संकटकाल में टिके रहने हेतु साधनारत रहें ! – सद्गुरु सत्यवान कदमजी

रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग जनपदों का प्रांतीय हिन्दू अधिवेशन

दीपप्रज्वलन करते हुए सद्गुरु सत्यवान कदमजी, ह.भ.प. सखाराम महाराज जाधव एवं श्री.मनोज खाडये

रत्नागिरी : अनेक संत, भविष्यवेत्ता और नाडीपट्टी वाचन करनेवालों ने आनेवाला काल घोर संकटकाल होने की बात कही है । अब यह संकटकाल हमारे द्वारपर आकर खडा है । इस संकटकाल में चक्रवाती तुफान, सुनामी, भूकंप, बाढ आदि प्राकृतिक आपदाएं आ सकती है और उसमें बडी संख्या में मनुष्यहानि हो सकती है । तथापि ईश्‍वर सदैव भक्तों की रक्षा करते हैं; इसलिए मन में इस संकटकाल के प्रति भय न रखकर सदैव साधनारत होना चाहिए । सनातन के ५वें सद्गुरु सत्यवाद कदमजीने यह मार्गदर्शन किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से नगर के टी.आर.पी. के अंबर सभागार में रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग जनपदों के लिए एकदिवसीय प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन किया गया था । उस समय उपस्थित धर्मप्रेमियों का मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।ुइस अवसरपर व्यासपीठपर खेड तहसील वारकरी संगठन के ह.भ.प. सखाराम महाराज जाधव एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कोंकण, पश्‍चिम महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य समिति के समन्वयक श्री. मनोज खाडये उपस्थित थे ।

उपस्थित धर्मप्रेमियों का मार्गदर्शन करते हुए सद्गुरु सत्यवान कदमजी और बाजू में श्री. मनोज खाडये

सद्गुरु सत्यवाद कदमजी ने आगे कहा, ‘‘संकटकाल में हमारे पास उपलब्ध भौतिक सुविधाआें का उपयोग नहीं किया जा सकेगा । उसके लिए शारीरिक स्तरपर चूल्हेपर भोजन पकाना, घर के पास औषधि वनस्पतियों की बोआई करना, प्राथमिक चिकित्सा आदि का ज्ञान लेना आवश्यक है । मानसिक स्तरपर अधिक काल के लिए परिजनों का वियोग सहन करने की सिद्धता रखना, अनावश्यक भय लगनेपर मन एवं स्थिति का अध्ययन करना, भावना में न फंसकर साक्षीभाव में होना आदि प्रयास किए जा सकते हैं । इसके अतिरिक्त आध्यात्मिक स्तर की सिद्धता सबसे महत्त्वपूर्ण सिद्धता है । इसमें प्रतिदिन ईश्‍वर से प्रार्थना करना, स्तोत्र का पाठ करना, नामजप करना आदि आवश्यक है । इसके कारण स्वयं के आसपास चैतन्य का संरक्षणकवच बनेगा और केवल इतना ही नहीं, अपितु स्वयं में व्याप्त स्वभावदोष एवं अहंनिर्मूलन हेतु भी प्रयास करना आवश्यक है ।’’

श्री. मनोज खाडये ने अधिवेशन का उद्देश्य बताया । श्री. परेश गुजराथी एवं श्री. प्रकाश कोंडसकर ने सूत्रसंचालन किया । इस अधिवेशन में रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग जनपदों से आए ६७ धर्माभिमानी उपस्थित थे ।

हाथ उठाकर घोषणाएं करते हुए हिन्दुत्वनिष्ठ और (१) सद्गुरु सत्यवान कदमजी

मान्यवरों का सम्मान एवं सत्कार

इस अवसरपर आळंदी के वारकरी शिक्षा संस्थान के सदस्य ह.भ.प. सिद्धेश महाराज पलांडे ने सद्गुरु सत्यवान कदम को सम्मानित किया । मालवण (जनपद सिंधुदुर्ग) के धर्माभिमानी श्री. मधुसूदन सारंग ने खेड तहसील वारकरी संगठन के ह.भ.प. सखाराम महाराज जाधव को सम्मानित किया, साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति के कोंकण, पश्‍चिम महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्य समिति समन्वयक श्री. मनोज खाडये को भिलारे-आईनी के श्री. राजेंद्र भिलारे को सम्मानित किया ।

अधिवेशन के उपलक्ष्य में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा भेजे गए संदेश का वाचन

इस अधिवेशन के उपलक्ष्य में सनातन संस्था के संस्थापक तथा हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा भेजे गए संदेश का वाचन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विनोद गादीकर ने किया ।

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