2021 में 800 पाकिस्तानी हिन्दुओं को नहीं मिल सकी नागरिकता, वापस लौटे पडोसी देश – रिपोर्ट

भारत में पाकिस्तानी अल्पसंख्यक प्रवासियों के अधिकारों की वकालत करने वाले सीमांत लोक संगठन (एसएलएस) ने दावा किया है कि, राजस्थान में रह रहे करीब 800 पाकिस्तानी हिंदू साल 2021 में आसपास के देशों में लौट गए। संगठन ने बताया है इन प्रवासी हिंदुओं ने भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इस मामले में गृह मंत्रालय ने चार साल पहले ऑनलाइन नागरिकता आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी। इसमें सात राज्यों में 16 कलेक्टरों को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसी, जैन और बौद्धों को नागरिकता देने के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने के लिए भी कहा गया था।

पिछले साल गृह मंत्रालय ने गुजरात, छत्तीसगढ, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के 13 अन्य जिला कलेक्टरों को छह समुदायों के प्रवासियों को नागरिकता कानून, 1955 की धारा 5 और 6 के तहत नागरिकता प्रमाण पत्र देने का अधिकार प्रदान किया था। ‘द हिन्दू’ के अनुसार, नागरिकता आवेदन के बाद प्रक्रिया में कोई प्रगति न देखने के बाद इनमें से कई प्रवासी हिंदू तो वापस पाकिस्तान लौट गए।

‘नागरिकता न मिलने पर बदनाम करती हैं पाकिस्तानी एजेंसियां’

सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा ने बताया कि, जब भारत की नागरिकता न मिलने पर प्रवासी हिन्दू वापस लौट जाते हैं, तो उनका उपयोग पाकिस्तानी एजेंसियां ​​भारत को बदनाम करने के लिए करती हैं। उन्हें मीडिया के सामने परेड किया जाता है और उन्हें बयान देने को मजबूर किया गया कि भारत में उनके साथ बुरा बर्ताव हुआ। उन्होंने बताया कि, नागरिकता हासिल करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है, लेकिन पोर्टल उन पाकिस्तानी पासपोर्टों को स्वीकार नहीं करता है, जिनकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है। इसकी वजह से नागरिकता चाहने वाले लोग अपने पासपोर्ट को रिन्यू कराने के लिए एक बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि यदि यह दस लोगों का परिवार है, तो उन्हें पाकिस्तानी उच्चायोग में पासपोर्ट रिन्यू कराने के लिए एक लाख से अधिक रुपए खर्च करने पड़ते हैं।

‘अकेले राजस्थान में ही 25 हजार पाकिस्तानी हिंदू’

बता दें कि, नागरिकता अधिनियम के प्रावधानों के तहत, सात या अधिक सालों से भारत में रहने वाले विदेशी नागरिकों को संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करने के बाद नागरिकता मिलती है। पिछले साल 22 दिसंबर 2021 को राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के अनुसार 10,365 आवेदन मंत्रालय के पास लंबित पड़े थे। इन आवेदनों में 7306 आवेदन पाकिस्तान की ओर से थे। जोधपुर में रहने वाले हिंदू सिंह सोढा कहते हैं कि अकेले राजस्थान में ही 25 हजार पाकिस्तानी हिंदू हैं जो नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कुछ तो बीते दो दशकों से प्रतिक्षा में हैं।

स्रोत : टीवी ९

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