कि इस अभियान के तहत सिर्फ हिंदू धर्म के मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। अपने तर्क के पक्ष में उन्होंने मीठा नीम दुर्ग स्थान का हवाला दिया, जहां रोड डिवाइडर पर एक धार्मिक ढांचा बनाया गया था। अवैध होने की वजह से उसे हटा दिया गया।

ये जगह नगर निगम के हेडक्वार्टर से काफी नजदीक है,लेकिन फिर भी कोई इसे हटाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था। दूसरे ढांचो की तरह नगर निगम को यहां भी एक्शन लेना चाहिए। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनके परिसर में हुए अवैध ढांचों को नहीं हटाया गया, तो वो नगर निगम के अभियान के शहर में सफल नहीं होने देंगे।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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