डिचोली (गोवा) : बाइबल का वितरण करनेवाले ‘बिलिवर्स’ पन्थियोंको हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओंने पुलिस के नियन्त्रण में दिया !

माघ कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६

बाइबल का वितरण कर कार्यालय के कार्य में बाधाएं उत्पन्न करनेवालों पर कार्रवाई करें ! – शासन से हिन्दू जनजागृति समिति की मांग

missionaryडिचोली (गोवा) : ७ जनवरी को ‘बिलिवर्स’ पन्थियों की ओर से डिचोली मामलेदार कार्यालय के कर्मचारियों को नए वर्ष की भेंट के रूप में कार्यालयीन कार्य की अवधि में ही बाइबल का वितरण कर कार्य हेतु आए नागरिकोंके कार्य में बाधाएं उत्पन्न करने का एक धक्कादायक प्रकरण सामने आया । (क्या कभी हिन्दू इस प्रकार अपने धर्मग्रन्थका प्रसार करते हैं ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा गणतन्त्र दिवस के निमित्त ‘राष्ट्रध्वज का अनादर रोकें’, यह जनजागृति अभियान आयोजित किया गया है । इस अभियान के अन्तर्गत हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता निवेदन प्रस्तुत करने मामलेदार कार्यालय गए थे । उस समय यह प्रकरण सामने आया । हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता श्री. प्रशांत चणेकर तथा श्री. दिलीप माणगांवकर ने इस सन्दर्भ में त्वरित डिचोली पुलिस के पास परिवाद प्रविष्ट किया ।

डिचोली पुलिस ने बिलिवर्स पन्थियों के गुट को पुलिस थाने में आमन्त्रित कर उन्हें समझाया तथा उनसे लिखित प्राप्त किया कि कार्यालय में कार्य के समय जाकर बाधाएं उत्पन्न नहीं करेंगे । तदनन्तर उन्हें मुक्त किया गया । विशेषरूप से बिलिवर्स पन्थियों के ५ जन के गुट में एक विदेशी नागरिक तथा कुछ स्थानीय लोग थे ।

विस्तृत समाचार यह है कि . . .

१. हिन्दू जनजागृति समिति, डिचोली के कार्यकर्ता श्री. प्रशांत चणेकर ‘राष्ट्रध्वज का अनादर रोकें’, इस अभियान के अन्तर्गत निवेदन प्रस्तुत करने हेतु ७ जनवरी दोपहर ११ बजे मामलेदार कार्यालय गए थे ।

२. उस समय श्री. चणेकर के ध्यान में यह बात आई कि कुछ कार्यालयीन कर्मचारी अपने स्थान पर उपस्थित नहीं हैं तथा कार्यालय में कार्य हेतु आए नागरिक कार्य प्रतीक्षा करने को बाध्य हैं ।

३. श्री. चणेकर के सामने स्पष्ट रूप से यह बात आई कि कुछ कर्मचारी बिलिवर्स कार्यकर्ताओं का प्रवचन सुनने में व्यस्त हैं, साथ ही वे बाइबल के सन्दर्भ में चर्चा कर रहे हैं । साथ ही उस समय बिलिवर्स गुट का एक विदेशी नागरिक बिना अनुमति बाइबल लेकर सीधा कार्यालय के प्रशासकीय अधिकारी के कक्ष में गया तथा उस अधिकारी के पटल पर उसने बाइबल रखी ।

४. यह प्रकरण देखकर श्री. प्रशांत चणेकर विस्मित हुए तथा इस सम्बन्ध में उन्होंने प्रशासकीय अधिकारी से प्रश्न पूछा कि ‘बिना अनुमति बिलिवर्स पन्थीय सीधे कार्यालय में कैसे प्रवेश करते हैं ? क्या यह बात उचित है कि बाइबल वितरण के कारण कार्यालय में आनेवाले नागरिकोंको कार्य हेतु प्रतीक्षा करनी पडे ?’

