डिजाइनर का मर्डर : माला काे जिस राहुल अनवर पर भरोसा, उसी ने कर दी माला की हत्या

  • फैशन डिजाइनर के मर्डर की थी प्लानिंग, ३ साल से माला के यहां काम कर रहे राहुल ने संडे मार्केट से खरीदा था चाकू
  • बुधवार रात करीब १०.३० बजे टेलर राहुल ने माला को बताया कि ड्रेस रेडी है, वह आकर चेक कर लें
  • फैशन डिजाइनर माला जैसे ही वर्कशॉप में पहुंची, तीनों ने उन्हें नीचे गिरा दिया और चाकू से ५-६ वार किए
  • कोठी में ही रहनेवाला नौकर बहादुर शोर सुनकर मौके पर पहुंचा तो उसकी भी हत्या कर दी गई
फैशन डिजाइनर माला लखानी

नई देहली : फैशन डिजाइनर माला लखानी (५३) उनके नौकर बहादुर (५०) की हत्या के आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने दावा किया है कि योजना बनाकर मर्डर को अंजाम दिया गया। माला अपने टेलर राहुल पर बहुत भरोसा करती थीं, लेकिन उसी ने प्लान बनाकर हमेशा के लिए उनका मुंह बंद कर दिया। हत्या के आरोप में माला के ही यहां काम करनेवाले तीन टेलर राहुल अनवर (२४), मोहम्मद वसीम उर्फ मुन्ना (२६) और रहमत (२४) को गिरफ्तार कर लिया गया था।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पूछताछ में पता चला है कि राहुल ने वारदात की योजना पहले से बनाई थी। राहुल और उसके साथियों को पैसों की जरूरत थी। राहुल को लगता था कि माला के घर से उसे काफी रुपये और जूलरी या दूसरा कीमती सामान हाथ लग सकता है। वह दोस्तों के साथ मिलकर हथियारों के बल पर लूट को अंजाम देना चाहता था। उसने बीते रविवार को ही वसंत कुंज इलाके में लगनेवाली संडे मार्केट से मीट काटनेवाले २ बड़े चाकू भी खरीद लिए थे। बाकी दोनों आरोपियों को भी बता दिया था कि किस तरह वारदात को अंजाम देना है !

भरोसे का उठाया फायदा

मुख्य आरोपी राहुल अनवर माला के यहां साढ़े तीन साल से काम कर रहा था। वही उनका मेन टेलर था। माला ने वर्कशॉप का पूरा जिम्मा उसी को दिया था। वर्कशॉप की चाबी भी राहुल के पास रहती थी। माला उसे जिस तरह के कपड़े बनाने के लिए कहतीं, राहुल जरूरत के हिसाब से दूसरे टेलरों और हेल्परों को हायर कर लेता था। माला ने राहुल को इसकी खुली छूट दे रखी थी। इसी का फायदा उठाकर राहुल ने बुधवार की शाम को ६:३० बजे के करीब अपने २ साथियों वसीम और रहमत को वर्कशॉप पर बुला लिया था। एक-दो बार पहले भी राहुल उन्हें माला के घर बुला चुका था।

फोन कर कहा- ड्रेस रेडी है

पुलिस के अनुसार, बुधवार रात १०:३० या १०:४५ बजे के करीब राहुल ने माला को कॉल करके बताया कि ड्रेस रेडी है। वह वर्कशॉप में आकर चेक कर लें। माला टीवी देख रहीं थीं। राहुल की कॉल के बाद जब वह वर्कशॉप पहुंचीं, तो आरोपियों ने पीछे से उनका मुंह दबाकर जमीन पर गिराने की कोशिश की। माला ने विरोध कर खुद को छुड़ाना चाहा, उसी दौरान उनके गले और पेट पर चाकू से ताबड़तोड़ ५-६ वार कर दिए गए। गले की नस कटने से माला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

बहादुर न आता तो शायद बच जाता

आरोपी वर्कशॉप से निकले भी नहीं थे कि १० मिनट बाद ही माला का नौकर बहादुर वहां पहुंच गया। उसने खून से लथपथ माला को देखा, तो हक्का-बक्का रह गया। इससे पहले कि बहादुर कुछ समझ पाता, आरोपियों ने उसे भी वर्कशॉप के गेट से अंदर की तरफ धक्का देकर नीचे गिरा दिया। फिर दरवाजा लगाकर उस पर भी हमले कर दिए। आरोपियों को डर था कि अगर बहादुर बच गया, तो उनकी पहचान हो जाएगी। बहादुर ने काफी देर तक आरोपियों का मुकाबला किया, लेकिन पेट में चाकू के ५-६ वार के बाद उसने भी वहीं दम तोड़ दिया। उसके बाद आरोपियों ने कपड़े बदले। करीब एक घंटे घर के कोने-कोने को खंगाला। उन्हें थोड़ी बहुत जूलरी ही मिल पाई।

आखिर में रजामंदी से किया सरेंडर का फैसला

करीब दो ढाई घंटे तक बातचीत के बाद आरोपियों को लगा कि पुलिस कभी न कभी उन्हें पकड़ लेगी। उनकी पहचान ज्यादा दिन छुपी नहीं रह पाएगी। तीनों घबरा गए। आखिरकार उन्होंने मिलकर सरेंडर का फैसला किया। रात २:४५ बजे सभी माला की गाड़ी लेकर वसंत कुंज (साउथ) थाने पहुंचे। ड्यूटी अफसर को बताया कि डबल मर्डर करके आए हैं। तब एसएचओ संजीव कुमार थाने में ही थे। तड़के ३ बजे पुलिस तीनों आरोपियों को लेकर मौके पर पहुंची। वहां माला और बहादुर की लाश थी। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर रंगपुरी पहाड़ी पर बनी झील के पास से मीट काटनेवाले दो चाकू और खून में सने कपड़े भी बरामद कर लिए।

लूटपाट था मकसद : पुलिस

पुलिस वारदात का मकसद लूटपाट बता रही है। पुलिस का कहना है कि राहुल, वसीम और रहमत हत्या के बाद माला की कार और घर से कुछ जूलरी लूटकर भाग गए थे, लेकिन कुछ घंटे बाद खुद ही थाने में सरेंडर करके घटना की जानकारी दी।

पेमेंट नहीं देती थीं : आरोपी

मुख्य आरोपी राहुल का दावा है कि तीन-चार महीनों से मेहनताने को लेकर माला से उसका विवाद चल रहा था। माला समय पर पेमेंट नहीं देती थीं या आधे पैसे ही देती थी। मांगने पर डांटती थीं। इसी वजह से उसने हत्या और लूटपाट की योजना बनाई।

‘एक लाख की बाइक दिलाई थी’

माला के परिजन और पड़ोसी राहुल के दावे को खारिज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि माला ने खुद राहुल को कुछ समय पहले करीब एक लाख रुपये की बाइक दिलाई थी। राहुल पिछले साल छेड़खानी और पोक्सो एक्ट में एक महीने जेल में रहा था, तब भी उसकी जमानत के लिए माला ने पैसे दिए थे।

स्त्रोत : नवभारत टाईम्स

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