बेंगलुरु (कर्नाटक) – गौ-सेवक महेन्द्र मुणोत पर जानलेवा हमला

आश्विन शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६

दिन-दहाड़े शहर के बीचों बीच हुआ हमला

munotबेंगलूर (कर्नाटक) – शहर के जाने माने युवा समाजसेवी, मारुति मेडिकल्स के मालिक एवं गौ सेवक महेन्द्र मुणोत और उनके साथ राकेश दुधेड़िया तथा ड्राइवर उपेन्द्र पर बुधवार को चन्द्रा लेआऊट क्षेत्र के गनगोंडनहल्ली में बड़ी संख्या में अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला किया। इस हमले में इन तीनों व्यक्तियों के चेहरे, मुंह, आंख व सिर पर भारी आंतरिक चोट आई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को गनगोंडनहल्ली स्थित एक उर्दू प्राइमरी स्कूल व पीयू कॉलेज में बुधवार को अणुव्रत समिति का एक कार्यक्रम था जिसमें महेन्द्र मुणोत प्रमुख वक्ता के रुप में उपस्थित थे। जब मुणोत कार्यक्रम पूर्ण कर स्कूल से अपनी सफेद फार्चुनर एसयूवी वाहन से राकेश दुधेड़िया, हीरालाल मांडोत, चन्द्रशेखरय्या, पुखराज श्रीश्रीमाल के साथ विजयनगर के लिए निकल ही रहे थे तो एक समुदाय विशेष के लोगों ने उनके वाहन पर हमला कर दिया। चन्द्रशेखरय्या को एक दो मुक्के लगे परन्तु किसी तरीके से उन्होंने अपना बचाव कर लिया। पुखराज श्रीश्रीमाल एवं हीरालाल मांडोत ने किसी के घर में घुस कर अपने आप को बचा लिया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि महेन्द्र मुणोत अपने ड्राइवर उपेन्द्र के साथ फार्चुनर वाहन में आगे बैठ ही रहे थे तभी 20 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के कुछ युवाओं ने लकड़ी, डंडे व पत्थर से मुणोत के वाहन के कांच तोड़ दिए और उन्हें बाहर खींचकर गिरा दिया। मुणोत ने जब इन लोगों का विरोध किया तो वे अज्ञात लोग उन्हें हिन्दी व उदर्ूं भाषा में गंदी गालियां देते हुए हाथ, घूंसे से मारते जा रहे थे। कुछ युवकों ने तो आसपास पड़े पत्थरों व गाड़ी के टूटे कांच से उन पर हमला कर दिया। उनके बीच बचाव में आए उनके ड्राइवर उपेन्द्र पर भीड़ ने पत्थर से हमला किया और पत्थर लगने से उनकी छाती पर गहरी अंदरूनी चोट आई है। कांच से हमला करने के कारण राकेश दुधेड़िया की बाईं आंख के ऊपर तथा सिर में गहरी चोट आई है तथा टांके लगाए गए हैं।

एक प्रत्यशदर्शी पन्नालाल लूणिया ने बताया कि स्कूल में कार्यक्रम समाप्त होने पर एक वाहन से समणीजी निकलीं ही थीं तथा पीछे पीछे महेन्द्र मुणोत सहित अन्य लोग निकल रहे थे। बताया जा रहा है कि मानो घात लगाकर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। लुणिया ने बताया कि जब वे स्वयं अपने दो पहिया वाहन से बाहर निकल रहे थे हमलावरों ने उन्हें भी रोका था तथा गालियों का उपयोग करते हुए उन पर भी अपना गुस्सा निकाला। उपद्रवी युवकों ने उनकी बाइक की चाबी निकाल ली और उन्हें भगा दिया। जैसे ही लुणिया कुछ आगे बढ़े तो उपद्रवियों ने बाहर निकलते हुए महेन्द्र मुणोत के वाहन पर हमला कर दिया। लुणिया ने बताया कि उन्होंने घटना स्थल के कुछ दूर से यह पूरी घटना अपनी आंखों से होते देख हुए देखी। सबसे पहले उपद्रवियों ने महेन्द्र मुणोत को वाहन से बाहर निकाला, फिर बीचबचाव में आए उपेन्द्र तथा राकेश दुधेड़िया पर भी हमला कर दिया और लात-घूंसों से पीटना शुरु कर दिया। लुणिया ने बताया धीरे धीरे उपद्रवियों की संख्या लगभग 100 से भी अधिक हो गई थी। सभी जोर-जोर से चिल्ला चिल्लाकर महेन्द्र मुणोत को गंदी गालियां दे रहे थे तथा उनके द्वारा किए जा रहे गौरक्षा कार्यों को गलत बता रहे थे।