५. मामलेदार कार्यालय में बिलिवर्स के विरोध में वातावरण तप्त हो रहा है, यह बात ध्यान आते ही बिलिवर्स गुट के सदस्य कार्यालय से भाग गए । श्री. प्रशांत चणेकर तथा अन्य कार्यकर्ताओं ने बिलिवर्स पन्थियों का पीछा कर उन्हें मामलेदार कार्यालय के नीचे के तल्ले पर ही पकडा ।

६. श्री. प्रशांत चणेकर ने बिलिवर्स पन्थियोंको फटकारा तथा उन्हें कहा कि कार्यालय के समय जाकर कार्यालयीन कार्य में बाधाएं उत्पन्न करना अवैध कृत्य है । अतः अब आप को पुलिस थाने में आना पडेगा ।

७. इस बात पर बिलिवर्स गुट के विदेशी नागरिक ने कहा, ‘पुलिस से हम नहीं डरते’, तथा हाथ की थैली पकडकर वहां से भाग गया ।

८. श्री. प्रशांत चणेकर द्वारा इस सम्बन्ध में परिवाद प्रविष्ट करने के पश्चात पुलिस घटनास्थल पर आई तथा उन्होंने बिलिवर्स गुट के तीन सदस्यों को अधिकार
में लिया ।

९. श्री. प्रशांत चणेकर ने पुलिस से विनती की कि बिलिवर्स गुट के विदेशी नागरिक का आचरण सन्देहास्पद प्रतीत हो रहा है; इसलिए उसे भी पुलिस थाने में आमन्त्रित करें ।

१०. तत्पश्चात पुलिस ने उस विदेशी नागरिक को पुलिस थाने आमन्त्रित किया । डिचोली पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक श्री. रूपेंद्र शेटगांवकर ने बिलिवर्स गुट के विदेशी नागरिक का पारपत्र(पासपोर्ट) जांच किया एवं लिखित रूप में यह प्राप्त किया कि बिलिवर्स गुट की ओर से कार्यालय में कार्य के समय जाकर बाधाएं उत्पन्न नहीं करेंगे, तदनतर उन्हें मुक्त किया । (परिवाद की ओर त्वरित ध्यान देकर कार्रवाई करनेवाले डिचोली पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक श्री. रूपेंद्र शेटगांवकर का अभिनन्दन ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)

बाइबल का वितरण कर कार्यालय के कार्य में बाधाएं उत्पन्न करनेवालों पर कार्रवाई करें ! – शासन से हिन्दू जनजागृति समिति की मांग

हिन्दू जनजागृति समिति ने एक प्रसिद्धिपत्रक द्वारा यह मांग की है कि कार्यालय के समय कर्मचारियोंके बीच बाइबल का वितरण करना, साथ ही कर्मचारियों को उस में व्यस्त रखकर कार्यालयीन कार्य हेतु आनेवाले नागरिकोंको प्रतीक्षा करने के लिए विवश करनेवाले बिलिवर्स सदस्यों पर कार्रवाई करनी चाहिए । साथ ही इस बात की जांच करनी चाहिए कि आज देश में धर्मनिरपेक्ष प्रणाली अस्तित्व में रहते हुए भी शासकीय कार्यालय में एक विशिष्ट धर्म का प्रसार करने की अनुमति बिलिवर्स गुट को किसने दी है ? बिलिवर्स पन्थियों ने इससे पूर्व भी गोवा वैद्यकीय महाविद्यालय में जाकर तथा रुग्णों की व्याधि का लाभ उठाकर खुलेआम अपने पन्थ का प्रचार कर हिन्दुओंका धर्मपरिवर्तन करने के अनेक प्रकरण किए हैं । इस सन्दर्भ में परिवाद प्रविष्ट करने के पश्चात भी शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तथा अब बिलिवर्स पन्थियों ने गोवा के शासकीय कार्यालयोंको अपना लक्ष्य बनाया है ।

इस सन्दर्भ में अपराधियों पर कार्रवाई करने के साथ ही शासकीय कार्यालय तथा वैद्यकीय महाविद्यालय में इस प्रकार की घटना दोबारा न घटे, इसलिए शासन को कुछ उपाययोजना करनी चाहिए । समिति के राज्य समन्वयक डॉ. मनोज सोलंकी ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि इस सदर्भ में त्वरित कुछ उपाययोजना नहीं निकाली गई, तो हिन्दू जनजागृति समिति वरिष्ठ अधिकारियोंके पास परिवाद प्रविष्ट करेगी ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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