‘समुद्र में अवैध मजार – मुंबई के इस्लामीकरण का षड्यंत्र’ विषय पर विशेष संवाद !

अतिक्रमणों के विरुद्ध व्यापक जनजागरण तथा कानूनी लडाई की आवश्यकता – श्री. उमेश गायकवाड, पूर्व प्रांत संयोजक, बजरंग दल

माहिम (मुंबई) के समुद्र में बनाई गई अवैध मजार को सरकार ने ध्वस्त कर दिया, यह अभिनंदनीय है । अनेक स्थानों पर जब अवैध दरगाहों, मजारों, निर्माण कार्याे आदि को नष्ट करने का विषय आता है, तो प्रशासन कानून-व्यवस्थता का कारण बताता है । ऐसा करने का अर्थ प्रशासन धर्मांधों से डरता है, ऐसा होता है । मुंबईसहित राज्य के अनेक क्षेत्रों में अवैध मस्जिदों, दरगाहों, मजारों, कबरस्तानों का किया गया अतिक्रमण ‘लैंड जिहाद’ ही है । वर्तमान सरकार ने भले ही प्रतापगढ पर स्थित अफजलखान की कब्र तोडी हो, तब भी सर्वदलीय नेताओं की राज्य में किए गए अतिक्रमण तोडने की अभी भी मानसिकता नहीं है । कुर्ला (मुंबई) में बनाई गईं २ अवैध मस्जिदों को तोडने का सर्वाेच्च न्यायालय का वर्ष 2002 में आदेश होते हुए भी अभीतक उन मस्जिदों को तोडा नहीं गया है । ऐसे अनेक उदाहरण दिए जा सकते हैं । अतिक्रमणों के इस गंभीर विषय पर समाज में व्यापक जनजागरण कर कानूनी लडाई लडना निरंतर जारी रखा जाए, तो उससे निश्चित ही अच्छे परिणाम मिलेंगे । बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक श्री. उमेश गायकवाड ने ऐसा प्रतिपादित किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘समुद्र में अवैध मजार – मुंबई के इस्लामीकरण का षड्यंत्र’?’ विषय पर आयोजित विशेष संवाद में वे ऐसा बोल रहे थे ।

‘विश्व हिन्दू परिषद’ के जिला सहमंत्री अधिवक्ता संतोष दुबे ने कहा कि, मुंबई के समुद्र में अवैध मजार बनना प्रशासन की विफलता है । यह विषय केवल मुंबईतक सीमित नहीं है, अपितु यह देशव्यापी विषय है । संपूर्ण देश के विविध स्थानों पर ऐसा किया जा रहा है; परंतु इन अवैध अतिक्रमणों को संरक्षण देने के लिए एक विशिष्ट व्यवस्था कार्यरत है । यह व्यवस्था प्रत्येक अनुचित, समाजविरोधी एवं कानूनविरोधी कृत्यों को संरक्षण देती है । जबतक सामान्य नागरिक इस व्यवस्था को समझ लेकर उसका विरोध नहीं करता, तबतक ऐसे अवैध अतिक्रमण होते रहेंगे ।

‘हिन्दू टास्क फोर्स्’ के संस्थापक अधिवक्ता खुश खंडेलवाल ने कहा कि, सरकारी भूमियों पर नियंत्रण स्थापित कर वहां मजारों, दरगाह आदि का निर्माण कर तथा उसे धार्मिक रंग देकर उन वास्तुओं को मुसलमान समुदाय की धार्मिक भावनाओं से जोडा जाता है । उसके उपरांत वहां के परिसर में बस्ती बंसाई जाती है । देश के अनेक स्थानों पर योजनाबद्ध पद्धति से यह कार्य चल रहा है तथा उत्तन गांव, भाईंदर (जिला ठाणे) में भी सरकारी भूमि पर अवैध दरगाहों का निर्माण कर ‘लैंड जिहाद’ का प्रयास किया गया है । यहां के सत्ताधारी राजनीतिक दल ने इस अवैध दरगाह को तोडने के विषय में कुछ भी नहीं किया; परंतु इस विषय में हम कानूनी लडाई लड रहे हैं । राज्य सरकार को ‘लैंड जिहाद’ तथा अतिक्रमणविरोधी विशेष कानून बनाकर ऐसे प्रकरणों पर गति से निर्णय करना आवश्यक है ।

हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर ने कहा कि देश में ‘लैंड जिहाद’ के प्रकरणों के संदर्भ में महामंडल का गठन तथा कानून बनाकर सरकार को उसके दोषी लोगों पर कार्यवाही करनी चाहिए । बांग्लादेशी तथा रोहिंग्या घुसपैठियों को राशनकार्ड बनाकर देनेवाले राजनेताओं तथा अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही होना आवश्यक है । मुंबई के मालाड क्षेत्र के मालवणी क्षेत्र में 200 मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है । वहां से हिन्दुओं का स्थानांतरण हुआ है । अब हिन्दुओं को जागृत होकर इसके विरुद्ध लडाई लडने के लिए एकत्रित होना चाहिए ।

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