नर्इ देहली : राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलन में समस्त हिन्दुत्वनिष्ठोंकी मांग – गोरक्षकों को स्वसुरक्षा के लिए शस्त्र रखने की अनुमति दें !

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आन्दोलन में उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठ

नर्इ देहली – अवैध गोहत्या रोकने हेतु विविध गो-प्रेमी संगठनों के युवक अपने प्राण संकट में डालकर गोमाताआें को पशुवधगृह में जाने से रोकने के प्रयास कर रहे हैं । अत: गो-तस्कर गोरक्षा का कार्य करनेवाले कार्यकर्ता तथा पशुवधगृहों का विरोध करनेवालों पर प्राणघातक आक्रमण होने की मात्रा में बढौतरी हुई है । कुछ ही दिन पहले कर्नाटक राज्य में बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रशांत पुजारी की पशुवधगृह बंद करवाने के कारण नृशंस हत्या की गई । हरियाणा में राधाकृष्ण गोशाला चलानेवाले श्री. संदीप कटारिया तथा पुणे के गोरक्षक श्री. मिलींद एकबोटे पर आक्रमण किया गया । उसीप्रकार पंजाब गोरक्षा दल के श्री. सतीशकुमार प्रधान पर भी गोलियां चलाई गयीं ।

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वैदिक उपासना पीठ के श्री. यशपाल शर्मा आन्दोलन को संबोधित करते हुए

कसाइयों ने गो-तस्करी रोकनेवाली पुलिस पर गाडी चढाते हुए उन पर बंदूक से आक्रमण करके उन्हें जान से मारने के प्रयास शुरू किए हैं । गोरक्षकों को समाप्त करने का नियोजनपूर्वक षड्यंत्र रचा जा रहा है । अब स्थिति ऐसी है कि कसाइयों से बढते आक्रमणों से गोरक्षकों की रक्षा करने में पुलिस कम पड रही है । इसलिए कानूनन गोमाता की रक्षा हेतु अपने प्राण संकट में डालनेवाले गोरक्षकों को कम से कम अपनी रक्षा करने के लिए स्वसंरक्षण हेतु शस्त्र रखने की अनुमति दें, गोरक्षकों पर बढते आक्रमणों को रोकने के लिए शासन ठोस कदम उठाएं, तथा देवताआेंके चित्र छपवाकर उनका अपमान करनेवाले, एवं प्रदूषणकारी पटाखों पर पाबंदी लगाएं, इन मांगों के लिए ८ नवंबर, २०१५ को सुबह ११ से १ बजे तक दिल्ली के जंतर मंतर पर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया ।

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हिन्दू जनजागृति समिती की कृतिका खत्री आन्दोलन को संबोधित करते हुए

पटाखों के वेष्टनों पर श्री लक्ष्मी, श्रीकृष्ण, श्रीविष्णु आदि देवी-देवताआें तथा सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह जैसे राष्ट्रपुरुषों के चित्र छापने से उनका घोर अनादर होता है । इससे धार्मिक भावनाआें को ठेस पहुंचती है और कानून और सुव्यस्था का प्रश्‍न भी निर्माण होता है । पटाखों से प्रदूषण भी होता है । इसलिए प्रदूषणकारी एवं श्रद्धास्थानों का अपमान करनेवाले पटाखों पर केंद्रशासन की ओर से स्थाई तौर पर पाबंदी लगाई जाए । एेसी मांग इस आन्दोलनद्वारा की गर्इ ।

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