एक ओर प्रत्यक्षदर्शी रुपचन्द देसरला ने बताया कि जब उन्हें इस बात का पता चला तब वे स्कूल में थे और तुरन्त बाहर निकलकर आए। उन्होंने भी यह घटना अपनी आंखों से देखी। उन्होंने दौड़कर दूसरी गली में गांधी जयंती के लिए एहतियात के रुप में तैनात पुलिसकर्मियों को इस घटना की जानकारी दी। जैसे ही पुलिस की जीप घटना स्थल पर पहुंची तो उपद्रवी घटना स्थल से छंटने लगे। पुलिस ने आते ही घटना स्थल से उपद्रवियों को खदेड़ दिया और हालात पर नियंत्रण कर लिया। पुलिस के हरकत में आते ही चन्द्रा लेआउट व विजयनगर पुलिस थाने को सूचना दी गई । पुलिस ने होयसला जीप में बुरी तरह से घायल महेन्द्र मुणोत, राकेश दुधेड़िया और उपेन्द्रा को विक्टोरिया अस्पताल पहुंचाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना दोपहर करीबन 12.30 बजे घटी । विक्टोरिया अस्पताल में तीनों घायलों का प्राथमिक इलाज कर उनके बयान दर्ज किए गए तथा तीनों घायलों के परिवार जनों ने उन्हें यशवंतपुर स्थित कोलम्बिया एशिया अस्पताल में भर्ती करवा दिया। अस्पताल में डॉ नागा निश्चल की देखरेख में तीनों को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया।

महेन्द्र मुणोत अपने गो प्रेम, मिलनसार स्वभार और समाजसेवा के कार्यों के कारण राजस्थानी समुदाय के साथ साथ स्थानीय लोगों से भी अच्छे रिश्ते बनाए हुए हैं। उन पर हमले की खबर मिलते ही उनका हालचाल जानने के लिए अस्पताल में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटने लगी। मुणोत के परिवारजनों ने चन्द्रालेआउट में अज्ञात लोगों के नाम से मामला दर्ज करवा दिया। मुणोत के समर्थकों ने चन्द्रा लेआउट पुलिस स्टेशन पर मुणोत पर हुए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल में बढ़ती समर्थकों की भीड़ व उनकी जिज्ञासाओं को दूर करने के उद्देश्य से महेन्द्र मुणोत ने डाक्टरों के साथ इमरजेंसी वार्ड से स्ट्रेचर (पलंग) पर बाहर आकर भेंट की और कहा कि आप सभी की दुआओं से मैं अच्छा हूँ, मुझे कुछ नहीं हुआ है। मैं गौ माता की कृपा से शीघ्र ही अच्छा होकर आऊंगा और पूरजोर गोसेवा में लगूंगा। यह छोटे-मोटे हमले मुझे अपने संकल्प से डिगा नहीं सकते। उन्होंने गौ माता की जय जयकार कर सभी से हाथ जोड़कर समभाव रखने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि धैर्य बनाए रखें। अस्पताल में विधान परिषद सदस्य लहरसिंह सिरोया, चिकपेट पार्षद शिवकुमार, समाज के अनेक गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे तथा सभी ने मुणोत व अन्य पीड़ितों से मुलाकात कर कुशलक्षेम पूछी।

सामाजिक कार्यकर्ता विमल कटारिया ने बताया कि पुलिस इस ंहमले को गंभीरता से ले रही है और उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया है। इधर मारवाड़ी समाज में घटना को लेकर चिंता और भय का माहौल बन गया है। जैन समाज के लोग बिना जाति धर्म के भेदभाव के मानव मात्र की सेवा का कार्य करते हैं और इसीलिए उदर्ू स्कूल में कार्यक्रम किया गया था। शांतिप्रिय समाज के किसी सेवा भावी पर जानलेवा हमला होता है तो समुदाय में आक्रोश और चिंता होना स्वाभाविक है। परन्तु उन्हें सरकार और पुलिस पर भरोसा है कि आरोपियों पर कर्रवाई होगी।

स्त्रोत : दक्षिण भारत राष्ट्रमत

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