सनातन धर्म पर टिप्पणी करनेवालों के विरोध में हमें कब चिढ आएगी ? – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति के ‘मैं सनातन धर्मरक्षक’अभियान के अंतर्गत लांजा में व्याख्यान

सनातन धर्मियों को चिढ क्यों नहीं आती ?-श्री. रमेश शिंदे

लांजा (महाराष्ट्र) – विश्व में सबसे अच्छा धर्म कौनसा है ? वसुधैव कुटुम्बकम् ।’ (संपूर्ण पृथ्वी ही मेरा कुटुंब है) ऐसी इच्छा कौन रखता है ? विश्वशांति की प्रार्थना करनेवाला कौनसा धर्म है ? सबसे प्राचीन धर्म कौन सा है ? तो इन सभी का उत्तर एक ही है और वह है ‘सनातन धर्म’ ! जगभर में आज तक अनेक बडे-बडे हत्याकांड हुए । इसमें करोडों निरपराध नागरिकों की हत्या हुई । ये हत्याकांड मुगल आक्रमक एवं साम्यवादियों ने किए । इसमें सर्वाधिक हत्या सनातन धर्मियों की ही हुई है । आज भी इस देश में करुणानिधि अपने बेटे को क्रूरकर्मा स्टालिन का नाम देते हैं और इसी स्टालिन का बेटा उदयनिधि आगे जाकर हिन्दू धर्म पर विकृत टीका करता है । ‘सनातन धर्म डेंग्यू , मलेरिया समान है और उसे समाप्त कर देना चाहिए’, ऐसा वक्तव्य करनेवालों के विरोध में सनातन धर्मियों को चिढ क्यों नहीं आती ?, ऐसा प्रश्न हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने उपस्थित किया ।

उपस्थित धर्माभिमानी

सनातन धर्म के विरोध में षड्यंत्र उजागर करने के लिए एवं सरकार को संबंधितों पर कार्रवाई करने के लिए बाध्य करने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘मैं सनातन धर्मरक्षक’ अभियान सर्वत्र चलाया जा रहा है । इस निमित्त से यहां के ‘गुरुमाऊली’ सभागृह में आयोजित व्याख्यान में श्री. शिंदे बोल रहे थे ।

व्याख्यान के प्रारंभ में हिन्दू जनजागृति समिति के रत्नागिरी जिले के समन्वयक श्री. विनोद गादीकर ने प्रस्तावना की । इस कार्यक्रम का सूत्रसंचालन श्रीमती भक्ति महाजन ने किया । इस कार्यक्रम के लिए यहां ३५० लोग उपस्थित थे ।

श्री. रमेश शिंदे आगे बोले,

१. उदयनिधि के विरोध में हम चुप क्यों हैं ? जितेंद्र आव्हाड, प्रियांक खर्गे, निखिल वागळे ये सभी उदयनिधि का समर्थन कर रहे हैं । तब भी सनातन धर्मीय मौन क्यों ? जे.एन्.यू. विद्यापीठ में ‘भारत तेरे टुकडे होंगे’ ऐसे नारे दिए जाते हैं । महिषासुर की जयंती मनाई जाती है । श्री दुर्गादेवी को वेश्या कहा जाता है । हम ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जय’ कहते हैं। फिर उन्होंने जो कार्य किया, उसे कैसे भूल जाते हैं ?

२. भारत में ‘रेड कॉरिडोर’ एवं ‘ग्रीन कॉरिडोर’ तैयार हो रहे हैं । सामान्यत: भारत के पश्चिमी और उत्तरपट्टी के राज्य ‘ग्रीन कॉरिडोर’ हो रहे हैं । दक्षिण और पूर्व पट्टी के ‘रेड कॉरिडोर’ हो रहे हैं । ग्रीन पट्टी में मुसलमान आक्रमकों का प्रभाव बढ रहा है, तो ‘रेड कॉरिडोर’ में नक्सलवादियों का प्रभाव बढ रहा है । वर्तमान में महाराष्ट्र सहित १० राज्यों में, ७७ जिलों में स्वतंत्रतादिन पर तिरंगा भी नहीं फहराता ।

३. आजतक ‘हेट स्पीच’ के ३० अपराध महाराष्ट्र में प्रविष्ट हैं । ‘सुदर्शन’ वाहिनी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने हिंदवी स्वराज्य की शपथ खुले आम ली; इसलिए उन पर ‘हेट स्पीच’का अपराध प्रविष्ट किया जाता है । आज तक आधुनिकतावादी, देशद्रोही एवं नक्सलवादियों ने इस देश के विरुद्ध अनेक विरोधी विधान किए हैं । फिर उन पर ‘हेट स्पीच’का अपराध क्यों नहीं प्रविष्ट किया जाता ?

४. अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के डॉ. दाभोलकर कहते हैं, ‘भगवान मानना झूठ है ।’ गोंदिया के अंनिस के प्रमुख नरेश बनसोडे ने ४ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी, तब दाभोलकर ने पुलिस से निवेदन किया कि ‘उसे बंदी न बनाया जाए ।’ इससे उनकी विचारधारा ध्यान में आती है । दाभोलकर की हत्या होने के पश्चात सर्वप्रथम गुंड विकास खंडेलवाल, मनीष नागोरी को बंदी बनाया गया; परंतु दाभोलकर कुटुंबियों के दबाव के कारण उनका अन्वेषण रोक दिया गया । दाभोलकर कुटुंबियों के दबाव के कारण आज तक सनातन संस्था के सारंग अकोलकर, डॉ. विरेंद्र तावडे, सचिन अंधुरे को अकारण ही बंदी बनाकर इस प्रकरण में उलझा लिया गया ।

डॉ. दाभोलकर कर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने १२ वर्ष तक अपना अकाउंट घोषित नहीं किया । उन्हें ‘स्विस एड फाऊंडेशन’ नामक संस्था से भारी मात्रा में निधि आती थी । १२ वर्षों का रेकॉर्ड उन्होंने ६ माह में दिखाया और उसमें भी अनेक त्रुटियां थीं ।

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