रामनाथ (रायगढ) तथा जलगांवमें क्रांतिकारिकयोंकी प्रदर्शनी !

श्रावण शुक्ल ११, कलियुग वर्ष ५११५

स्वतंत्रतादिनवसके निमित्त हिंदू जनजागृति समितिका राष्ट्ररक्षा अभियान !


रायगढमें प्रदर्शनीका लाभ ऊउठानेवाले विद्यार्थी

रायगढमें प्रदर्शनीका लाभ ऊउठानेवाले विद्यार्थी

रामनाथ (अलिबाग, जनपद रायगढ) – जिन क्रांतिकारिकयोंके बलिदानके कारण आज हम स्वतंत्र भारतमें निवास कर रहे हैं, इस बातका स्मरण कर उनके अनुसार छोटे बच्चोंमें अभीसे गुण एवं राष्ट्रप्रेम छोटे बच्चोंमें अभीसे उत्पन्न हो, इस उद्देश्यसे हिंदू जनजागृति समितिद्वारा स्वतंत्रता दिनवसके निमित्त श्री लक्ष्मी नारायण विद्यामंदिर, बहिरोलेमें क्रांतिकारिकयोंकी प्रदर्शनी आयोजित की गई ।

प्रदर्शनीका अनावरण जिराड गांवके भूतपूर्व सरपंच श्री. अरविंद पाटिलके हाथों श्रीफल बढाकर तथा दीपप्रज्वलन कर हुआ । इस अवसरपर श्री लक्ष्मीनारायण विद्यामंदिरके अध्यक्ष श्री. सुनील थले, समितिके हिंतचिंतक श्री. चांदोरकर सर, श्री. घरत, श्री. माने आदि मान्यवर उपस्थित थे ।

प्रदर्शनीका उद्देश्या बताते हुए सनातन संस्थाकी श्रीमती अर्पिता पाठकने बताया कि, ऐसा प्रतीत होता है कि, वर्तमानकी पिढीको उचित संस्कार प्राप्त न होनेके कारण बच्चोंमें राष्ट्रप्रेमकी मात्रा अल्प है । उनमें राष्ट्रप्रेम उत्पन्न करनेकी अधिक आवश्यकता है; इसलिए समिति इसके लिए कार्यरत है । सनातन संस्थाकी श्रीमती उज्ज्वला पाटिलने राष्ट्रध्वजका आदर करनेके संदर्भमें छात्रोंको मार्गदर्शन किया । अध्यक्षीय भाषणमें श्री. पाटिलने राष्ट्र एवं धर्मके प्रति होनेवाले अनादरके संदर्भमें छात्रोंका प्रबोधन किया ।

१५० विद्यार्थी तथा १० अध्यापकोंने इस प्रदर्शनीका लाभ ऊठाया । कार्यक्रम हेतु पाठशालाके मुख्याध्यापक श्री. अनिल झोपेका सहकार्योग प्राप्त हुआ ।


जलगांवके प्रदर्शनीका अनावरण करते हुए दायीं ओरसे प्रा. चौधरी, श्री. पाटिल तथा कु. कोरगांवकर

जलगांवके प्रदर्शनीका अनावरण करते हुए दायीं ओरसे प्रा. चौधरी, श्री. पाटिल तथा कु. कोरगांवकर

जलगांव – यहां भी १४ तथा १५ अगस्तको मू.जे. महाविद्यालयके जिमखाना सभागृहमें क्रांतिकारिकयोंकी प्रदर्शनी आयोजित की गई थी । इस प्रदर्शनीका अनावरण प्रा. वी.जे. चौधरीके हाथों किया गया । इस अवसरपर हिंदू जनजागृति समितिकी कु. प्रतिक्षा कोरगांवकर तथा धर्मशक्ति सेनाके श्री. विजय पाटिल उपस्थित थे । महाविद्यालयके राष्ट्रप्रेमी छात्रोंने इस प्रदर्शनीका लाभ ऊठाया ।

अनावरणके अवसरपर प्रा. चौधरीने बताया, गीता, भागवत इन धर्मग्रंथोंकी गणना जागतिक वारसउत्तराधिकारके रूपमें की जाती है । समिति इस परंपराको आगे बढानेका कार्य समिति कर रही है । हमारे महाविद्यालयकी ओरसे समितिके इस अभियानको शुभेच्छा । इस प्रकारके राष्ट्र एवं धर्मकार्यके लिए सदैव हमारा सदैव सहकार्योग ही रहेगा ।

श्री. विजय पाटिलने इस समय राष्ट्रध्वजका आदर करनेके संदर्भमें जानकारी देकर सभीको राष्ट्रध्वजका अनादर रोकनेका आवाहन किया । आदित्य धर्माधिकारीने कार्यक्रमका सूत्रसंचालन किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

 

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