राष्ट्रघाती ‘लवजिहाद’ का विरोध करना प्रत्येक राष्ट्रप्रेमी का कर्तव्य ही है ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, कलियुग वर्ष ५११६

‘मी मराठी’ समाचारप्रणाल के चर्चासत्र में श्री. रमेश शिंदेने दिए ‘लवजिहाद’ के प्रमाण !

राष्ट्रवादी कांग्रेस का बेढंगा राष्ट्रवाद उजागर !

mee marathiमुंबई : ‘मी मराठी’ समाचारप्रणालपर २० सितंबर को रात्रि ९ बजे आयोजित सरकारी लवजिहाद चर्चासत्र में बोलते समय हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री.रमेश शिंदेने प्रतिपादित किया कि ‘लवजिहाद’ अस्तित्व में है, ऐसा माननेवाली महाराष्ट्र पुलिस की प्रशंसा होनी चाहिए । इस ‘लवजिहाद’ के माध्यम से आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए हिन्दु युवतियोंका उपयोग किया जा रहा है । ऐसे अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति अथवा अन्य हिन्दुनिष्ठ संगठनोंद्वारा ‘लवजिहाद’ का विरोध किए जानेके कारण उसे केवल सांप्रदायिक विवाद के दृष्टिकोण से देखकर धर्मांधोंकी चापलूसी के लिए इसे सहन करना राष्ट्रघाती सिद्ध होगा ।

देश के अस्तित्वपर उठे धर्मांधोंद्वारा आतंकवाद की इस घटनाको प्रत्येक पक्षका ही नहीं, अपितु प्रत्येक राष्ट्रप्रेमी नागरिकद्वारा विरोध किया जाना कर्तव्य ही है । इस चर्चासत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस के अतुल लोंढे ने ‘लवजिहाद’ ऐसा कुछ प्रकार ही नहीं है, ऐसा कहकर हिन्दुनिष्ठ संगठनोंपर अश्‍लाघ्य भाषा में आलोचना करनेका प्रयास किया; परंतु श्री. शिंदेद्वारा समर्पक उत्तर दिए जाने के कारण लोंढे को अपनी भाषा को नियंत्रित करना पडा । निवेदक मयांक भागवत ने सूत्रसंचालन किया ।

श्री. रमेश शिंदेने कहा कि…

श्री. रमेश शिंदे
श्री. रमेश शिंदे

१. सूचना अधिकार के अंतर्गत पुलिस महासंचालकद्वारा दी गई सूचना प्रत हमने सभी माध्यमोंको यथारूप ही दी है । इसलिए हमारेद्वारा मांगी गई जानकारी एवं पुलिसद्वारादी गई जानकारी ‘लवजिहाद’ की नहीं, अपितु अंतरधर्मीय विवाहकी है, ऐसा कहना त्रुटिपूर्ण है । इससे किसी को भी भ्रमित करने का जो आरोप समितिपर लगाया जा रहा है, वह अनुचित है ।
२. यदि महाराष्ट्र की पुलिस ‘लवजिहाद’ के अस्तित्व को मानकर इस देशविनाशक कृत्य के विरोधमें कार्यरत है, तो वह अभिनंदन करने योग्य है ।
३. जिस समय आचारसंहिता चालू थी, उस समय हमने यह विषय समाज जागृति के लिए प्रस्तुत किया । तब भी हमपर दबावतंत्रका उपयोग किया जाता है, ऐसा क्यों ? संविधानद्वारा हमें दिया गया व्यक्ति एवं भाषणस्वातंत्र्य कुचला जा रहा है, इसका क्या करें ?
४. ‘लवजिहाद’ प्रकार अस्तित्व में होने की बातको अस्वीकार करनेवाले अतुल लोंढे का क्या ऐसा कहना है कि राष्ट्रीय निशानेबाज तारा सहदेव का कहना झूठ है ?
५. वर्ष २००७ में लंदन के समाचारपत्रोंमें ऐसा समाचार प्रसिद्ध हुआ था कि वहां के पुलिस आयुक्त इयान ब्लेअर ने ‘लवजिहाद’ के अस्तित्व को स्वीकार किया है । इससे स्पष्ट होता है कि भारतमें चाहे कोई ‘लवजिहाद’ का अस्तित्व स्वीकार करे अथवा न करे, ‘लवजिहाद’ निश्चित रूपसे अस्तित्व में है ।
६. जागतिक स्तरपर इस समस्या से सब भयभीत हो रहे हैं । ऐसी स्थिति में भारत के राजनेताओंद्वारा इसे दुर्लक्षित करना देशहित के लिए विनाशकारी है ।
७. ‘लवजिहाद’ के माध्यम से आयशा नामक धर्मपरिवर्तित लडकी के नामपर अत्यधिक पैसे अधिकोष में रखे गए । इन पैसोंका उपयोग पटनामें प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी की सभा में बमविस्फोट करने हेतु किया गया । इसका अर्थ ‘लवजिहाद’ के माध्यम से इस देश में आतंकवाद का पोषण किया जाता है ।
८. केरल के साम्यवादी पक्ष के भूतपूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंदन ने कहा था कि ‘लवजिहाद’ के माध्यम से केरल का इस्लामीकरण करने का षडयंत्र चालू है । केरल के वर्तमान समय के मुख्यमंत्री ओमेन चंडी ने ‘लवजिहाद’ के माध्यम से २ सहस्र ५०० युवतियोंका धर्मपरिवर्तन होने की घटना को स्वीकारा है । अर्थात ‘लवजिहाद’ का केवल हिन्दुनिष्ठ विरोध करते हैं, ऐसा कहना चूक है ।
९. कुल मिलाकर ‘लवजिहाद’ को हमारा विरोध सांप्रदायिक दृष्टिकोण से नहीं, अपितु राष्ट्रहितपर आघात की दृष्टिसे है, जो राष्ट्राभिमानी कृत्य है ।
१०. हम जो विरोध कर रहे हैं, उससे भाजपा अथवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कोई संबंध नहीं है ।
११. यदि भाजपा के केंद्रीय गृहमंत्री लवजिहाद का अस्तित्व अस्वीकार करते हैं, एवं चापलूसी की राजनीति से आतंकवादकी ओर दुर्लक्ष होता है, तो उसे विरोध होगा ही !

