मलाला ने बिना सबूत उगला जहर, ४००० बच्चे हैं जेल में, कश्मीरी लडकियां घर से निकलने में डर रहीं !’

नोबल पुरस्कार विजेती मलाला यूसुफजई का कश्मीर प्रेम एक बार फिर से जागा है ! मलाला ने एक के बाद एक ७ ट्वीट्स कर जम्मू कश्मीर को लेकर रोना रोया ! हालाँकि, बलूचिस्तान में पाक फाैजद्वारा किए जा रहे अत्याचारों पर वह चुप रहीं ! मलाल को ट्विटर पर लोगों ने याद दिलाया कि, पाक अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तानद्वारा मानवाधिकार हनन की बातें सामने आते रहती हैं, वह उस पर भी कुछ कहें !

मलाला यूसुफजई ने लिखा कि, उन्होंने पिछले कुछ दिनों में ऐसे लोगों से बात की हैं, जो कश्मीर में रह रहे हैं या फिर वहाँ कार्यरत हैं ! इनमें छात्र, पत्रकार और मानवाधिकार वकील शामिल हैं। मलाला ने लिखा कि, वह कश्मीर की लडकियों से सीधे बातचीत करना चाहती थीं। उन्होंने ‘कम्युनिकेशन ब्लैकआउट’ का हवाला देकर लिखा कि, लोगों से बात करने में काफी परेशानी का सामना करना पडा। मलाला ने आरोप लगाया कि, कश्मीर को दुनिया से अलग-थलग कर दिया गया है और उनकी आवाज बाहर नहीं जाने दी जा रही !

मलाला के अनुसार, कश्मीरी लडकियों ने उन्हें बताया कि, कश्मीर की ताजा स्थिति को बयान करने का सबसे अच्छा तरीका है, सिर्फ खामोशी ! कश्मीरी लडकियों ने मलाला को कथित रूप से बताया कि, उन्हें खुद नहीं पता कि, उनके साथ क्या किया जा रहा है ? मलाला की मानें तो लड़कियों को उनके घरों की खिडकियों से केवल सेना की पदचाप सुनाई दे रही है और उन्हें काफी डर लग रहा है !

मलाला के अनुसार, उन कश्मीरी लडकियों ने उनसे कहा :

“मैं खुद को निरर्थक और खिन्न महसूस कर रही हूँ ! ऐसा इसीलिए क्योंकि, मैं स्कूल नहीं जा सकती ! १२ अगस्त को परीक्षाएँ थीं और मैं स्कूल नहीं जा पाई ! अब मेरा भविष्य असुरक्षित है ! मैं एक लेखिका बनना चाहती हूँ और स्वतंत्र जीवन व्यतीत करना चाहती हूँ ! मैं एक सफल कश्मीरी महिला बनना चाहती हूँ ! जैसा चल रहा है, उस हिसाब से यह और कठिन होता जा रहा है !”

कश्मीरी लड़कियों ने कथित रूप से मलाला को बताया कि, उन्हें लगता है कि, ‘जो लोग उनके लिए आवाज उठाते हैं, वह उनकी आशाओं को जीवित रखने का कार्य करते हैं !’  मलाला के अनुसार, लड़कियों ने उन्हें बताया कि, दशकों से कश्मीर जिस दुर्गति में है, वे सभी उससे मुक्त होने के इंतजार कर रही हैं ! इसके बाद मलाला ने बिना सबूतों के दावा किया कि, बच्चों सहित ४००० लोगों को गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया है ! साथ ही उन्होंने दावा किया कि, बच्चे ४० दिनों से स्कूल नहीं जा पाए हैं और लड़कियाँ घर से निकलने में डर रही हैं !

मलाला यूसुफजई यहीं नहीं रुकीं बल्कि, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली से मामले का संज्ञान लेने की अपील की ! उन्होंने वैश्विक नेताओं से कहा कि, ‘कश्मीर में शांति’ के लिए प्रयास करें ! मलाला ने कश्मीरी आवाजों को सुनने की अपील करते हुए बच्चों को स्कूल पहुँचाने की बात कही। हालाँकि, प्रशांत पटेल ने उन्हें याद दिलाया कि, सिंध में हिन्दू व सिख लडकियों के धर्मांतरण की खबरों पर भी टिप्पणी करें ! जबरन इस्लामिक धर्मांतरण का शिकार सिख लडकियों से भी मलाला को बात करनी चाहिए !

मलाला यूसुफजई ने कश्मीर पर बयान देकर पाकिस्तानी नैरेटिव को ही आगे बढ़ाया है क्योंकि, भारतीय सेना को बिना नाम लिए उन्होंने बदनाम करने की कोशिश की है ! भारत के कई नेता, यहाँ तक कि, कश्मीरी राजनीतिक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद भी कश्मीर होकर आए लेकिन मलाला का बयान इससे बिलकुल अलग है ! कश्मीर से हजारों मील दूर बैठ कर बयान देनेवाली मलाला को यह भी जानना चाहिए कि, भारतीय सेना लगातार सीमावर्ती गाँवों में बच्चों को पाकिस्तान की तरफ से होनेवाले फायरिंग से बचाने में लगी है !

पाक अधिकृत कश्मीर के समाजसेवी पाकिस्तानी फौज पर अत्याचार का आरोप लगा रहे हैं ! परमाणु बम की धमकी पाकिस्तान से आ रही है ! वीडियो फुटेज में पाकिस्तानी सेना घुसपैठ करती दिख रही है ! बलूचिस्तान में नरसंहार हो रहा है और नेताओं को पाकिस्तान से बाहर रहना पड रहा है ! इस्लामिक राष्ट्रों तक ने पाकिस्तान को समर्थन देने से हाथ खींच लिया है ! रूस और अमेरिका सहित सभी प्रमुख देशों ने इसे भारत का आंतरिक मुद्दा बताया है ! लेकिन, मलाल यह कि, मलाला को बलूचिस्तान में निर्दोषों पर अत्याचार और सिंध में लडकियों का जबरन इस्लामिक धर्मांतरण नहीं दिखता !

मलाला इससे पहले भी कश्मीर पर बयान दे चुकी हैं ! न तो उन्होंने ग्राउंड जीरो पर आकर किसी से संपर्क किया है और न ही इस संबंध में उनकी किसी योजना के बारे में पता चला है ! मलाला ने अपने बयानों के लिए कोई सबूत भी नहीं दिए ! कई फॉरेन मीडिया को कश्मीर पर एडिटेड और डॉक्टरेड क्लिप्स और फोटोज चलते हुए रंगे हाथों पकडा गया है। मलाला यूसुफजई को अगर सच में कश्मीर की चिंता है तो उन्हें पाक अधिकृत कश्मीर की होनी चाहिए, जहाँ शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था तक के हालत बदतर है !

पाकिस्तान में सिर्फ पिछले १ साल में १००० से भी अधिक हिन्दू व ईसाई लड़कियों का जबरन इस्लामिक धर्मांतरण कर दिया गया लेकिन मलाला ने इनमें से एक से भी बात नहीं की जबकि, वो उन्हीं का देश है ! बात करना तो दूर, उन्होंने इसके लिए आवाज भी नहीं उठाई ! पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में ही ऐसा सामने आया है !

स्त्रोत : ऑप इंडिया

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