तेलंगाना के तांदुर में पहली बार ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा’ का सफलपूर्वक आयोजन !

हैदराबाद मुक्तिसंग्राम संघर्ष में हुए हिन्दुओं के बलिदान को ध्यान में रखकर जागृत हों और ‘हिन्दू राष्ट्र’ की मांग करें ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

व्यासपीठ पर बाईं ओर से श्रीमती श्रीलता रेड्डी, श्री. भरतकुमार शर्मा, श्री. चेतन जनार्दन एवं संबोधित करते हुए श्री. रमेश शिंदे

भाग्यनगर : हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने ऐसा प्रतिपादित किया कि, हैदराबाद मुक्तिसंग्राम संघर्ष में बलिदान किए हुए हिन्दुओं को ध्यान में रखकर जागृत हों और हिन्दू राष्ट्र की मांग करें ! हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से तांदुर नगर के आर्य वैश्य समुदाय के सभागार में ६ जनवरी को पहली बार हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा का आयोजन किया गया। इस सभा को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे। इस अवसर पर व्यासपीठ पर समाचार वाहिनी ‘हिन्दू टीवी’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री. भरतकुमार शर्मा, दुर्गा वाहिनी की जिला संयोजक श्रीमती श्रीलता रेड्डी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के तेलंगना-आंध्र प्रदेश राज्य समन्वयक श्री. चेतन जनार्दन उपस्थित थे। इस सभा में तांदुर नगर की नगराध्यक्षा श्रीमती सुनिता संपत सभा के समापन तक उपस्थित रहीं।

सनातन का ग्रंथप्रदर्शन देखने उमडी भीड !

इस अवसर पर श्री. भारतकुमार शर्मा के हाथों तेलुगु भाषा के ‘एन्ड्राॅईड सनातन पंचांग २०१९’ का लोकार्पण किया गया। श्री. चेतन जनार्दन ने सभा का प्रास्ताविक किया, तो श्री. जगन रेड्डी ने सूत्रसंचालन किया। सभा के अंत में श्री. चेतन जनार्दन ने उपस्थित धर्मप्रेमियों को हिन्दू राष्ट्र स्थापना की शपथ दिलाई।

सभा में उपस्थित मान्यवर वक्ताओं का ओजस्वी मार्गदर्शन

भविष्य में यदि रजाकारी अत्याचारों पर बलि न चढनी हो, तो हिन्दू राष्ट्र की मांग करें ! – श्री. रमेश शिंदे

श्री. रमेश शिंदे ने आगे कहा,

१. वर्ष १९४७ में भारत का धर्म के आधार पर विभाजन कर पाकिस्तान बनाया गया। उस समय हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय करने का अनुरोध ठुकराया !

२. स्थानीय बहुसंख्यक जनता हिन्दू होते हुए भी निजाम को पाकिस्तान में सहभागी होना था ! उसके लिए उसने अपनी सेना के साथ-साथ एम्आईएम् के कासीम रिजवी को अत्याचारी मुसलमानों की रजाकार सेना बनाने के लिए कहा !

३. इन रजाकारों ने हिन्दुओं के घर-घर में घुसकर लूटमार, महिलाओं के साथ बलात्कार और पुरुषों का हत्याकांड आरंभ किया !

४. उस समय सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्थानीय हिन्दू, साथ ही आर्य समाज एवं हिन्दू महासभा की सहायता से भारत के सशस्त्र बलों को लेकर ‘ऑपरेशन पोलो’ चला कर १८ सितंबर १९४८ के दिन निजाम की सेना को पराजय स्वीकारने के लिए बाध्य बनाया !

५. उस समय स्थानीय हिन्दुओं ने यदि बलिदान नहीं दिया होता, तो आज हमें और एक पाकिस्तान और वहां के हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचार देखने पडते !

६. आज पुनः यहां की मुसलमान जनसंख्या बढ रही है और हिन्दूविरोधी राजनीतिक दल एम्आईएम् शक्तिशाली बन रहा है ! भविष्य में यदि रजाकारी अत्याचारों पर बलि न चढनी हो, तो हिन्दुओं को संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की मांग करनी ही होगी !

ब्रिटीशों ने जो दुष्कृत्य नहीं किए, वो आज वामपंथी सरकार कर रही है ! – श्री. भारतकुमार शर्मा

श्री. शर्मा ने कहा, ‘आज शबरीमला मंदिर के संदर्भ में केरल की वामपंथी सरकारद्वारा चलाए जा रहे दुष्कृत्य हिन्दू धर्मविरोधी षड्यंत्र है ! भारत की गुलामी के समय भी ब्रिटीशों ने भी जो दुष्कृत्य नहीं किए, वो आज केरल की वामपंथी सरकार कर रही है ! हिन्दू समाज में महिलाओं का स्थान कनिष्ठ नहीं है, अपितु उन्हें देवीस्वरूप माना गया है। हिन्दू समाज आज अनेक स्त्री देवताओं का बडे भक्तिभाव से पूजन कर रहा है। अतः इन धर्मविरोधियों का सामना करने हेतु धर्माचरण की आवश्यकता है और उसके लिए हमें हिन्दू राष्ट्र चाहिए !’

