हिन्दुओंकी धर्मभावनाओंको संजोने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने की आवश्यकता ! – श्री. अभय वर्तक

पंढरपुर हिन्दू महासभा की ओर से सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक ‘हिन्दुत्व शौर्य पुरस्कार’ से सम्मानित

abhay_vartakपंढरपुर-सोलापुर (महाराष्ट्र) : क्या इस देश में केवल मुसलमान, ईसाई एवं बौद्ध धर्मियोंकी भावनाएं हैं एवं हिन्दुओंकी धर्मभावनाएं क्या कूडे-कचरे के समान है ? हिन्दुओंकी धर्मभावनाओंको संजोने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने की आवश्यकता है, सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक ने ऐसा प्रतिपादित किया।

पंढरपुर में हिन्दू महासभा की ओर से महान देशभक्त क्रांतिवीर वसंतदादा बडवे की ३० वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में वे बोल रहे थे।

इस अवसर पर उन्हें ह.भ.प. शंकर महाराज बडवे के शुभहाथों ‘क्रांतिवीर वसंतदादा बडवे शौर्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। शाल, श्रीफल, हार, मानपत्र एवं ११ सहस्र रुपए, पुरस्कार का ऐसा स्वरूप था। इस समय ‘मानपत्र’ पढकर दिखाया गया।

व्यासपीठ पर नगरसेवक श्री. सचिन डांगे, मुख्याधिकारी श्री. शंकर गोरे, ह.भ.प. रामकृष्ण महाराज वीर, ह.भ.प. मारुति महाराज तुनतुने, हिन्दू महासभा के श्री. अभयिंसह कुलकर्णी, नगराध्यक्ष श्रीमती साधनाताई भोसले तथा नगरसेविका श्रीमती वैष्णवी बेणारे के साथ अन्य मान्यवर उपस्थित थे।

इस अवसर पर भूतपूर्व नगराध्यक्ष तथा वस्त्रोंके व्यापारी संगठन के श्री. लक्ष्मीनारायण भट्टड, ह.भ.प. तुनतुने महाराज, हिन्दू महासभा के राम मुंढेवाडीकर (आयु ८० वर्ष) द्वारा भी श्री. अभय वर्तक का सम्मान किया गया।

श्री. अभय वर्तक ने आगे कहा कि,

१. पुलिसद्वारा सनातन के साधकोंकी जांच किए जाते समय सभी साधक उनके प्रश्नों का सामना साहस के साथ करते थे। इसलिए यह पुरस्कार सभी साधकोंका है।

२. राष्ट्र एवं धर्म पर होनेवाले आक्रमणोंका सामना करने हेतु सभी हिन्दू बंधुओंको जात-पात तथा संप्रदाय सें परें एक ‘हिन्दू’ के रुप में संघटित होना चाहिए। हिन्दुओंका पक्ष, एक निश्चित रुप से प्रस्तुत करने हेतु हिन्दुओंको एक ‘प्रवक्ता’ बनने का प्रयास करना चाहिए। हिन्दुओंको अपने भाषा एवं आचरण में ‘हिन्दुत्व’ लाना चाहिए। इसलिए धर्माचरण की बातें हिन्दुओंके हर एक कृती में नजर आनी चाहिये।

ह.भ.प. शंकर महाराज बडवे ने श्री. अभय वर्तकद्वारा बताई गई धर्माचरण की बातोंका पालन करने के विषय में उपस्थितोंको आवाहन किया !

इस अवसर पर क्रांतिवीर बडवे की प्रतिमा को पुष्पहार समर्पित किया गया।

सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक का परिचय श्री. महेश खिस्तेद्वारा किया गया एवं सनातन संस्था के कार्य का परिचय श्री. अभय कुलकर्णी (इचगांवकर) द्वारा करा दिया गया। कार्यक्रम की परिसमाप्ति ‘पसायदान’ से हुई !

क्षणिकाएं

१. श्री. अभय वर्तकद्वारा पत्रकारोंके प्रश्नोंपर दिए जानेवाले उत्तर सुन कर एक महाराज ने कहा कि ईश्वरीय चैतन्य क्या होता है एवं वह कैसे कार्यरत होता है, मुझे आज इसका अनुभव हुआ ! आप की वाणी में सात्त्विकता एवं संयम प्रतीत होता है !

२. हिन्दुत्वनिष्ठ, श्री. वर्तक के भाषण को ‘जय भवानी जय शिवाजी’ तथा ‘जय श्रीराम’ आदि घोषणाओंद्वारा प्रतिसाद दे रहे थे !

श्री. अभय वर्तकद्वारा पत्रकार एवं पुलिस को आवाहन – आप स्वयं को ‘हिन्दू’ कहलवाते हो, तो ‘हिन्दू’ है, ऐसा अपनी कृती से दिखाएं !

श्री. वर्तकद्वारा पत्रकार एवं पुलिस को आवाहन किया गया कि, रझा अकादमी समान संगठन क्या कर सकते हैं, यह आपने देखा है। यदि भविष्य में ऐसे संगठनों में वृद्धि हुई, तो हिन्दुओंकी स्थिति और भी भयंकर हो सकती है। अनेक पुलिस एवं पत्रकार कहते हैं कि हम भी हिन्दू ही हैं, यदि आप हिन्दू हैं, तो हिन्दुओंकी दुरावस्था को ध्यान में रख कर एक ‘हिन्दू’ कि भांति अपनी कृती से दिखाएं !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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