गाजियाबाद के डासना मंदिर में चाकुओं से जानलेवा हमला, दो साधु अस्पताल में भर्ती

गाजियाबाद एक ऐसा इलाका है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। लेकिन, इसके बावजूद यहां डासना में स्थित शिव-शक्ति धाम पर खतरा कम नहीं हो रहा है। अब इस मंदिर में फिर से दो साधुओं पर चाकुओं से हमले की घटना सामने आई है। दोनों साधुओं पर जानलेवा हमले के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना की सूचना के बाद मंदिर प्रबंधन सहित आसपास के हिन्दुओं में भी आक्रोश का माहौल है।

‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर परिसर में सो रहे साधुओं पर चाकुओं से हमला किया गया। मंगलवार (10 अगस्त, 2021) को तड़के सुबह 4 बजे हुई इस घटना में दोनों साधु बुरी तरह घायल हो गए। पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है, लेकिन लोगों ने मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं, वो भी तब ये ये पीठ पहले से ही आतंकियों व इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर रहा है।

घायल साधुओं में से एक नरेशानंद कुछ दिनों पहले ही बिहार से आए थे और यहां प्रवास कर रहे थे। वो समस्तीपुर के रहने वाले हैं। हमलावरों का कुछ पता नहीं चल सका है। चाकुओं से ताबड़तोड़ वार करने के बाद वो वहां से फरार हो गए थे। डासना पीठ वही है, जहां के मुख्य महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती हैं। उन पर भी इससे पहले हमले की कोशिश हो चुकी है। वो अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं।

खतरों व पुरानी घटनाओं के कारण 24 घंटे मंदिर और पुजारियों की सुरक्षा के लिए पुलिस का पहरा रहता है, इसके बावजूद इस तरह का हमला होना लोगों के आक्रोश का कारण बन रहा है। पुलिस CCTV फुटेज खँगाल रही है। महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती भी इस हमले के समय मंदिर परिसर में ही मौजूद थे और अपने कमरे में सो रहे थे। यशोदा अस्पताल में दोनों साधुओं का इलाज कराया जा रहा है।

‘दैनिक भास्कर’ के पत्रकार सचिन गुप्ता ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि पुलिस को डासना देवी मंदिर से दो पेपर कटर मिले हैं। संभवतः इन्हीं से साधुओं पर हमला हुआ। मंदिर परिसर के CCTV बंद मिले हैं। मंदिर गेट पर 24 घंटे तैनात रहने वाली पुलिस पिकेट को 15 मिनट बाद इस हमले की सूचना अंदर से दी गई। उन्होंने एक घायल साधु की तस्वीर भी शेयर की, जिन्हें खून से लथपथ देखा जा सकता है।

वहीं महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के करीबी अनिल यादव ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा, “हमला करने वाले इस्लामी जिहादी हैं। वह पहले भी कई बार मंदिर में घुस चुके हैं। रात महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती नहीं मिले तो दूसरे स्वामीजी पर हमला कर दिया।” घायल नरेशानंद महंत यति के शिष्य हैं। मंदिर प्रबंधन के लोगों का कहना है कि ये लोग महंत यति की हत्या के इरादे से ही आए थे।

लेखक संदीप देव ने बताया कि ‘जंतर मंतर’ पर हुए आंदोलन में भाग लेने के लिए समस्तीपुर से स्वामी नरेशानंद जी आए थे। उन्होंने बताया, ” चूँकि मैं गृहस्थ हूँ, अतः मैंने उनके रुकने का प्रबंध यति नरसिंहानंद जी के डासना मंदिर में करवाया था। एक मजहबी समूह ने मंदिर में घुसकर सोए हुए नरेशानंद जी को चाकुओं से गोद दिया। अपराधियों ने भगवा वस्त्र के कारण शायद उन्हें यति नरसिंहानंद समझ कर हमला किया है।”

संदर्भ : OpIndia

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