हिन्दू समाज यदि संगठित होकर सडक पर उतर आया, तो इन हिन्दूविरोधियों पर भागने की नौबत आएगी ! – श्रीमती श्रीलता रेड्डी

श्रीलता रेड्डी ने कहा, ‘आज हिन्दू समाज संकट में है। देवता, धर्म, मंदिर और हिन्दू महिलाओं पर विविध प्रकार से आघात किए जा रहे हैं। लव जिहाद के द्वारा हमारी बहनों को धर्मांतरित किया जा रहा है। आज यदि हिन्दू संगठित नहीं हुए, तो भविष्य में उनके लिए एक ‘हिन्दू’ के रूप में जीवनयापन करना कठिन होगा ! हिन्दू समाज भले सहिष्णु हो; परंतु कोई इस समाज को नपुंसक समझने की चूक न करें ! कल यदि यह समाज संगठित होकर सडक पर उतर आया, तो इन हिन्दूविरोधियों को चारों दिशाओं में भागना पडेगा ! अतः बिना किसी कारण कोई इस समाज को चुनौती न दे !’

भारत से विभाजित इस्लामी राष्ट्रों में रहनेवाले हिन्दू संकट में ! – श्री. चेतन जनार्दन

श्री. चेतन जनार्दन ने कहा, ‘प्राचीन काल के भारत का विभाजन होकर आज कंबोडिया, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्ला देश जैसे राष्ट्र बने। इन देशों में रहनेवाले हिन्दू संकट में ही हैं ! आज हिन्दुओं की जनसंख्या अल्प हो रही है। यह ऐसा ही चलता रहा, तो इस देश का पुनः विभाजन होने में समय नहीं लगेगा ! अतः हिन्दू समाज को इन सभी समस्याओं का जो समाधान है, उस हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए !’

हिन्दू छात्रों के जन्मदाता पिता जीवित होते हुए भी कॉन्वेंट विद्यालयों में ईसाई धर्मप्रचारक को ‘फादर’ कहना सिखाया जाता है !

श्री. रमेश शिंदे ने आगे कहा,

‘आज पाश्‍चात्त्य संस्कृति के प्रभाव में आकर हिन्दू अपने बच्चों को कॉन्वेंट विद्यालयों भेज रहे हैं ! वहां उनका योजनाबद्ध ईसाईकरण चल रहा है। इसका एक उदाहरण है कि इन विद्यालयों में वहां के चर्च के प्रमुख को ‘फादर’ कहना सिखाया जाता है ! जिस हिन्दू बच्चे के जन्मदाता पिता जीवित है, वह बच्च किसी अन्य पंथ के धर्मप्रचारक को फादर क्यों कहे ? हिन्दुओं को ये बातें अयोग्य क्यों नहीं लगतीं ? ऐसे अनेक कारणों से हिन्दू धर्म की शिक्षा लेने की आवश्यकता है। हमने धर्मशिक्षा लेकर धर्माचरण किया, तो धर्म भी हमारी रक्षा करेगा। अतः हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु हर हिन्दू ने प्रतिसप्ताह धर्मशिक्षा लेने हेतु न्यूनतम १ घंटे का समय देना चाहिए !’ उपस्थित धर्मप्रेमियों ने श्री. शिंदे के इस आवाहन का अनुमोदन कर प्रतिसप्ताह एकत्रित होने की सिद्धता दर्शाई !

क्षणिकाएं

१. गोवा में प्रतिवर्ष होनेवाले राष्ट्रीय हिन्दू अधिवेशन में उपस्थित हिन्दू धर्माभिमानियों ने इस सभा का संपूर्ण आयोजन और प्रसार किया। उन्होंने अपने व्यवसाय से समय निकाल कर विविध समूहों से भेंट कर उन्हें सभा में आने हेतु प्रेरित किया ! इसमें प्रमुखता से श्री. संतोष आष्टीकर, श्री. प्रवीण, श्री. मोहनकुमार और श्री. रजनीकांत सहभागी थे !

२. इस सभा में सर्वदलीय राजनीतिक कार्यकर्ता अपने आपस के मतभेद भूल कर केवल एक ‘हिन्दू’ के रूप में एकत्रित हुए !

३. सभा में विविध धार्मिक संगठन एवं संप्रदायों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे !

४. सभा का आरंभ होने से पहले सभा का प्रसार करनेवाले धर्मप्रेमी श्री. रजनीकांत की दादी की मृत्यु होने का समाचार मिला; परंतु वे उसी स्थिति में सभा पूर्ण होने तक सेवारत थे और सेवा पूर्ण होने पर ही वे अपने गांव लौट गए !

५. सभास्थल पर लगाई गई सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी को भी अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हुआ !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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