‘रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठिए : राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद !

अमानवीय रोहिंग्याओं को मानवता की दृष्टि से भारत में रहने देना, देशहित के लिए घातक ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय

म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों को एक बडे षड्यंत्र के अंतर्गत भारत में अवैध रूप से बसाया जा रहा है । वे जम्मू-कश्मीर, असम, पंजाब, उत्तर भारत, मेवात (हरियाणा) सहित देश के अनेक भागों में कैन्सर के समान बढ रहे हैं । मेवात में हिन्दुओं की भूमि पर अतिक्रमण कर हिन्दू युवतियों का अपहरण, बलात्कार, हिन्दुओं की हत्या, मंदिरों की तोडफोड, घर हथियाना इत्यादि कृत्य उन्होंने  आरंभ किए हैं । ऐसे अमानवीय, साथ ही अनेक आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रोहिंग्याओं को मानवता के दृष्टिकोण से भारत में रहने देना, देशहित के लिए घातक है, ऐसा प्रतिपादन ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता तथा सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने किया । वे ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ आयोजित ‘रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठिए : राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट’, इस ‘ऑनलाइन विशेष संवाद’ में बोल रहे थे ।

अधिवक्ता जैन ने आगे कहा कि प्रशांत भूषण और कॉलिन गोन्साल्विस जैसे अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय में रोहिंग्याओं के लिए लड रहे हैं तथा ‘जकात फाउंडेशन’ जैसे धर्मांध संगठन रोहिंग्याओं को पूरे देश में बसाने का कार्य कर रहे हैं । इस विषय में पूरे देश में जनजागृति करनी चाहिए । इस समय विश्‍व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. विनोद बन्सल ने कहा कि, पहले शरणार्थी बनकर ये लोग आश्रय लेते हैं । आगे स्वयं की जनसंख्या बढाकर उस देश में अपना वर्चस्व निर्माण करते हैं । इस प्रकार उन्होंने विश्‍व के 56 इस्लामी देश बनाए हैं । म्यांमार से हजारो किलोमीटर दूर स्थित जम्मू में हजारो रोहिंग्याओं को क्यों बसाया गया ? इसके पीछे जम्मू को कश्मीर के समान हिन्दूविहीन करने का जिहादी विचार था । रोहिंग्याओं की बस्ती भारतीय सैनिक दल की छावनी के निकट बसाई गई । तदुपरांत सैनिक छावनियों पर बमविस्फोट किए गए । वर्ष 2008 में दिल्ली में शरणार्थियों का दर्जा मांगने के लिए एकत्रित हुए तीन हजार रोहिंग्या बाद में कहां गए, यह पता नहीं चला । इसलिए सरकार पर आश्रित न रहते हुए सभी हिन्दुओं को स्वयं जागृत और संगठित होना चाहिए, तभी घुसपैठ रुकेगी । सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने कहा कि  घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट है । वर्ष 2012 में 40 हजार रोहिंग्या थे, जिनकी संख्या अब कुछ लाख हो गई है । सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दी जानकारी के अनुसार भारत में 6 करोड से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं । नई जानकारी के अनुसार दिल्ली में 11 हजार अफगानिस्तान से आए घुसपैठिए हैं । उन्होंने दिल्ली में ‘मिनी काबुल’ बसाया है । दिल्ली में रोहिंग्याओं की झोपडियां अचानक जलने पर उनसे मिलने ‘आप’ के नेता आए । उन्होंने रोहिंग्याओं को दिल्ली सरकार की ओर से आर्थिक सहायता, नया घर, बिजली, पानी दिए जाने की घोषणा की । अर्थात बहुसंख्यक हिन्दू कर भरें और सुविधाएं घुसपैठियों को दी जाए, यह हिन्दू कदापि सहन नहीं करेंगे । घुसपैठियों को मानवता की दृष्टि से देखने पर हिन्दू ‘मानव’ के रूप में नहीं बचेंगे । इस समय हिन्दू जनजागरण मंच के असम के विधि प्रमुख अधिवक्ता राजीवकुमार नाथ ने कहा कि असम की हजारो किलोमीटर की सीमा म्यांमार से सटी है । इसलिए स्थानीय धर्मांधों की सहायता से रोहिंग्याओं को योजनाबद्ध पद्धति से भारत में बसाया जाता है, यह वस्तुस्थिति है ।

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