राय न लिए जाने से नाराज कश्मीरी पंडित सडकों पर उतरे, जलाए पाक के झंडे

नई दिल्ली – विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास को लेकर आ रहे विभिन्न सुझावों और बयानों से नाराज कश्मीरी पंडितों ने रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के झंडे भी फूंके। उनका कहना था कि इस मुद्दे पर उनकी भी राय ली जानी चाहिए। गौरतलब है कि विस्थापित पंडितों के पुनर्वास को लेकर केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार और अलगाववादियों की तरफ से अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार से कश्मीरी पंडितों के लिए टाउनशिप बसाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने को कहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कुछ अलगाववादी नेता कश्मीरी पंडितों के लिए अलग टाउनशिप बनाए जाने के विरोध में हैं। पाकिस्तान ने भी इस मामले पर टिप्पणी की थी। पाक के मुताबिक, कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से बस्ती बनाना यूएन सिक्युरिटी काउंसिल के प्रावधानों का उल्लंघन होगा।

‘हम से भी ली जाए राय’

प्रर्दशनकारी इस बात से भी नाराज थे कि राज्य सरकार ने उनके पुनर्वास के लिए 50 एकड़ जमीन अलॉट करने की बात कही है। उनका कहना था कि जितने परिवारों को वहां बसाने की बात कही जा रही है, उसके लिए यह जमीन बेहद कम है। कश्मीरी पंडितों ने मांग की कि घाटी में उनकी वापसी की कोई भी योजना समुदाय से बात किए बगैर तैयार नहीं की जाए।

यह है कश्मीरी पंडितों की अहम मांग

  • १९८९-९० के दौरान घाटी से पंडितों को हटाए जाने की जांच के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार जांच कमीशन गठि‍त करे
  • घाटी से सुनियोजित तरीके से भगाए जाने और कश्मीरी पंडितों की हत्या के मामलों को फिर से खोला जाए और हत्यारों को सजा दी जाए।

सरकार ने दिया बातचीत का भरोसा

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि कश्मीरी पंडितों की वापसी उनका संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने यूपीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दस साल केंद्र और राज्य दोनों में एक ही पार्टी के समर्थन की सरकार रही, लेकिन कश्मीरी पंडितों की समस्या के समाधान की दिशा में कोई काम नहीं किया गया। सिंह ने कहा कि मोदी सरकार इस दिशा में सहमति बनाए जाने के प्रयास कर रही है। इस बारे में सभी पक्षों से बात की जाएगी।

स्त्रोत: दैनिक भास्कर

1 thought on “राय न लिए जाने से नाराज कश्मीरी पंडित सडकों पर उतरे, जलाए पाक के झंडे”

  1. Kashmiri Hindus instead of doing protest, they should negotiate with Government. Kashmiri Hindus must understand that this is the only government which has the capacity to help you. What have you done against Nehruvian Congress who keep you deserted for 25 years? Why are you agitating against this government who wants to help you? Are you thankless?

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