मीरा-भाईंदर महापालिका द्वारा अनेक वर्षों से फंसे ‘तसलमात’के ६९ लाख रुपयों की वसूली !

हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’की धमक !

(महानगरपालिका द्वारा अधिकारी अथवा कर्मचारियों द्वारा खर्च के लिए ली गई आगाऊ धनराशि को ‘तसलमात’ कहते हैं ।)

बाएं से ‘सुराज्य अभियान’के श्री. अभिषेक मुरुकटे एवं डॉ. उदय धुरी

भाईंदर – गत वर्षों से मीरा-भाईंदर महानगरपालिका के ‘तसलमात’ के १ करोड २६ लाख १ सहस्र २७६ रुपयों की वसूली नहीं हुई थी । हिन्दू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’की सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त हुई जानकारी से यह धक्कादायक प्रकार सामने आया है । जनता के कर से जमा हुई इन लाखों रुपयों की तुरंत वसूली न करने से जनआंदोलन करने की चेतावनी सुराज्य अभियान द्वारा दी गई थी । इसकारण ही अनेक वर्षों से फंसी ‘तसलमात’की धनराशि के ६९ लाख ७० सहस्र ७१० रुपयों की वसूली महानगरपालिका प्रशासन ने वर्षभर में की । यह अभियान को मिली सफलता है । ऐसे उद्गार हिन्दू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान के समन्वयक डॉ. उदय धुरी ने व्यक्त किए । ‘सुराज्य अभियान’की ओर से सहकार ज्योत सोसायटी, भाईंदर (प.) के श्री गजानन रघुनाथ ठाकुर सभागृह में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे । इस अवसर पर ‘सुराज्य अभियान’के श्री. अभिषेक मुरुकटे भी उपस्थित थे ।

इस अवसर पर डॉ. धुरी बोले,

१. ‘तसलमात की रकम का विनियोग कैसे किया गया ?’, इसका विवरण एवं प्रमाण देना चाहिए । इस संदर्भ में देयक (बिल्स एवं शेष धनराशि को भी समय-समय पर जमा करना भी बंधनकारक है । कानून के अनुसार, पहले के ‘तसलमात’का हिसाब दिए बिना नई राशि नहीं ली जा सकती’, ऐसे में इस कानून को ताक पर रख (उपेक्षा कर) मीर भाईंदर महानगरपालिका ने पैसे दिए एवं अनेक वर्ष उसकी वसूली भी नहीं की ।

२. महानगरपालिका प्रशासन द्वारा सुराज्य अभियान को दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष १९९३ से प्रलंबित ‘तसलमात’की वसूली में भी ५६ लाख ३० सहस्र ५६६ रुपए अब भी शेष हैं । ध्यान में आया है कि इसमें अब भी १७ लाख १ सहस्र ४९९ रुपयों की राशि आने में कुछ अडचनें हैं । इस दृष्टि से यह वसूली पूर्ण करने में महानगरपालिका को पहल करनी आवश्यक है ।

उर्वरित ५६ लाख रुपयों की वसूली ८ प्रतिशत ब्याज से करें !

वर्ष १९९३ से लाखों रुपयों की प्रलंबित वसूली, यह प्रशासकीय अधिकरियों की गैरजिम्मेदारी का परिणाम है । जनता के कष्ट के पैसों का इसप्रकार से अवैधपूर्णरूप से उपयोग करना, गंभीर अपराध है । इसके पीछे गत अनेक वर्षों से लाखों रुपयों की वसूली की ओर अनदेखी करनेवाले प्रशासकीय अधिकारी भी उतने ही दोषी हैं । ‘यह वसूली न करने के पीछे संबंधित अधिकारियों के कुछ हितसंबंध हैं क्या ?’, इसकी भी सरकार पूछताछ करे, इसके साथ ही अब तक वसूले गए तसलमात के ५६ लाख ३० सहस्र ५६६ रुपयों की वसूली ८ प्रतिशत के ब्याज से एवं समयमर्यादा में ही पूर्ण की जाए। अन्यथा जिन अधिकारियों ने ‘तसलमात’की वसूली की अनदेखी की है, उनके वेतन से ये पैसे वसूल करें । जिन्होंने ‘तसलमात’की राशि डुबाई है, उन पर अपराध प्रविष्ट किया जाए, ऐसी हमारी मांगें हैं ।

आगे ‘सुराज्य अभियान’के श्री. अभिषेक मुरुकटे बोले, ‘‘शहर के विकास के लिए इन पैसों का यदि प्रशासन यथाशीघ्र वसूली नहीं करता है, तब इसके विरोध में न्यायालय में जाकर हम कानूनी कार्यवाही करेंगे ।’

क्षणिका : जनवरी २०२२ में हुए उपरोक्त विषय पर पत्रकार परिषद से लेकर अबतक इस विषय को मीरा-भाईंदर रोड के पत्रकारों द्वारा दी हुई प्रसिद्धी के विषय में समिति की ओर से उनका आभार माना गया ।

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