पुणे के विद्यालय में चलती थी PFI की पाठशाला, मुस्लिम युवकों को दिया जाता था हिंदू नेताओं की हत्या करने का प्रशिक्षण

PFI के खिलाफ जांच कर रही NIA ने पुणे के विद्यालय की दो मंजिल को किया कुर्क

पिछले साल सितंबर के महीने में देशभर में NIA और अलग अलग राज्य की पुलिस ने ​पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी कर 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की थी। महाराष्ट्र के पीएफआई के हेडक्वार्टर पुणे में भी एनआईए और महाराष्ट्र ATS ने छापेमारी की थी। पुणे में छापेमारी कोंढवा क्षेत्र में केजेड एजुकेशनल सोसाइटी नाम की बिल्डिंग में की गई थी। तब एनआईए ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था व केजेड एजुकेशनल सोसाइटी के चौथे और पांचवें मंजिल में चल रहे पीएफआई के दफ्तर से कई कागजात बरामद किए थे।

एनआईए ने एक बयान में कहा कि ब्लू बेल ‍विद्यालय की चौथी और पांचवीं मंजिल की कुर्की रविवार को की गई। बयान में कहा गया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) निर्दोष मुस्लिम युवकों को संगठन में ‘‘भर्ती’’ कर रहा था और उन्हें 2047 तक देश में इस्लामी शासन की स्थापना का विरोध करने वालों को खत्म करने एवं हमला करने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करता था।

हिंदू नेताओं की जान लेने की दी जाती थी ट्रेनिंग

NIA ने केजेड एजुकेशनल सोसाइटी के चौथे मंजिलें के गेट पर जो अटैचमेंट ऑर्डर चिपकाया है उसमें साफ लिखा है कि यहां पर मुस्लिम युवाओं को हिंदू नेताओं की हत्या करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। अटैचमेंट ऑर्डर में यह भी लिखा है कि पहले युवाओं को भड़काऊ भाषणों के जरिए कट्टर बनाया जाता है उसके बाद उन्हें पीएफआई का सदस्य बनाया जाता था। जब मुस्लिम युवा पीएफआई का सदस्य बन जाता था तब उसे पीएफआई के दफ्तर में आने की अनुमती होती थी। यहां आने पर मुस्लिम युवाओं को हसुआ, चाकू, तलवार और लोहे की छड़ से कैसे हिंदू नेताओं पर हमला कर उनकी जान ली जा सकती है वह सिखाया जाता था।

यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत की गई है। कार्रवाई पिछले साल अप्रैल में पीएफआई के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित है और इस साल मार्च में दिल्ली की एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया था तथा एनआईए ने पीएफआई सहित 20 संगठनों को नामजद किया था।

बयान में कहा गया, ‘‘एनआईए ने पिछले साल 22 सितंबर को ‍विद्यालय परिसर की दो मंजिल की तलाशी ली थी। एजेंसी ने आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे, जिनसे पता चला था कि उक्त संपत्ति का उपयोग पीएफआई से जुड़े आरोपियों द्वारा अपने कैडर के लिए हथियार प्रशिक्षण में किया गया।’’

स्रोत: republicworld

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