श्री. शिंदेद्वारा अतुल लोंढे को उनकी अनुचित भाषा के विषय में पढाया गया पाठ !

अतुल लोंढे ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी का शासन जब से अस्तित्व में आया, तब से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शावक उद्दंड हो गए हैं । तब श्री. रमेश शिंदेने उन्हें कठोर शब्दों में भान कराते हुए कहा कि जिस पदपर अभी अतुल लोंढे कार्यरत हैं, उन्हें शावक समान भाषा शोभा नहीं देती । उनको चाहिए कि वे समाचार प्रणालपर बोलते समय सभ्यता की मर्यादाओंका पालन करें । तत्पश्चात लोंढे ने अपना बोलनेपर नियंत्रण करते हुए ‘हम समझदार हैं, बुद्धिमानीकी भाषा करते हैं’, ऐसे विधान करना आरंभ किया ।

आतंकवाद के विषय में गंभीरता बताकर भ्रमित करनेवाले लोंढे !

अतुल लोंढे ने कहा कि आतंकवाद के विषय में राष्ट्रवादी कांग्रेस एवं गृहमंत्रालय गंभीर है । इस विषय में हम भरपूर प्रयास कर रहे हैं । इसकी चिंता अन्य लोग न करें । इसपर श्री. शिंदे ने कहा कि २६ नवंबर के आक्रमण के पश्चात राज्य के राष्ट्रवादी कांग्रेस के गृहमंत्री कहते हैं, ‘बडे नगरों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती है ।’ अभी भी मुंबई में क्लोज्ड सर्किट टीवी कैमरे भी लगाए नहीं गए । ऐसी स्थिति में अतुल लोंढे किस गंभीरता की जानकारी दे रहे हैं ?’

अतुल लोंढे की अज्ञानता दर्शानेवाले वक्तव्य !

१. (‘लवजिहाद’ के विषय में सूचना अधिकार के अंतर्गत मिली प्रत प्रणालपर दिखाए जाते समय भी) ‘लवजिहाद’ ऐसा कोई उल्लेख पुलिस की पंजीकरण वही में नहीं रहता । यह जानकारी चूक है । यह भ्रमित करनेका प्रयास है । (सीधे ही झूठापन दिखानेवाले राष्ट्रवादी कांग्रेसी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

२. सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है; परंतु यह देश सर्वधर्मसमभाव से चलता है । हरिजनोंको अधिकार से वंचित करने का यह षडयंत्र चालू है । (मुसलमान कभी भी हरिजन एवं हिन्दू ऐसा भेद नहीं मानते । वे हरिजनोंकी लडकियोंको भी हिन्दूके रूपमें ही स्वधर्म में लाकर वाममार्गपर ले जानेके लिए ‘लव जिहाद’ करते हैं, यह लोंढे समान सर्वधर्मसमभाव के थपेडे खाए राजनेताओंको कब समझ में आएगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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